देहरादून: आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने देहरादून प्रवास के दूसरे दिन रिटायर्ड अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ का कार्य सज्जन सृजित करना है, गौ हत्या न हो इसके लिए सज्जन शक्ति का जागरण करना है. राम मंदिर को लेकर भागवत ने कहा कि राम हमारे अराध्या हैं. राम मंदिर वहीं बने यह विचार हर हिंदुस्तानी का होना चाहिए.
पढ़ें- किराए पर कैमरा लेकर फरार हुआ युवक, पुलिस ने दबोचा
उन्होंने कहा कि राम मंदिर और गौ माता हिंदू संस्कृति का आधार हैं. यह काम होगा तो विश्व में हिंदुत्व की पहचान बनेगी. हिंदी पर बात करते हुये भागवत ने कहा कि हिंदू संस्कृति को बचाए रखना हमारा कर्तव्य है, समानता का आधार ही हिंदी है. संघ प्रमुख ने कहा कि संघ के सभी कार्य हिंदी भाषा में ही होते हैं. हिंदी हमारी मातृभाषा है इसलिये जितना हो सके हम अपने परिवार में राष्ट्रभाषा, मातृभाषा का ही इस्तेमाल करें.
एक पूर्व मुख्य सचिव के सवाल, संघ एक रहस्य है और इस पर एक पर्दा क्यों गिरा हुआ है?, इस पर मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. संघ को समझने के लिए संघ के भीतर रहकर ही समझना पड़ेगा. बाहर से समझना मुश्किल है. संघ का मूल काम नागरिक के कर्तव्यों का जागरण करना है.
इसके साथ ही एक अन्य सवाल के जवाब में भागवत ने कहा कि संघ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार सामाजिक कार्य कर रहा है. बिहार रानीगंज में नक्सलियों के बच्चों के लिए स्कूल बनाये गए हैं. गड़चिरोली महाराष्ट्र में सीआरपीएफ के जवान नक्सल प्रभावित गांव में ग्रामीणों से ही सामान खरीदते हैं.
संघ प्रमुख ने कहा कि सामाजिक समरसता के जरिए ही समाज में जातिगत संघर्ष दूर होगा. इसके लिए शाखाओं के माध्यम से हर व्यक्ति के लिए मंदिर प्रवेश, शमशान एक व पानी एक का भाव जगाना होगा.
बता दें कि मोहन भागवत 8 फरवरी तक देहरादून में रहेंगे. अबतक के प्रवास के दौरान आरएसएस प्रमुख उत्तराखंड के प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात कर चुके हैं. हालांकि, बुधवार को मोहन भागवत ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिवों, इंटर कॉलेजों के प्राचार्यों और संघ शाखा महानगर के 17 कार्यकारिणीओं के साथ बैठक की. इसके साथ आज वो कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत करेंगे.