देहरादून/रामनगर: देहरादून के सरकारी अस्पताल में रविवार को कोरोना वायरस पीड़ित के पहुंचने पर हड़कंप मच गया. जहां चिकित्सकों ने मरीज की जांच करने के बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया. दरअसल, यह एक मॉक ड्रिल थी जिसे कोरोनेशन अस्पताल के सीएमएस की निगरानी में किया गया. वहीं, कोरोना वायरस से निपटने के लिए संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में भी ऐसी ही मॉक ड्रिल की गई.
देहरादून में मॉक ड्रिल के तहत रविवार को शहर के चार बड़े अस्पतालों में मॉक ड्रिल के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच की गई. जिसमें कोटेश्वर अस्पताल की सीएमएस बीसी रमोला ने एक टीम बनाकर सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के नाम पर एक शख्स को अस्पतालों में भेजा गया. इस दौरान मरीज के ट्रीटमेंट और स्वास्थ्य सुविधाओं को जांचने की कोशिश भी की गई. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज, राजकीय चिकित्सालय प्रेमनगर, कोरोनेशन अस्पताल और गांधी शताब्दी अस्पताल में मॉक ड्रिल की गई.
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वहीं, रामनगर संयुक्त चिकित्सालय में भी सीएमएस डॉ. बीडी जोशी की देखरेख में रविवार को मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान डॉ. जोशी ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के पीड़ित कोई मरीज मिलता है तो स्वास्थ विभाग किस तरीके से उसे डील करेगा. उसको लेकर करीब 30 मिनट मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान संदिग्ध मरीज को आइसोलेटेड वार्ड में शिफ्ट कर उसका उपचार शुरू किया गया. सीएमएस बीसी रमोला ने बताया कि कई जगहों पर सुविधाओं में खामियां देखी गई. हालांकि, अधिकतर अस्पतालों में छोटी-मोटी कमियों के अलावा सब कुछ ठीक-ठाक दिखाई दिया.