देहरादून: देश के विभिन्न राज्यों की तर्ज पर मिलावट खोरों पर लगाम लगाने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की तरफ से उत्तराखंड राज्य को साल 2018 में फ़ूड सेफ्टी मोबाइल वैन दी गई थी. लेकिन यह वैन इन दिनों शहर में कहीं प्रयोग होती दिखाई नहीं दे रही है.
बता दें कि एक सामान्य मिनी बस के समान दिखने वाली इस फूड सेफ्टी मोबाइल वैन के अंदर एक विशेष लैबोरेट्री होती है. जिसमें 50 रुपए देकर कोई भी स्थानीय निवासी लैब टेक्नीशियन की मदद से खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जांच करा सकता है. लेकिन दुर्भाग्यवश यह मोबाइल वैन आज तक स्थानीय लोगों ने नहीं देखी.
फूड सेफ्टी मोबाइल वैन के विषय में स्थानीय लोगों का कहना है कि मिलावट खोरी पर लगाम कसने के लिए यह एक बेहतर विकल्प है. लेकिन आज तक कभी इस वैन के बारे में न सुना है और न ही इसे देखा है.
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खाद्य सुरक्षा मुख्यालय के अभिहित अधिकारी आर एस रावत ने Etv भारत के सवाल को स्वीकारते नज़र आए. उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फ़ूड एंड ड्रग अथॉरिटी (FDA) का गठन किया है. ऐसे में इन दिनों FDA मुख्यालय में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है. जिसकी वजह से वर्तमान में फ़ूड सेफ्टी वैन का संचालन रुका हुआ है.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान खाद्य सुरक्षा मुख्यालय के अभिहित अधिकारी आर एस रावत ने आश्वासन दिया कि इस साल चारधाम यात्रा में फूड सेफ्टी मोबाइल वैन को यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयोग में लाया जाएगा. इस वैन में मौजूद लैब में मात्र 50 रुपए देकर यात्री आसानी से किसी भी खाद्य पदार्थ की जांच करा सकेंगे.