देहरादून: 500 मीट्रिक टन क्षमता वाली मोबाइल स्टोरेज यूनिट (mobile storage units) स्थापित कर उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य बन गया है. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में मोबाइल स्टोरेज यूनिट स्थापित की गई है. उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति को लेकर की गई इस पहल के बाद आज खाद्य विभाग एवं WFP (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम) की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां वर्ड फूड प्रोग्राम के बारे में विभिन्न वक्ताओं ने इसकी उपयोगिता और किये गए कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की.
वहीं, कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची खाद्य मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड अपने टीपीडीएस की आपूर्ति श्रृंखला का अनुकूलन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिसकी पहुंच 300 से अधिक तक है. हरिद्वार में अनाज के भंडारण के लिए 500 मीट्रिक टन क्षमता वाली मोबाइल स्टोरेज यूनिट (MSU) को सफलतापूर्वक स्थापित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. हाल के कुंभ मेले के दौरान MSU ने राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग को खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति प्रदान करने में सक्षम बनाया.
खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खाद्य विभाग और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मध्य वर्ष 2020 के फरवरी माह में विभिन्न बिन्दुओं को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे, जिनके तहत परिवहन की लागत में कमी के लिए संपूर्ण टीपीडीएस नेटवर्क की आपूर्ति का ऑप्टिमाइजेशन करना, भंडारण हानियों को कम करने के लिए मोबाइल भंडारण इकाइयों के उपयोग करना, डेटा संग्रह के लिए एक मोबाइल एप का उपयोग करना सहित कई शामिल हैं. जिसमें वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा एक मोबाइल स्टोरेज यूनिट हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर गोदाम में स्थापित की जा चुकी है. साथ ही एक नैनीताल के रामनगर में स्थापित किया जाना है, जिसका कार्य प्रगति पर है.
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वहीं, इसके अलावा WFP ने एक मोबाइल एप खाद्य विभाग को उपलब्ध कराया है, जिससे विभाग के 196 गोदामों और करीब 9100 दुकानों के जीओ कॉर्डिनेट्स लिए गए हैं. साथ ही कहा कि इसी प्रकार से ईएफपी और खाद्य विभाग द्वारा देहरादून जनपद के धर्मपुर में ग्रीन एटीएम की स्थापना की गई है. राज्य में डोर स्टेप डिलीवरी के लिए जीपीएस ट्रैकिंग एप उपलब्ध कराया गया है, जो वर्तमान में 15 गोदामों पर सफलतापूर्वक चल रहा है. साथ ही पीएमजीकेएवाई के प्रचार प्रसार हेतु बैनर पोस्टर भी उपलब्ध कराये गए हैं.
खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि ऐसी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करने से राज्य को नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पूर्व में भी कई राज्यों के साथ मिलकर कार्य किया है, उत्तराखंड का भौगोलिक स्वरूप आपूर्ति श्रृंखला एवं गोदाम प्रबंधन को बहुत बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है और प्रभावित करता है. ऐसे कार्यक्रम निश्चित ही आपदा के समय में आने वाली समस्याओं में दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों को भी खाद्यान्न की कमी को दूर करने में कारगर सिद्ध होते हैं.