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क्या अपने क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं विधायक? CM के आदेश पर भी नहीं भेज रहे प्रस्ताव

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विधायकों को अपनी-अपनी विधानसभा में विकास से संबंधित 10-10 प्रस्ताव लाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद भी विधायकों की ओर से अपने क्षेत्र के प्रस्ताव देने में लापरवाही बरती जा रही है. यही वजह है कि कम ही प्रस्ताव अभी तक मिल पाए हैं. जिस पर कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री की प्रदेश में कोई सुन ही नहीं रहा है.

MLAs are not sending proposals
विकास को लेकर गंभीर नहीं विधायक
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Published : Nov 22, 2022, 5:11 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 10:38 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुले मंच से कांग्रेस हो या बीजेपी सभी 69 विधायकों को अपने-अपने विधानसभा से 10-10 योजनाओं के प्रस्ताव लाने का आह्वान किया था. साथ ही सभी विधायकों को अपनी-अपनी विधानसभा से 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव मुख्यमंत्री घोषणा सेल में जमा कराने को कहा गया था, लेकिन अभी तक 33 विधायकों ने ही अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव भेजे हैं, जबकि अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है.

मुख्यमंत्री घोषणा सेल के मुताबिक, अभी तक 33 विधायकों ने ही अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव भेजे हैं. जिनमें कुमाऊं से 18 और गढ़वाल के 15 विधायक शामिल हैं. यानी अपनी विधानसभा से प्रस्ताव भेजने के मामले में गढ़वाल के विधायकों से आगे कुमाऊं के विधायक हैं. बाकी विधायकों ने सीएम धामी के आह्वान को गंभीरता से नहीं लिया है. जिस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की पूरे प्रदेश में सुन कौन रहा है? उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress Congress spokesperson Garima Dasauni) का कहना है कि मुख्यमंत्री की जिस घोषणा और प्रस्ताव को विधायकों को लपकना चाहिए था, इस बात पर विधायकों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है.

विकास कार्यों को लेकर प्रस्ताव नहीं भेज रहे माननीय.

इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री की बात का पालन प्रदेश में कितना किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं यह दिखाता है कि विधायकों का भरोसा सरकार पर नहीं है कि उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा. हालांकि, कांग्रेस के कितने विधायकों ने अब तक प्रस्ताव दिया है यह बताने में कांग्रेस प्रवक्ता विफल रहीं.
ये भी पढ़ेंः धामी के CM बनते ही भाजपा कांग्रेस के नेता हो गए खामोश, ये है वजह

वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (BJP State President Mahendra Bhatt) का कहना है कि पार्टी के ज्यादातर विधायकों के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं. उनकी जानकारी में केवल दो चार विधायकों ने ही अपने प्रस्ताव नहीं (MLAs are not sending proposals) भेजे हैं, जो कि विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले पहले अपने प्रस्ताव भेज देंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी भी लगातार मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर नजर बनाए हुए हैं.

लिहाजा, बीजेपी के विधायकों की ओर से मांगे गए प्रस्ताव को लेकर पार्टी ने भी आगामी विधानसभा सत्र से पहले सभी 10 प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय में दिए जाने की अपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर से मुख्यमंत्री के इस विजन को बीजेपी के विधायक धरातल पर बताएंगे, हालांकि कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री का साथ देंगे या नहीं इस बात को लेकर बीजेपी में संशय है.

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुले मंच से कांग्रेस हो या बीजेपी सभी 69 विधायकों को अपने-अपने विधानसभा से 10-10 योजनाओं के प्रस्ताव लाने का आह्वान किया था. साथ ही सभी विधायकों को अपनी-अपनी विधानसभा से 10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव मुख्यमंत्री घोषणा सेल में जमा कराने को कहा गया था, लेकिन अभी तक 33 विधायकों ने ही अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव भेजे हैं, जबकि अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है.

मुख्यमंत्री घोषणा सेल के मुताबिक, अभी तक 33 विधायकों ने ही अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव भेजे हैं. जिनमें कुमाऊं से 18 और गढ़वाल के 15 विधायक शामिल हैं. यानी अपनी विधानसभा से प्रस्ताव भेजने के मामले में गढ़वाल के विधायकों से आगे कुमाऊं के विधायक हैं. बाकी विधायकों ने सीएम धामी के आह्वान को गंभीरता से नहीं लिया है. जिस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की पूरे प्रदेश में सुन कौन रहा है? उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress Congress spokesperson Garima Dasauni) का कहना है कि मुख्यमंत्री की जिस घोषणा और प्रस्ताव को विधायकों को लपकना चाहिए था, इस बात पर विधायकों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है.

विकास कार्यों को लेकर प्रस्ताव नहीं भेज रहे माननीय.

इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री की बात का पालन प्रदेश में कितना किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं यह दिखाता है कि विधायकों का भरोसा सरकार पर नहीं है कि उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा. हालांकि, कांग्रेस के कितने विधायकों ने अब तक प्रस्ताव दिया है यह बताने में कांग्रेस प्रवक्ता विफल रहीं.
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वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (BJP State President Mahendra Bhatt) का कहना है कि पार्टी के ज्यादातर विधायकों के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं. उनकी जानकारी में केवल दो चार विधायकों ने ही अपने प्रस्ताव नहीं (MLAs are not sending proposals) भेजे हैं, जो कि विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले पहले अपने प्रस्ताव भेज देंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी भी लगातार मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर नजर बनाए हुए हैं.

लिहाजा, बीजेपी के विधायकों की ओर से मांगे गए प्रस्ताव को लेकर पार्टी ने भी आगामी विधानसभा सत्र से पहले सभी 10 प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय में दिए जाने की अपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर से मुख्यमंत्री के इस विजन को बीजेपी के विधायक धरातल पर बताएंगे, हालांकि कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री का साथ देंगे या नहीं इस बात को लेकर बीजेपी में संशय है.

Last Updated : Nov 22, 2022, 10:38 PM IST
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