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परिवार का मोह छोड़कर अपने फर्ज निभा रही नर्सें, विधायक उमेश शर्मा ने बढ़ाया हौसला

आज दुनियाभर के ज्यादातर देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. कोरोना महामारी के इस दौर में मेडिकल स्टाफ ने अपना सबकुछ झोंका हुआ है. इसमें नर्स अहम भूमिका निभा रही हैं. नर्स अस्पतालों और क्लीनिकों की रीढ़ होती हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड-19 के लाखों मरीज़ों की देखभाल कर रही हैं.

Nurse Day story
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Published : May 12, 2021, 10:25 PM IST

देहरादून: सूबे की राजधानी देहरादून में कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है, जहां एक तरफ संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं इस संक्रमण से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा. ऐसी परिस्थितियों में कुछ लोग मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म मान रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की स्टाफ नर्स कंचन पूरी मुस्तैदी के साथ मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं.

स्टाफ नर्स कंचन
स्टाफ नर्स कंचन.

2006 में टिहरी जिले के नरेंद्र नगर चिकित्सालय में कंचन नैथानी को पहली जॉइनिंग मिली थी. उसके बाद उनका ट्रांसफर दून अस्पताल में हो गया था. बीते साल दून अस्पताल को कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया था, तब से स्टाफ नर्स कंचन नैथानी लगातार कोरोना मरीजों की सेवा कर रही है. देहरादून के कारगी की रहने वाली कंचन नैथानी जॉइंट फैमिली में रहती हैं. परिवार का कोई सदस्य उनकी वजह से कोरोना संक्रमित न हो, इसका वो विशेष ध्यान रखती हैं.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय नर्स डे: खुद को मुसीबत में डाल फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर बचा रही हैं जिंदगी

बीते साल संक्रमण की पहली लहर में वे दून अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ड्यूटी कर चुकी हैं. कोरोना की दूसरी लहर में स्टाफ नर्स कंचन नैथानी वर्तमान में दून अस्पताल के वीआईपी और ईएनटी वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों की सेवा में तैनात हैं. मरीज के साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लिए कंचन की है. कंचन का ढाई साल का बेटा है, जिसे बीते 1 माह से उन्होंने गोद में नहीं उठाया है.

कंचन का कहना है कि ड्यूटी के साथ बच्चे की देखरेख करना काफी कठिन कार्य है. उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि अपने परिवार और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें आइसोलेशन में रहना पड़ता है. ड्यूटी के दौरान मरीजों की जान बचाना उनका पहला कर्तव्य है.

उन्होंने कहा कि परिवार के स्पोर्ट की वजह से वो अपनी ड्यूटी को निभाते हुए मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं. कोरोना संक्रमण की चपेट में आए मरीजों की सेवा कर रही दून अस्पताल के स्टाफ नर्सों का कहना है कि जीवन तो ऊपर वाले के हाथ में होता है, लेकिन लोगों को जितना हो सके संक्रमण से अपने और अपने परिवार को बचाना होगा. क्योंकि इस संक्रमण से बचना हमारे हाथ में हैं, जिसके लिए सावधानी बरतनी आवश्यक है.

विधायक उमेश शर्मा ने केक काटकर मनाया नर्स डे

नर्स डे पर नर्सों को हौसला बढ़ाने के लिए बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने रायपुर के कोविड केयर सेंटर में पहुंचकर केक काटा और उनसे बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में नर्सिंग स्टाफ की अहम जिम्मेदारी है. सभी नर्से इस समय घर परिवार का मोह छोड़कर अपने फर्ज निभा रही है. नर्से पिछले कई दिनों से अपने बच्चों से नहीं मिल पाई है.

देहरादून: सूबे की राजधानी देहरादून में कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है, जहां एक तरफ संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं इस संक्रमण से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा. ऐसी परिस्थितियों में कुछ लोग मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म मान रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की स्टाफ नर्स कंचन पूरी मुस्तैदी के साथ मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं.

स्टाफ नर्स कंचन
स्टाफ नर्स कंचन.

2006 में टिहरी जिले के नरेंद्र नगर चिकित्सालय में कंचन नैथानी को पहली जॉइनिंग मिली थी. उसके बाद उनका ट्रांसफर दून अस्पताल में हो गया था. बीते साल दून अस्पताल को कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया था, तब से स्टाफ नर्स कंचन नैथानी लगातार कोरोना मरीजों की सेवा कर रही है. देहरादून के कारगी की रहने वाली कंचन नैथानी जॉइंट फैमिली में रहती हैं. परिवार का कोई सदस्य उनकी वजह से कोरोना संक्रमित न हो, इसका वो विशेष ध्यान रखती हैं.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय नर्स डे: खुद को मुसीबत में डाल फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर बचा रही हैं जिंदगी

बीते साल संक्रमण की पहली लहर में वे दून अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ड्यूटी कर चुकी हैं. कोरोना की दूसरी लहर में स्टाफ नर्स कंचन नैथानी वर्तमान में दून अस्पताल के वीआईपी और ईएनटी वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों की सेवा में तैनात हैं. मरीज के साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लिए कंचन की है. कंचन का ढाई साल का बेटा है, जिसे बीते 1 माह से उन्होंने गोद में नहीं उठाया है.

कंचन का कहना है कि ड्यूटी के साथ बच्चे की देखरेख करना काफी कठिन कार्य है. उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि अपने परिवार और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें आइसोलेशन में रहना पड़ता है. ड्यूटी के दौरान मरीजों की जान बचाना उनका पहला कर्तव्य है.

उन्होंने कहा कि परिवार के स्पोर्ट की वजह से वो अपनी ड्यूटी को निभाते हुए मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं. कोरोना संक्रमण की चपेट में आए मरीजों की सेवा कर रही दून अस्पताल के स्टाफ नर्सों का कहना है कि जीवन तो ऊपर वाले के हाथ में होता है, लेकिन लोगों को जितना हो सके संक्रमण से अपने और अपने परिवार को बचाना होगा. क्योंकि इस संक्रमण से बचना हमारे हाथ में हैं, जिसके लिए सावधानी बरतनी आवश्यक है.

विधायक उमेश शर्मा ने केक काटकर मनाया नर्स डे

नर्स डे पर नर्सों को हौसला बढ़ाने के लिए बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने रायपुर के कोविड केयर सेंटर में पहुंचकर केक काटा और उनसे बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में नर्सिंग स्टाफ की अहम जिम्मेदारी है. सभी नर्से इस समय घर परिवार का मोह छोड़कर अपने फर्ज निभा रही है. नर्से पिछले कई दिनों से अपने बच्चों से नहीं मिल पाई है.

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