मसूरी : आज उत्तराखंड में पारंपरिक पर्व हरेला बडे़ धूमधाम से मनाया जा रहा है. पहाड़ों की रानी मसूरी में भी विभिन्न क्षेत्रों में हरेला पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. मसूरी के कुली भट्टा ग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में हरेला पर्व पर वृक्षारोपण किया गया. मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कागजी नींबू, अमरूद जैसे फलदार पौधे लगाकर पर्व का शुभारंभ किया.
विधायक गणेश जोशी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है. प्रदेश सरकार भी हरेला पर्व के माध्यम से पूरे प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा पौधे लगा रही है. उन्होंने कहा कि पौधों को लगाए जाने के बाद उनकी देखभाल एक चुनौती होती है. सरकार विभिन्न प्रयासों से उन पौधों को जीवित रखने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार के साथ लगाए गए पौधों को बचाने की जिम्मेदारी देने का काम कर रही है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्शन एंड रिसर्च सोसायटी अध्यक्ष नेहा जोशी ने बताया कि कई जंगल ऐसे हैं जो हरे दिखाई देते हैं परंतु वहां पर पेड़ नहीं है जो चिंता का विषय है. इसको देखते हुए उनकी संस्था और मुंबई की ग्रोओ ट्री संस्था प्रदेश के उद्यान विभाग के सहयोग से करीब एक लाख पौधे मसूरी और आस-पास के क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से लगाने जा रही है. इसमें ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में बांज और बुरांश के पेड़ लगाए जा रहे हैं. निचले इलाकों में फलदार वृक्ष लगाए जा रहे हैं.
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ग्राम प्रधान राकेश रावत ने बताया कि उनका गांव मसूरी से कुछ ही दूरी पर है. मसूरी में इस बार जमकर बर्फबारी हुई परंतु उनका गांव बर्फबारी से महरूम रह गया. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण है कि गांव में ज्यादातर पेड़ों को काट दिया गया है. ऐसे में उनके द्वारा क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसका शुभारंभ हरेला पर्व पर किया गया.