देहरादूनः नई दिल्ली में केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Purushottam Rupala) की अध्यक्षता में आयोजित एनएफडीडी की प्रबंधन कमेटी की 9वीं वार्षिक बैठक में उत्तराखंड के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन मंत्री सौरभ बहुगुणा (Uttarakhand Animal Husbandry Minister Saurabh Bahuguna) ने प्रतिभाग किया. बैठक में मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड में योजनाएं लाए जाने की मांग की गई है. केंद्रीय मंत्री द्वारा उत्तराखंड को आवश्यक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया.
बैठक में प्रदेश में फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज (lumpy skin disease) पर नियंत्रण पाने हेतु भारत सरकार से आवश्यक सहयोग एवं राज्य के पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया. कैबिनेट मंत्री सौरभ द्वारा केंद्र सरकार द्वारा मात्स्यिकी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत उत्तराखंड राज्य हेतु गत दो वर्षों में स्वीकृत प्रोजेक्ट 114.22 करोड़ रुपए हेतु भारत सरकार एवं एनएफडीडी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया.
उन्होंने बैठक में बताया कि उत्तराखंड में मात्स्यिकी विकास हेतु बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सहित पांच वर्षीय योजना तैयार की गई है. इस हेतु भारत सरकार एवं एनएफडीडी से मात्स्यिकी क्षेत्र में निर्मित अवसंरचनाओं एवं फसल के बीमा, पर्वतीय क्षेत्रों में निर्बल वर्ग के सहायता हेतु रनिंग वाटर तालाब निर्माण, ग्राम समाज के तालाबों का सुधार जैसी गतिविधियों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में सम्मिलित करते हुए राज्य हेतु योजना में अधिक से अधिक धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया. उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत अनुदान धनराशि को भी बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया, साथ ही उत्तराखंड में पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्र होने के दृष्टिगत दोनों क्षेत्रों में 1-1 राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क स्थापित कराए जाने की भी मांग की.
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इसके अलावा राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के माध्यम से एंग्लिंग पर्यटन के विकास हेतु अभिनव तकनीकियां का सम्मिलित करते हुए एक विशिष्ट राज्य स्तरीय एंग्लिंग पोर्टल तैयार किए जाने का अनुरोध किया गया.
नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन योजना जो राज्य के 2 जनपदों में संचालित है को राज्य के समस्त जनपदों में संचालित करने की स्वीकृति तथा योजना के संचालन हेतु आवश्यक धनराशि अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया. इसके साथ ही पशुपालकों को उनके द्वार पर मोबाइल वेटरनरी वैन के माध्यम से आधुनिक तकनीकी से परीक्षण व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य को 35 अतिरिक्त मोबाइल वेटरनरी वैन उपलब्ध कराने, मोबाइल वेटरनरी वैन के संचालन हेतु धनराशि अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया.
राज्य में भेड़ों के नस्ल सुधार तथा ऊन की गुणवत्ता में सुधार हेतु नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के अंतर्गत 500 मेरिनो भेड़ों के आयात की स्वीकृति प्रदान करने, पशु रोगों पर नियंत्रण हेतु राज्यों को सहायता तथा पीपीआर रोग उन्मूलन योजना अंतर्गत प्रेषित प्रोजक्टों के अनुसार धनराशि यथाशीघ्र अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया गया. नेशनल डेरी प्लान-2 में उत्तराखंड राज्य को सम्मिलित करने तथा जीका-बी समर्थित डेरी विकास के अंतर्गत भी आवश्यक सहयोग प्रदान करने की भी अपेक्षा की गई.