देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य प्रदेश में लिंगानुपात को समान करने के लिए शिवरात्रि के शुभ अवसर से एक अभियान शुरू करने जा रही हैं. मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि 26 जुलाई को हरकी पैड़ी से मां गंगा के पूजन और साधु संतों के आशीर्वाद साथ यह अभियान शुरू किया जाएगा. 'देवियों की भूमि' स्लोगन के साथ अभियान का शुभारंभ किया जाएगा. उसके बाद वहां से जल भरकर मंत्री रेखा आर्य कांवड़ियों के साथ करीब 25 किमी पैदल यात्रा करेंगी. जिसके बाद करीब 1300 वर्ष पुराने अंतिम पड़ाव वीरभद्र मंदिर में मुख्यमंत्री के साथ भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ संकल्प लिया जाएगा. मंत्री रेखा आर्य को विश्वास है कि इससे प्रदेश की रजत जयंती पर उत्तराखंड में लिंगानुपात समान होगा और देवियों की भूमि से एक संकीर्ण मानसिकता का विनाश होगा.
बुधवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि यह अभियान पूरे राज्य में चलाया जाएगा. वह पैदल कांवड़ यात्रा कर इस अभियान को शुरू करेंगी, तो प्रदेश के सभी जिलों में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास से जुड़े अधिकारी कर्मचारी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के अभियान के लिए अपने नजदीकी शिवालयों में इस दिन जलाभिषेक करेंगी. आर्य ने कहा कि जब बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाणा से हुई थी तो उसके बाद जब उत्तराखंड में भी लिंगानुपात के आंकड़ों को देखा गया, तो 2017 तक उत्तराखंड में भी 1000 लड़कों पर 850 लड़कियां थीं.
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इसके बाद प्रदेश सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को वृहद स्तर पर चलाया, तो आज उत्तराखंड में लिंगानुपात का आंकड़ा 1000 बालकों पर 950 बालिकाओं का है. जिस पर अब लक्ष्य रखा गया है कि प्रदेश की रजत जयंती के अवसर पर यह आंकड़ा 1000 पर 1000 का हो और उत्तराखंड से एक सन्देश जाए कि यह मात्र देवों की ही नहीं बल्कि देवियों की भूमि भी है.
वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रूण हत्या को रोकने के लिए संकल्पबद्ध है और अगर उसके बाद भी कहीं चोरी-छिपे लिंग जांच जैसा अपराध हो रहा होगा, तो उसके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई अपनाई जाएगी. ऐसे में जल्द ही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से भी इसके लिए एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाएगा. साथ ही जो भी इस जघन्य अपराध की जानकारी देगा, उसे पारितोषिक देने का कार्य भी किया जाएगा.