देहरादून: विपक्ष के लगातार हंगामे के बावजूद धामी सरकार का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. केवल 4 दिन तक चलने वाला यह बजट 14 जून से शुरू होकर 20 जून तक होना था. सत्ता पक्ष ने बेहद कम समय तक चले इस बजट सत्र के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया गया है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से खास बातचीत की.
विपक्ष ने नहीं चलने किया सदन: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह विपक्ष का फेलियर है कि विपक्ष सदन में चर्चा करने की जगह पूरे 4 दिन तक विपक्ष हंगामा ही करता रहा और सदन में व्यवधान ही पैदा करता रहा.
विपक्ष को भागने की बजाय सदन में चर्चा की जरूरत: प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए बजट विधेयक बेहद महत्वपूर्ण होता है. विपक्ष को चाहिए था कि बजट पर गंभीरता से चर्चा करता और अगर बजट बनाने में सरकार ने कोई कमी रखी तो उसको उजागर करता लेकिन जिस तरह से विपक्ष बजट पर चर्चा करने से भागता रहा. हंगामा करके सदन में व्यवधान खड़ा करता रहा. इससे साफ लगता है कि विपक्ष प्रदेश हित में बिल्कुल भी नहीं है.
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विपक्ष नहीं कर रहा था संसदीय परंपराओं का पालन: पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इन 4 दिनों के विधानसभा सत्र में देखा गया कि विपक्ष के विधायक अपने सवाल का जवाब सुनने के लिए बिल्कुल तैयार ही नहीं थे, एक सवाल पर तीन अनुपूरक की जगह कई सवाल पूछे जा रहे थे. इससे साफ पता चलता है कि संसदीय परंपराओं को लेकर भी विपक्ष बिल्कुल भी गंभीर नहीं था.
प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक: हल्द्वानी में हुए लाठीचार्ज को लेकर प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अब हल्द्वानी में स्थिति बिल्कुल सामान्य है. अब किसी भी तरह का कोई ना तो चक्का जाम है और ना ही कानून व्यवस्था में किसी तरह का कोई व्यवधान है. उन्होंने कहा कि हल्द्वानी घटना एक खास तरह के लोगों द्वारा प्रेरित थी.
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अग्निपथ योजना पर सबको समझने की जरूरत: प्रेमचंद अग्रवाल ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा कि इस योजना को लेकर हमसब को समझने की जरूरत है. इसके दूरगामी परिणाम बेहद अच्छे होंगे. खासतौर से उन्होंने उत्तराखंड के परिपेक्ष में कहते हुए बोला कि उत्तराखंड वीरभूमि है. यहां पर हर एक उस छात्र को मौका मिल पाएगा जो कि देश की सेना में शामिल होना चाहता है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर हमें उग्र होने की जगह चिंतन करने की जरूरत है. विपक्ष युवाओं को बरगलाने का काम ना करें.