मसूरी: कोरोना से जंग के बीच ऑक्सीजन का स्तर मापने वाले उपकरणों की खरीद विवादों में घिर गई है. खुद सत्तापक्ष के विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने पल्स ऑक्सीमीटरों की खरीद पर सवाल उठा प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है. जिसके बाद मसूरी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ऑक्सीमीटर को लेकर कोई घोटाला नहीं हुआ है.
गणेश जोशी ने कहा है कि चाइनीज ऑक्सीमीटर खरीदे गए थे, जिसमें कुछ ऑक्सीमीटर खराब निकल गये. ऐसे में उनके द्वारा भी 4 हजार ऑक्सीमीटर खरीदे गए, जिसमें 300 से ज्यादा खराब निकले. ऑक्सीमीटर खरीदने को लेकर कोई घोटाला नहीं हुआ है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोई बढ़िया गाड़ी में कई बार तकनीकी दिक्कत आ जाती है, परंतु विपक्ष के मित्रों को हर चीज में घोटाला दिखाई देता है. क्योंकि उनके द्वारा हमेशा से ही घोटाला किया गया है.
उन्होंने कहा कि हमेशा से विपक्ष द्वारा बेवजह के आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जाती रही, जबकि इस समय विपक्ष को सरकार के साथ मिलकर कोरोना संक्रमण से लड़ने में साथ देना चाहिये था, जिसका लाभ जनता को मिलता. उन्होंने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अब बाहर निकल रहे है, जब कोरोना संक्रमण पीक पर था. तब विपक्ष के लोग अपने घरों में कैद थे और भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम कर लोगों की मदद कर रहा था.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए हर जिले में प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गए. उनको सबसे संवेदनशील देहरादून जिले का मंत्री बनाया गया, जिसको लेकर वह अपने सहयोगियों और अधिकारियों के साथ मिलकर दिनरात काम कर रहे है और कोशिश की जा रही है कि संक्रमण की चेन को तोड़ा जाए और लोगों को बचाया जा सके. प्रदेश सरकार द्वारा हर जिले में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड बनाए गए हैं. वहीं, कई जगह ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित कर दिए गए हैं, जिससे कि लोगों को ऑक्सीजन की दिक्कत ना हो.