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कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटने तैयारी में जुटी सरकार, मंत्री जोशी ने की समीक्षा बैठक - तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू

कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटने की तैयारियों को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.

Minister Ganesh Joshi
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Published : Jun 30, 2021, 10:38 PM IST

देहरादून: कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार से लेकर प्रशासन और आम लोगों ने जिस तरह के लापरवाही बरती उसका नतीजा कोरोना की दूसरी लहर में देखने के मिला. यही कारण है कि अब सरकार के दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी. इसको लेकर बुधवार को देहरादून जिले के कोविड प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों के साथ अपने कैंप कार्यालय में बैठक की.

कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटने की तैयारियों को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ तृप्ति बहुगुणा, देहरादून जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उप्रेती और तीसरी लहर हेतु बाल चिकित्सा नोडल अधिकारी मौजूद रहे.

पढ़ें- उत्तराखंड में भाजपा ने तेज की चुनावी तैयारी, दिसंबर तक शीर्ष नेताओं की रैलियां

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने डेल्टा प्लस में कोविड उपचार के प्रोटोकॉल को लेकर अधिकारी से जानकारी ली. महानिदेशक स्वास्थ्य ने मंत्री जोशी की बताया कि उपचार प्रोटोकॉल पूर्व की ही भांति रहेगा. उपचार भी लक्षण आधारित ही दिया जाना है. बच्चों के लिए पीने वाली दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा चुकी है. डॉक्टरों का जोर जल्द से जल्द संक्रमण का पता लगाने पर है. ताकि संक्रमितों को तत्काल आइसोलेट कर संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.

महानिदेशक स्वास्थ्य ने बताया कि इसके लिए अतिरिक्त राजकीय व निजी बाल रोग विशेषज्ञों का प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है. इसके बाद स्टॉफ नर्स, एएनएम और आशाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि बाल रोगियों को कैसे हैंडल किया जाए? संक्रमण का पता लगाने हेतु जांच कैसे की जाए और आइसोलेशन की क्या व्यवस्था होगी?

प्रभारी मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि दूसरी लहर के अनुभवों से सबक लेते हुए उपचार को विकेन्द्रीकृत तौर पर उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था की जाए. ताकि 'जहां बीमार, वहीं उपचार' के तहत उच्च सेंटरों को गंभीर मरीजों हेतु उपलब्ध करवाया जा सके.

पढ़ें- उत्तराखंड: बुधवार को मिले 177 नए संक्रमित, 243 हुए ठीक, 3 की मौत

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जानकारियों से अपडेट रखते हुए रणनीति बनाने व लागू करने की प्रक्रिया में सम्मिलित रखा जाए. इसके साथ ही अधिक से अधिक टीकाकरण कर बचाव की प्रक्रिया को भी तेज किया जाए. वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार रेहड़ी-पटरी वालों, फल सब्जी की रेहड़ी वालों को जिनके पास स्मार्ट फोन चलाने करने इत्यादि की दिक्कतें हों, उन्हें ऑन स्पॉट वैक्सीनेट किए जाने की व्यवस्था बनाई जाए.

मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के संबंध में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मसूरी में आगामी 10 जुलाई से प्लांट संचालित हो जाएगा. कालसी और प्रेमनगर में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के माध्यम से प्लांट स्थापित किए जाने की प्रक्रिया गतिमान है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मसूरी के गनहिल स्थित सेंटमैरी हॉस्पिटल परिसर को नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर विकसित किए जाने की संभावनाओं को परखते हुए प्रस्ताव तैयार करें.

देहरादून: कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार से लेकर प्रशासन और आम लोगों ने जिस तरह के लापरवाही बरती उसका नतीजा कोरोना की दूसरी लहर में देखने के मिला. यही कारण है कि अब सरकार के दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी. इसको लेकर बुधवार को देहरादून जिले के कोविड प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों के साथ अपने कैंप कार्यालय में बैठक की.

कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटने की तैयारियों को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ तृप्ति बहुगुणा, देहरादून जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उप्रेती और तीसरी लहर हेतु बाल चिकित्सा नोडल अधिकारी मौजूद रहे.

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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने डेल्टा प्लस में कोविड उपचार के प्रोटोकॉल को लेकर अधिकारी से जानकारी ली. महानिदेशक स्वास्थ्य ने मंत्री जोशी की बताया कि उपचार प्रोटोकॉल पूर्व की ही भांति रहेगा. उपचार भी लक्षण आधारित ही दिया जाना है. बच्चों के लिए पीने वाली दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा चुकी है. डॉक्टरों का जोर जल्द से जल्द संक्रमण का पता लगाने पर है. ताकि संक्रमितों को तत्काल आइसोलेट कर संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.

महानिदेशक स्वास्थ्य ने बताया कि इसके लिए अतिरिक्त राजकीय व निजी बाल रोग विशेषज्ञों का प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है. इसके बाद स्टॉफ नर्स, एएनएम और आशाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि बाल रोगियों को कैसे हैंडल किया जाए? संक्रमण का पता लगाने हेतु जांच कैसे की जाए और आइसोलेशन की क्या व्यवस्था होगी?

प्रभारी मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि दूसरी लहर के अनुभवों से सबक लेते हुए उपचार को विकेन्द्रीकृत तौर पर उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था की जाए. ताकि 'जहां बीमार, वहीं उपचार' के तहत उच्च सेंटरों को गंभीर मरीजों हेतु उपलब्ध करवाया जा सके.

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जानकारियों से अपडेट रखते हुए रणनीति बनाने व लागू करने की प्रक्रिया में सम्मिलित रखा जाए. इसके साथ ही अधिक से अधिक टीकाकरण कर बचाव की प्रक्रिया को भी तेज किया जाए. वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार रेहड़ी-पटरी वालों, फल सब्जी की रेहड़ी वालों को जिनके पास स्मार्ट फोन चलाने करने इत्यादि की दिक्कतें हों, उन्हें ऑन स्पॉट वैक्सीनेट किए जाने की व्यवस्था बनाई जाए.

मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के संबंध में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मसूरी में आगामी 10 जुलाई से प्लांट संचालित हो जाएगा. कालसी और प्रेमनगर में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के माध्यम से प्लांट स्थापित किए जाने की प्रक्रिया गतिमान है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मसूरी के गनहिल स्थित सेंटमैरी हॉस्पिटल परिसर को नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर विकसित किए जाने की संभावनाओं को परखते हुए प्रस्ताव तैयार करें.

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