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प्रवासी बेरोजगारों को उपनल के जरिए मिलेगी अस्थाई नौकरी, शासनादेश जारी - temporary employment through Upanal in Uttarakhand

कोरोना काल में प्रदेश लौटे प्रवासी बेरोजगारों को सरकार उपनल के अस्थाई रोजगार उपलब्ध करवाएगी. इसके लिए आज शासनादेश भी जारी कर दिया गया है

Migrant unemployed will get temporary jobs through Upanal in Uttarakhand
प्रवासी बेरोजगारों को उपनल के जरिए मिलेगी अस्थाई नौकरी
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Published : Sep 16, 2020, 8:51 PM IST

देहरादून: कोरोना काल में राज्य सरकार प्रदेश में लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उपनल के जरिये अस्थाई भर्ती करने की योजना बनाई है. उपनल के जरिए बेरोजगार उत्तराखंड वासियों अस्थाई रोजगार देने के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया है.

बता दें कि 4 सितंबर को हुए कैबिनेट की बैठक में बेरोजगार उत्तराखंड वासियों को उपनल के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर मंत्रिमंडल में मंजूरी दी थी. जिसके बाद बुधवार को उत्तराखंड शासन ने इसके लिए शासनादेश भी जारी कर दिया है. हालांकि, अभी उपनल से केवल पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को ही रोजगार दिया जाता रहा है.

Migrant unemployed will get temporary jobs through Upanal in Uttarakhand
शासनादेश

ये भी पढ़े: उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की नहीं होंगी परीक्षाएं

प्रदेश में उपनल सरकारी व अर्द्ध सरकारी कार्यालयों में आउट सोर्सिंग के जरिये कर्मचारी उपलब्ध करवाता है. वर्तमान में उपनल के जरिये प्रदेश में तकरीबन 20 हजार लोग काम कर रहे हैं. जो अलग-अलग विभागों में सिक्योरिटी गार्ड से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर व मैनेजर जैसी अहम जिम्मेदारियां भी संभाल रहे हैं.

पढ़ें: आम से खास को संक्रमित करता कोरोना वायरस, पढ़िए पूरी खबर

पहले उपनल के जरिये पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के अलावा अन्य कुशल श्रमिकों की तैनाती की जाती थी. जिसे साल 2016 में प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया था. आदेश में इस बात को स्पष्ट किया गया था कि उपनल के माध्यम से सिर्फ पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

पढ़ें- अनुपमा गुलाटी हत्याकांड: दोषी राजेश गुलाटी की जमानत याचिका पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा

शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तहत 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के अन्तर्गत यह आवश्यक है कि जो प्रवासी राज्य में वापस आये हैं, उन्हें उनके अनुभव और योग्यता के अनुसार काम दिया जाये. अब प्रदेश में बेराजगार प्रवासियों को उपनल के माध्यम से अस्थाई रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.

पढ़ें-CORONA: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या हुई 965

इसके साथ ही राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम 'उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) के माध्यम से स्वास्थ्य, हाउसकीपिंग, हास्पिटेलिटी एवं तकनीकी आदि क्षेत्रों में मांग के सापेक्ष उपनल में पंजीकृत भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के उपलब्ध न होने की स्थिति में इन क्षेत्रों में प्रवासी बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा. जिसके लिए 31 मार्च 2021 तक पंजीकृत अभ्यर्थियों में से कुशल लोगों को वरीयता देते हुए रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. ये रोजगार 11 महीनों के लिए दिया जाएगा.

देहरादून: कोरोना काल में राज्य सरकार प्रदेश में लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उपनल के जरिये अस्थाई भर्ती करने की योजना बनाई है. उपनल के जरिए बेरोजगार उत्तराखंड वासियों अस्थाई रोजगार देने के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया है.

बता दें कि 4 सितंबर को हुए कैबिनेट की बैठक में बेरोजगार उत्तराखंड वासियों को उपनल के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर मंत्रिमंडल में मंजूरी दी थी. जिसके बाद बुधवार को उत्तराखंड शासन ने इसके लिए शासनादेश भी जारी कर दिया है. हालांकि, अभी उपनल से केवल पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को ही रोजगार दिया जाता रहा है.

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शासनादेश

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प्रदेश में उपनल सरकारी व अर्द्ध सरकारी कार्यालयों में आउट सोर्सिंग के जरिये कर्मचारी उपलब्ध करवाता है. वर्तमान में उपनल के जरिये प्रदेश में तकरीबन 20 हजार लोग काम कर रहे हैं. जो अलग-अलग विभागों में सिक्योरिटी गार्ड से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर व मैनेजर जैसी अहम जिम्मेदारियां भी संभाल रहे हैं.

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पहले उपनल के जरिये पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के अलावा अन्य कुशल श्रमिकों की तैनाती की जाती थी. जिसे साल 2016 में प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया था. आदेश में इस बात को स्पष्ट किया गया था कि उपनल के माध्यम से सिर्फ पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

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शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तहत 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के अन्तर्गत यह आवश्यक है कि जो प्रवासी राज्य में वापस आये हैं, उन्हें उनके अनुभव और योग्यता के अनुसार काम दिया जाये. अब प्रदेश में बेराजगार प्रवासियों को उपनल के माध्यम से अस्थाई रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.

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इसके साथ ही राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम 'उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) के माध्यम से स्वास्थ्य, हाउसकीपिंग, हास्पिटेलिटी एवं तकनीकी आदि क्षेत्रों में मांग के सापेक्ष उपनल में पंजीकृत भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के उपलब्ध न होने की स्थिति में इन क्षेत्रों में प्रवासी बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा. जिसके लिए 31 मार्च 2021 तक पंजीकृत अभ्यर्थियों में से कुशल लोगों को वरीयता देते हुए रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. ये रोजगार 11 महीनों के लिए दिया जाएगा.

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