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बाजारों को ऑड-ईवन की तर्ज पर खोलने के विरोध में उतरे व्यापारी, सरकार पर साधा निशाना

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Published : Jul 13, 2020, 10:23 PM IST

कोरोना इफेक्ट के कारण देहरादून प्रशासन बाजारों को ऑड-ईवन तर्ज पर खोलेने का विचार कर रहा है, जिसका व्यापारी वर्ग विरोध कर रहा है.

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बाजारों को ऑड-इवन की तर्ज पर खोलने के विरोध में उतरा व्यापारी वर्ग

देहरादून: राजधानी देहरादून में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. जिसके कारण शासन-प्रशासन की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. अनलॉक 2 के बाद शहर के मुख्य बाजारों में लगने वाली भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के मामले बढ़े. जिसके बाद जिला प्रशासन ने पलटन बाजार, मोती बाजार, पीपल मंडी, हनुमान चौक जैसे तमाम व्यस्ततम बाजारों को ऑड ईवन तर्ज पर 33% खोलने पर विचार कर रहा है, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं.

उधर देहरादून व्यापार मंडल ने इस मामले में जिला प्रशासन से बाजार में भीड़भाड़ और व्यवस्थित पार्किंग करने के लिए 3 दिन का समय मांगा है. ताकि शहर के अलग-अलग व्यस्ततम बाजारों में व्यवस्था बनाई जा सके.

बाजारों को ऑड-ईवन की तर्ज पर खोलने के विरोध में उतरा व्यापारी वर्ग.

पढ़ें- सीबीएसई ने जारी किए 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम, इस लिंक से देखें

किसी भी हाल में ऑड ईवन निर्णय को स्वीकार नहीं: व्यापारी

व्यापारी वर्ग का कहना है पहले ही कोरोना और लॉकडाउन के कारण उन्हें अच्छा-खासा नुकसान हुआ है. उसके बाद अब जिला प्रशासन बाजारों को ऑड ईवन तर्ज पर 33% खोलने पर विचार कर रहा है. जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए धमावाला बाजार, पीपल मंडी, झंडा बाजार, हनुमान चौक एवं मोती बाजार जैसे तमाम मुख्य बाजारों के व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि वे इस फैसले का विरोध करेंगे. व्यापारियों का कहना है कि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए तनख्वाह नहीं है. ऐसे में अगर 33 फीसदी दुकानों को ही नम्बरिंग कर खोलने की अनुमति दी जाएगी तो इससे व्यापारी पूरी तरह से टूट जाएंगे.

पढ़ें- आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से महरूम ग्रामीण, पैदल नापनी पड़ती है दूरी

सरकार व्यापारियों को बना रही निशाना
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए मुख्य खाद्य बाजारों के व्यापारियों ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी में अपनी व्यवस्थाओं की कमी छुपाने के चलते व्यापारी वर्ग पर ही चाबुक चलाने पर आमादा है. शराब की दुकानों में लगने वाली भीड़ जिला प्रशासन को नजर नहीं आती. बमुश्किल अनलॉक-2 में व्यापारी वर्ग किसी तरह से अपने व्यापार को पटरी पर लाने की राह मिली है, उसे भी सरकार बंद कर रही है. उन्होंने कहा सरकार कोरोना महामारी का ठीकरा व्यापारी वर्ग पर डाल अपनी कमियों को छुपाने में लगी है.

देहरादून: राजधानी देहरादून में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. जिसके कारण शासन-प्रशासन की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. अनलॉक 2 के बाद शहर के मुख्य बाजारों में लगने वाली भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के मामले बढ़े. जिसके बाद जिला प्रशासन ने पलटन बाजार, मोती बाजार, पीपल मंडी, हनुमान चौक जैसे तमाम व्यस्ततम बाजारों को ऑड ईवन तर्ज पर 33% खोलने पर विचार कर रहा है, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं.

उधर देहरादून व्यापार मंडल ने इस मामले में जिला प्रशासन से बाजार में भीड़भाड़ और व्यवस्थित पार्किंग करने के लिए 3 दिन का समय मांगा है. ताकि शहर के अलग-अलग व्यस्ततम बाजारों में व्यवस्था बनाई जा सके.

बाजारों को ऑड-ईवन की तर्ज पर खोलने के विरोध में उतरा व्यापारी वर्ग.

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किसी भी हाल में ऑड ईवन निर्णय को स्वीकार नहीं: व्यापारी

व्यापारी वर्ग का कहना है पहले ही कोरोना और लॉकडाउन के कारण उन्हें अच्छा-खासा नुकसान हुआ है. उसके बाद अब जिला प्रशासन बाजारों को ऑड ईवन तर्ज पर 33% खोलने पर विचार कर रहा है. जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए धमावाला बाजार, पीपल मंडी, झंडा बाजार, हनुमान चौक एवं मोती बाजार जैसे तमाम मुख्य बाजारों के व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि वे इस फैसले का विरोध करेंगे. व्यापारियों का कहना है कि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए तनख्वाह नहीं है. ऐसे में अगर 33 फीसदी दुकानों को ही नम्बरिंग कर खोलने की अनुमति दी जाएगी तो इससे व्यापारी पूरी तरह से टूट जाएंगे.

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सरकार व्यापारियों को बना रही निशाना
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए मुख्य खाद्य बाजारों के व्यापारियों ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी में अपनी व्यवस्थाओं की कमी छुपाने के चलते व्यापारी वर्ग पर ही चाबुक चलाने पर आमादा है. शराब की दुकानों में लगने वाली भीड़ जिला प्रशासन को नजर नहीं आती. बमुश्किल अनलॉक-2 में व्यापारी वर्ग किसी तरह से अपने व्यापार को पटरी पर लाने की राह मिली है, उसे भी सरकार बंद कर रही है. उन्होंने कहा सरकार कोरोना महामारी का ठीकरा व्यापारी वर्ग पर डाल अपनी कमियों को छुपाने में लगी है.

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