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ऋषिकेश की धर्मशालाओं को भूमाफिया से बचाने की गुहार, 150 में से बचीं सिर्फ 20-22, सीएम धामी को भेजा ज्ञापन

ऋषिकेश को संतनगरी कहा जाता है. कभी इसे धर्मशालाओं की नगरी भी कहा जाता था. लेकिन अब यहां की ज्यादातर धर्मशालाओं पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है. ऋषिकेश में कभी 150 धर्मशालाएं थीं, जो अब सिर्फ 20-22 रह गई हैं.

Memorandum to CM
ऋषिकेश समाचार
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Published : Apr 6, 2023, 9:11 AM IST

ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से कम होती जा रही धर्मशालाओं को बचाने के लिए शहर में एक बार फिर से आवाज उठी है. इस बार उत्तराखंड जन विकास मंच ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए मुख्यमंत्री से शहर की धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द होने से बचाने की मांग की है. इस संबंध में मंच से जुड़े सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.

ऋषिकेश की धर्मशालाओं पर भूमाफिया की नजर: उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में मंच के सदस्य एसडीएम कार्यालय पहुंचे. सभी सदस्यों ने एसडीएम से मुलाकात की. इस दौरान उनको चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में पुरानी धर्मशालाओं की संख्या के बारे में जानकारी दी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि एक समय था जब ऋषिकेश में धर्मशालाओं की संख्या करीब 150 थी. ये संख्या वर्तमान समय में घटकर केवल 20 से 22 रह गई है.

ऋषिकेश में बची हैं 22 धर्मशालाएं: प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भूमाफिया लगातार धर्मशालाओं को गिद्ध दृष्टि से देख रहे हैं. मौका मिलते ही धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द करके उनके अस्तित्व को बदला जा रहा है. इसलिए जनहित में धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द करने वालों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी बेहद जरूरी है. जिससे कि शहर में जो 20-22 धर्मशालाएं बची हैं, उनके अस्तित्व को बरकरार रखा जा सके.
ये भी पढ़ें: ऋषिकेश में आरक्षित वन क्षेत्र से मिट्टी उठान का मामला, एसडीओ ने सख्त कार्रवाई की दी चेतावनी

जन विकास मंच ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन: उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने एसडीएम को जानकारी देकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई है. ज्ञापन सौंपने वालों में सुभाष शर्मा, कमल सिंह, लालमणि रतूड़ी आदि शामिल रहे.

ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से कम होती जा रही धर्मशालाओं को बचाने के लिए शहर में एक बार फिर से आवाज उठी है. इस बार उत्तराखंड जन विकास मंच ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए मुख्यमंत्री से शहर की धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द होने से बचाने की मांग की है. इस संबंध में मंच से जुड़े सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.

ऋषिकेश की धर्मशालाओं पर भूमाफिया की नजर: उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में मंच के सदस्य एसडीएम कार्यालय पहुंचे. सभी सदस्यों ने एसडीएम से मुलाकात की. इस दौरान उनको चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में पुरानी धर्मशालाओं की संख्या के बारे में जानकारी दी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि एक समय था जब ऋषिकेश में धर्मशालाओं की संख्या करीब 150 थी. ये संख्या वर्तमान समय में घटकर केवल 20 से 22 रह गई है.

ऋषिकेश में बची हैं 22 धर्मशालाएं: प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भूमाफिया लगातार धर्मशालाओं को गिद्ध दृष्टि से देख रहे हैं. मौका मिलते ही धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द करके उनके अस्तित्व को बदला जा रहा है. इसलिए जनहित में धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द करने वालों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी बेहद जरूरी है. जिससे कि शहर में जो 20-22 धर्मशालाएं बची हैं, उनके अस्तित्व को बरकरार रखा जा सके.
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जन विकास मंच ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन: उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने एसडीएम को जानकारी देकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई है. ज्ञापन सौंपने वालों में सुभाष शर्मा, कमल सिंह, लालमणि रतूड़ी आदि शामिल रहे.

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