ऋषिकेश: टिहरी विस्थापित क्षेत्र में हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद निर्माणाधीन बिल्डिंग को एमडीडीए ने सील कर दिया. जिस बिल्डिंग को MDDA ने सील किया है, वह पूर्व में भी विभाग द्वारा सील की जा चुकी है. सील होने के बावजूद भी निर्माण कार्य किया जा रहा था. स्थानीय लोगों ने आज जमकर हंगामा किया, जिसके बाद बिल्डिंग को दोबारा से सील किया गया.
इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे में एमडीडीए अधिकारियों के साथ लोग भी निर्माणाधीन भवन में घुस गए. जहां पर देखा गया कि कमरों के दरवाजों पर भाजपा विधायक लिखा हुआ था. हालांकि, भाजपा विधायक के अलावा वहां पर किसी का नाम नहीं लिखा हुआ था. इस पूरे हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार एमडीडीए के अधिकारियों ने भवन को सील कर दिया.
टिहरी विस्थापित निर्मल बाग बी में पूर्व में MDDA द्वारा सील हुए बहुमंजिला इमारत पर कार्रवाई की मांग को लेकर विस्थापित क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और MDDA के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी. स्थानीयों ने एमडीडीए अधिकारियों को लगातार फोन पर संपर्क किया, जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद 26 जून 2020 में सील हो चुके भवन को आज फिर सील किया गया.
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टिहरी विस्थापित क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर बिल्डिंग माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है. विस्थापित क्षेत्र में एक या दो नहीं, बल्कि सैकड़ों निर्माण बिना नक्शे के ही हो रहे हैं. आलम यह है की छोटी-छोटी गलियों में बहुमंजिला इमारत बनकर तैयार हो गई हैं. इतना ही नहीं आम बाग, टिहरी विस्थापित और वीआईपी कॉलोनी में भवनों के निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई थी, जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सभी निर्माणों पर रोक लगा दी थी और नियम विरुद्ध बने भवनों को सील करने के आदेश दिए थे.
आदेश के बाद कुछ दिनों तक प्राधिकरण द्वारा धड़ाधड़ भवनों को सील किया गया, लेकिन एमडीडीए की कार्रवाई 'ढाक के तीन पात' साबित हुई. क्योंकि विभाग द्वारा सील किए गए भवनों में फिर से निर्माण कार्य शुरू हो गए, लेकिन उनपर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है. वहीं, जब इस मामले में MDDA के अधिकारियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने सक्षम अधिकारी न होने का हवाला दिया.