देहरादून: मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा आवासीय भवनों में व्यवसायिक कार्य करने वाले कारोबारियों को नोटिस देने के बाद मामला और पेचिदा बनता जा रहा है. राजधानी में 1300 से अधिक व्यापारियों को अब राहत की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. आवासीय भवनों में व्यवसायिक कार्य करने वाले व्यापारियों को नक्शे में गड़बड़ी होने के चलते भले ही कंपाउंडिंग का विकल्प सामने हो. लेकिन बड़ी संख्या में सड़क किनारे अतिक्रमण कर भवनों का निर्माण करने वाले मामले में कानूनी तौर पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करना भी जरूरी है. एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में उन्हें 31 दिसंबर तक आवश्यक कार्रवाई कर हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करना होगा.
देहरादून में 1300 से अधिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के दुकानदारों को नोटिस मिला है. इसमें सबसे ज्यादा 450 नोटिस राजपुर व मसूरी रोड पर दुकानदारों को भेजा गया है. ऐसे में राजपुर रोड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र किशनपुर चुंगी से लेकर जाखन, किशनपुर,मसूरी डायवर्जन, राजपुर, कुठालगेट और मानसी सहित मसूरी रोड के कई कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है. देहरादून मसूरी मार्ग में रोड बीचो-बीच से लगभग 75 फीट के दायरे में आने वाले व्यवसायिक व अन्य भवनों को नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
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हालांकि, इस मामले में राजपुर रोड स्थित व्यापारियों द्वारा पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगाई गई थी. किसी तरह की सरकार द्वारा मदद न होने पर व्यापारियों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी है. उधर, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण एमडीडीए के मुताबिक, जो भी कारोबारी और दुकानदार वन टाइम सेटेलमेंट के तहत कंपाउंडिंग नहीं कराएगा. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं 31 दिसंबर तक एमडीडीए को हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर रिपोर्ट दाखिल करनी है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जिन व्यापारियों को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है, उन्हें किसी तरह की रियायत मिलने की उम्मीद कम है.