देहरादून: उत्तराखंड में कर्मचारी समय-समय पर शिकायत करते रहते हैं कि अधिकारी उनकी समस्याओं को नहीं सुनते हैं. जिस कारण उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. वहीं पावर कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (Power Corporation of Uttarakhand Limited) के प्रबंध निदेशक ने एसी कमरों में बैठकर काम करने वाले अधिकारियों को बड़ी सीख दी है. पिटकुल के एमडी (MD of Pitkul) ने विधि, वित्त और एचआर आपके द्वार कार्यक्रम में कर्मचारियों की उनके पास जाकर समस्याएं (employees problem) सुनी. यह स्थिति तब है जब पूर्व कर्मचारियों से लेकर मीडिया तक को ऊर्जा निगम के यूपीसीएल में दाखिल होने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है. ऐसे में पिटकुल के एमडी ने बाकी निगमों के एमडी को भी पाठ पढ़ाया है.
ऊर्जा निगमों (Uttarakhand Energy Corporation) में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी प्रबंध निदेशक ने कर्मचारियों की समस्याओं के लिए खुद उनके पास जाने की कोशिश की हो. बता दें कि राज्य में upcl, ujvnl और pitcul तीन ऊर्जा निगम हैं, जिसमें अलग-अलग एमडी काम कर रहे हैं, लेकिन पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने पहली बार कर्मचारियों के पास पहुंच कर उनकी समस्याओं के निदान को लेकर प्रयास किया है. खास बात यह है कि कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम के दौरान अपना दुखड़ा सामने रखा और कहा कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में एक तरफ जाने से पहले तमाम सवालात दरवाजे पर ही किए जाते हैं और इसके बाद ही यहां अधिकारियों से मिलने के लिए बमुश्किल जाने दिया जाता है.
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कर्मचारी कहते हैं कि अब बड़े अधिकारी निरंकुश हो चुके हैं और वह छोटे कर्मचारियों से मिलना ही नहीं चाहते. लेकिन पिटकुल में एमडी पीसी ध्यानी ने जिस तरह कर्मचारियों की समस्याएं सुनने का फैसला लिया है, वह ऊर्जा निगम के इतिहास में पहली बार किया गया प्रयास है. कार्यक्रम के दौरान विधि वित्त और एचआर से जुड़े हुए अधिकारी भी मौजूद रहे, ताकि कर्मचारियों की समस्याओं को मौके पर ही नोट करके समाधान को लेकर काम किया जा सके. इस कड़ी में प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने कहा कि वह कर्मचारियों के हितों को लेकर लड़ते रहेंगे और कर्मचारी हित को लेकर ही उन्होंने यह कार्यक्रम तय किया है. ताकि कर्मचारियों को अपनी समस्याओं को बताने के लिए किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो.