देहरादून: पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गम में डूबा हुआ है. शहीदों की शहादत का दुख अभी कुछ कम भी नहीं हुआ था कि उत्तराखंड का एक और वीर सपूत शहीद हो गया. बीते शनिवार को LOC पर राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में IED को डिफ्यूज करते वक्त हुए धमाके में मेजर चित्रेश शहीद हो गए. दो फरवरी को ही अपनी छुट्टी पूरी करके चित्रेश ने ड्यूटी ज्वॉइन की थी. उन्हें 28 फरवरी को अपनी शादी के लिए घर लौटना था लेकिन अब चित्रेश तिरंगे में लिपटकर घर आएगा.
मेजर चित्रेश के पिता को शहादत की खबर तब मिली जब वो अपने बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे. ये खबर मिलते ही परिवार की खुशियां मातम में तब्दील हो गई. जिस घर से बारात निकलने वाली थी अब उस घर जनाजा उठेगा, ये सोच-सोचकर शहीद के माता पिता के आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं.
शहीद की मंगेतर की इस वक्त क्या हालत होगी ये हर कोई समझ सकता. उसने भी शादी के कई संपने संजोये होंगे लेकिन मांग में सिंदूर सजाने से पहले ही अंकिता की सारी खुशियां छिन गई. चित्रेश अपनी मां को 28 फरवरी को लौटने का वादा कर ड्यूटी के लिए गए निकले चित्रेश की मां का आंचल सूना हो गया.
शहीद की मां ये सोचकर फफक-फफकर रो रही हैं कि अब उनका बेटा कभी उसके आंचल में अपना सिर रखकर नहीं सो पाएगा. शहीद की बूढ़ी मां की आंखों में अब आंसू के अलावा और कुछ नहीं बचा. रोते-बिलखते परिवार में मातम पसरा हुआ है.
मां से 28 फरवरी को लौटने का था वादा, अब तिरंगे से लिपटकर आया घर
मां को घर वापस आने का वादा कर देश के लिए न्योछावर हुआ बेटा. तिरंगे में लिपटकर पहुंचा देहरादून.
देहरादून: पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गम में डूबा हुआ है. शहीदों की शहादत का दुख अभी कुछ कम भी नहीं हुआ था कि उत्तराखंड का एक और वीर सपूत शहीद हो गया. बीते शनिवार को LOC पर राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में IED को डिफ्यूज करते वक्त हुए धमाके में मेजर चित्रेश शहीद हो गए. दो फरवरी को ही अपनी छुट्टी पूरी करके चित्रेश ने ड्यूटी ज्वॉइन की थी. उन्हें 28 फरवरी को अपनी शादी के लिए घर लौटना था लेकिन अब चित्रेश तिरंगे में लिपटकर घर आएगा.
मेजर चित्रेश के पिता को शहादत की खबर तब मिली जब वो अपने बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे. ये खबर मिलते ही परिवार की खुशियां मातम में तब्दील हो गई. जिस घर से बारात निकलने वाली थी अब उस घर जनाजा उठेगा, ये सोच-सोचकर शहीद के माता पिता के आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं.
शहीद की मंगेतर की इस वक्त क्या हालत होगी ये हर कोई समझ सकता. उसने भी शादी के कई संपने संजोये होंगे लेकिन मांग में सिंदूर सजाने से पहले ही अंकिता की सारी खुशियां छिन गई. चित्रेश अपनी मां को 28 फरवरी को लौटने का वादा कर ड्यूटी के लिए गए निकले चित्रेश की मां का आंचल सूना हो गया.
शहीद की मां ये सोचकर फफक-फफकर रो रही हैं कि अब उनका बेटा कभी उसके आंचल में अपना सिर रखकर नहीं सो पाएगा. शहीद की बूढ़ी मां की आंखों में अब आंसू के अलावा और कुछ नहीं बचा. रोते-बिलखते परिवार में मातम पसरा हुआ है.
martyred major chitresh promised to back home
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मां से 28 फरवरी को लौटने का था वादा, अब तिरंगे से लिपटा घर आएगा शहीद चित्रेश
शादी के लिये मां से 28 फरवरी को लौटने का था वादा, अब तिरंगे से लिपटा घर आएगा बेटा
देहरादून: पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गम में डूबा हुआ है. शहीदों की शहादत का दुख अभी कुछ कम भी नहीं हुआ था कि उत्तराखंड का एक और वीर सपूत शहीद हो गया. बीते शनिवार को LOC पर राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में IED को डिफ्यूज करते वक्त हुए धमाके में मेजर चित्रेश शहीद हो गए. दो फरवरी को ही अपनी छुट्टी पूरी करके चित्रेश ने ड्यूटी ज्वॉइन की थी. उन्हें 28 फरवरी को अपनी शादी के लिए घर लौटना था लेकिन अब चित्रेश तिरंगे में लिपटकर घर आएगा.
मेजर चित्रेश के पिता को शहादत की खबर तब मिली जब वो अपने बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे. ये खबर मिलते ही परिवार की खुशियां मातम में तब्दील हो गई. जिस घर से बारात निकलने वाली थी अब उस घर जनाजा उठेगा, ये सोच-सोचकर शहीद के माता पिता के आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं.
शहीद की मंगेतर की इस वक्त क्या हालत होगी ये हर कोई समझ सकता. उसने भी शादी के कई संपने संजोये होंगे लेकिन मांग में सिंदूर सजाने से पहले ही अंकिता की सारी खुशियां छिन गई. चित्रेश अपनी मां को 28 फरवरी को लौटने का वादा कर ड्यूटी के लिए गए निकले चित्रेश की मां का आंचल सूना हो गया.
शहीद की मां ये सोचकर फफक-फफकर रो रही हैं कि अब उनका बेटा कभी उसके आंचल में अपना सिर रखकर नहीं सो पाएगा. शहीद की बूढ़ी मां की आंखों में अब आंसू के अलावा और कुछ नहीं बचा. रोते-बिलखते परिवार में मातम पसरा हुआ है.
Conclusion: