विकासनगरः उत्तराखंड को कुदरत ने नैसर्गिक सौंदर्य से नवाजा है. जिसमें खूबसूरत पहाड़, हिमाच्छादित हिम श्रृंखलाएं, बुग्याल, झरने, धार्मिक और पर्यटन स्थल आदि हैं. जिसे देखने के लिए देशभर के पर्यटक खींचे चले आते हैं. पारा चढ़ते ही पर्यटक हिल स्टेशनों की ओर रुख कर रहे हैं. इन हिल स्टेशनों में चकराता भी शामिल हैं. जो अपने आप में खास है. यहां एक कुदरती झरना भी है, जो टाइगर फॉल के नाम से फेमस है. जहां इन दिनों पर्यटकों का जमावड़ा लगा है.
देहरादून जिले में स्थित चकराता की सुंदर वादियों का नजारा देखने हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. चकराता से कुछ ही दूरी पर टाइगर फॉल भी मौजूद है. जो पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है. इनदिनों चारों ओर हरियाली, बांज, बुरांश, देवदार आदि के पेड़ों के झुरमुट के बीच पहाड़ी से उतरता झरना खूबसूरत लग रहा है. जो भी इसे देखता है, उसके जुबां से यही शब्द निकलता है, वाह! क्या नेचुरल ब्यूटी है. गर्मी का मौसम है तो पर्यटक टाइगर फॉल में नहाने के लिए पहुंच रहे हैं.
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात आदि राज्यों के पर्यटक टाइगर फॉल को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. वो भी चकराता की सुंदरता का बखान करते नहीं थक रहे हैं. दिल्ली के पर्यटक का कहना है कि जड़ी बूटियों का पानी निकलता है, जो नेचुरल और प्योर होता है. यहां का ऑक्सीजन का लेवल भी शुद्ध है. जो शरीर के लिए बेहद लाभदायक है.
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राजस्थान से आए सैलानियों ने कहा कि वो पहली बार चकराता घूमने आए हैं. यहां की सुंदरता और काफी ऊंचाई से गिरता झरना पहली बार देखा है. उनका कहना है कि यहां की हसीन वादियों और टाइगर फॉल को देखकर स्वर्ग का एहसास हो रहा है. हरी भरी पहाड़ियों से गिरता झरना सुकून का एहसास कराता है.
बता दें कि टाइगर फॉल चकराता से करीब 20 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है. यहां काफी ऊंचाई से पानी की बौछारें गिरती हैं. कहा जाता है कि ऊंचाई से झरना गिरने के कारण बाघ के गुर्राने और दहाड़ने जैसी आवाज निकलती है. यही वजह है कि इसका नाम टाइगर फॉल रखा गया. जो यहां एक बार आता है, उसका बार-बार आने का मन करता है.