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ऐसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था! सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के कई पद खाली

उत्तराखंड में पटरी से उतर चुकी शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार की ओर से लगातार कवायद जारी है, लेकिन सरकार के प्रयास नाकाफी ही साबित हो रही है. स्थिति तो ये है कि कई सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं. जबकि, कई बंद होने की कगार पर हैं. इनमें शिक्षकों की कमी भी एक कारण माना जाता है. अभी भी प्रदेश में शिक्षकों के कई पद खाली हैं. जानिए वास्तविक स्थिति...

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सरकारी स्कूल
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Published : Sep 6, 2021, 8:26 PM IST

देहरादूनः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. इतना ही नहीं प्रदेश के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आज भी शिक्षकों के कई पद खाली चल रहे हैं. जबकि, सरकार दावा कर रही है सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है, लेकिन हकीकत ठीक उलट है.

शिक्षा निदेशालय से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सबसे ज्यादा सहायक अध्यापक के पद खाली चल रहे हैं. जहां प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के लिए सहायक अध्यापक के स्वीकृत पदों की संख्या 20,823 है. वहीं, इसके सापेक्ष प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में वर्तमान में 17,724 सहायक अध्यापक ही कार्यरत हैं, जबकि 3099 पद अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के कई पद खाली.

ये भी पढ़ेंः विडंबनाः ऊपर मंडरा रही 'मौत', नीचे आखर ज्ञान ले रहे नौनिहाल

उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थितिः शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी का कहना है कि सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय के 2648 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जनपद स्तर पर गतिमान है. ऐसे में जल्दी इन रिक्त पदों को भर दिया जाएगा. बात प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों की करें तो प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी सहायक अध्यापक के 858 पद रिक्त चल रहे हैं. जबकि, अगर बात स्वीकृत पदों की करें तो स्वीकृत पद 7196 हैं. इसकी तुलना में महज 6338 सहायक अध्यापक ही कार्यरत हैं.

माध्यमिक विद्यालयों की स्थितिः कुछ ऐसा ही हाल प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों का भी है. प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों की बात करें तो सबसे ज्यादा पद प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के रिक्त चल रहे हैं. जहां प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के 1386 पद स्वीकृत हैं. वहीं, इसकी तुलना में महज 306 प्रधानाचार्य ही इंटर कॉलेजों में कार्यरत हैं. जबकि, 1080 पद रिक्त चल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः राज्य स्थापना दिवस से पहले सरकारी स्कूलों की सुधरेगी हालत, 430 बदहाल स्कूलों की बदलेगी सूरत

शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी ने बताया कि प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के 77 पदों पर शासन स्तर पर डीपीसी संपन्न हो चुकी है. वहीं, प्रधानाध्यापक को तदर्थ प्रधानाचार्य पद पर मौलिक पदोन्नति प्रदान करने के लिए शिथिलीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.

सहायक अध्यापक एलटी के पदों की स्थितिः वहीं, बात प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक एलटी के पदों की करें तो प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के लिए सहायक अध्यापक के 17,788 पद स्वीकृत हैं. जिसकी तुलना में 15,280 शिक्षक कार्यरत हैं. जबकि 2508 सहायक अध्यापक एलटी के पास अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी के मुताबिक, इन पदों को भरे जाने को लेकर हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. जैसे ही आयोग की ओर से परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है, वैसे ही इन पदों को भी भर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत और त्रिवेंद्र भी नहीं कर पाए इस स्कूल का प्रांतीयकरण, घोषणा कर भूले

प्रवक्ता इंटर कॉलेज की स्थितिः प्रदेश में प्रवक्ता इंटर कॉलेज के 12,495 पद स्वीकृत हैं. जिसकी तुलना में महेश 9225 प्रवक्ता ही कार्यरत हैं. जबकि, 3270 पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में प्रवक्ता इंटर कॉलेज के इन रिक्त चल रहे पदों पर 2993 गेस्ट टीचरों को तैनाती देकर वर्तमान में शिक्षा विभाग किसी तरह काम चला रहा है.

इतना ही नहीं मिनिस्ट्रियल संवर्ग के विभाग में भी 1625 पद रिक्त चल रहे हैं. हालांकि, शासन से मिनिस्ट्रियल संवर्ग के 5174 पद स्वीकृत हैं. जबकि वर्तमान में 3549 मिनिस्ट्रियल कर्मचारी ही कार्यरत हैं. ऐसे में रिक्त चल रहे 1625 मिनिस्ट्रियल संवर्ग के पदों को भरे जाने के लिए मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर शासन में पदोन्नति प्रक्रिया जारी है. पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होने पर ही यह पद भरे जा सकेंगे.

देहरादूनः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. इतना ही नहीं प्रदेश के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आज भी शिक्षकों के कई पद खाली चल रहे हैं. जबकि, सरकार दावा कर रही है सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है, लेकिन हकीकत ठीक उलट है.

शिक्षा निदेशालय से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सबसे ज्यादा सहायक अध्यापक के पद खाली चल रहे हैं. जहां प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के लिए सहायक अध्यापक के स्वीकृत पदों की संख्या 20,823 है. वहीं, इसके सापेक्ष प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में वर्तमान में 17,724 सहायक अध्यापक ही कार्यरत हैं, जबकि 3099 पद अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के कई पद खाली.

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उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थितिः शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी का कहना है कि सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय के 2648 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जनपद स्तर पर गतिमान है. ऐसे में जल्दी इन रिक्त पदों को भर दिया जाएगा. बात प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों की करें तो प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी सहायक अध्यापक के 858 पद रिक्त चल रहे हैं. जबकि, अगर बात स्वीकृत पदों की करें तो स्वीकृत पद 7196 हैं. इसकी तुलना में महज 6338 सहायक अध्यापक ही कार्यरत हैं.

माध्यमिक विद्यालयों की स्थितिः कुछ ऐसा ही हाल प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों का भी है. प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों की बात करें तो सबसे ज्यादा पद प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के रिक्त चल रहे हैं. जहां प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के 1386 पद स्वीकृत हैं. वहीं, इसकी तुलना में महज 306 प्रधानाचार्य ही इंटर कॉलेजों में कार्यरत हैं. जबकि, 1080 पद रिक्त चल रहे हैं.

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शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी ने बताया कि प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के 77 पदों पर शासन स्तर पर डीपीसी संपन्न हो चुकी है. वहीं, प्रधानाध्यापक को तदर्थ प्रधानाचार्य पद पर मौलिक पदोन्नति प्रदान करने के लिए शिथिलीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.

सहायक अध्यापक एलटी के पदों की स्थितिः वहीं, बात प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक एलटी के पदों की करें तो प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के लिए सहायक अध्यापक के 17,788 पद स्वीकृत हैं. जिसकी तुलना में 15,280 शिक्षक कार्यरत हैं. जबकि 2508 सहायक अध्यापक एलटी के पास अभी भी रिक्त चल रहे हैं.

शिक्षा महानिदेशक बीडी तिवारी के मुताबिक, इन पदों को भरे जाने को लेकर हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. जैसे ही आयोग की ओर से परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है, वैसे ही इन पदों को भी भर लिया जाएगा.

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प्रवक्ता इंटर कॉलेज की स्थितिः प्रदेश में प्रवक्ता इंटर कॉलेज के 12,495 पद स्वीकृत हैं. जिसकी तुलना में महेश 9225 प्रवक्ता ही कार्यरत हैं. जबकि, 3270 पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में प्रवक्ता इंटर कॉलेज के इन रिक्त चल रहे पदों पर 2993 गेस्ट टीचरों को तैनाती देकर वर्तमान में शिक्षा विभाग किसी तरह काम चला रहा है.

इतना ही नहीं मिनिस्ट्रियल संवर्ग के विभाग में भी 1625 पद रिक्त चल रहे हैं. हालांकि, शासन से मिनिस्ट्रियल संवर्ग के 5174 पद स्वीकृत हैं. जबकि वर्तमान में 3549 मिनिस्ट्रियल कर्मचारी ही कार्यरत हैं. ऐसे में रिक्त चल रहे 1625 मिनिस्ट्रियल संवर्ग के पदों को भरे जाने के लिए मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर शासन में पदोन्नति प्रक्रिया जारी है. पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होने पर ही यह पद भरे जा सकेंगे.

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