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चालदा महासू मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जुबिन नौटियाल ने अपने पिता के संग टेका मत्था

बसंत पंचमी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने समाल्टा पहुंचकर चालदा महासू देवता के दर्शन किए. साथ ही स्थानीय महिलाओं ने बसंत ऋतु के होरी गीतों पर नृत्य किया. जिसे देख सभी मंत्र मुग्ध हो गए. वहीं, बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने पिता रामशरण नौटियाल के साथ महासू मंदिर पहुंचे और सुख समृद्धि की कामना की.

Jubin Nautiyal at Mahasu Temple
महासू मंदिर में जुबिन नौटियाल
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Published : Feb 5, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 8:39 PM IST

विकासनगरः आज बसंत पंचमी का पर्व है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. जौनसार बावर में बसंत पंचमी के मौके पर ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवता चालदा महासू के दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना. इस मौके पर देवालों की महिलाओं ने होरी गीतों पर नृत्य किया. नृत्य की यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. वहीं, सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने पिता और चकराता विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के साथ मंदिर में मत्था टेका.

जौनसार बावर के इष्ट देवता के रूप में पूजे जाने वाले चालदा महासू इन दिनों समाल्टा के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. बसंत पंचमी के मौके पर मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने समाल्टा पहुंचकर देव दर्शन किए. मंदिर परिसर में हनोल से आए देवता के देवालों (देवता के साथ ढोल आदि वाद्य यंत्रों के साथ रहने वाले लोग) ने बसंत पंचमी के आगाज पर कृष्ण भगवान की गाथा सुनाई. साथ ही महिलाओं ने बसंत ऋतु के होरी गीतों पर नृत्य भी किया.

महासू मंदिर में जुबिन नौटियाल.

ये भी पढ़ेंः महासू देवता मंदिर में शिव का जलाभिषेक कर गायब हो जाती है जलधारा, रहस्यों को समेटे है ये धाम

हनोल से आईं देवाल रेखा ने बताया कि जिस तरह कृष्ण के साथ गोपियां नृत्य करती हैं, उसी तरह महासू देवता के मंदिर परिसर में देवता के साथ देवालों की महिलाएं गोपियों की तरह नृत्य करती हैं. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रहा है. वहीं, देवाल भूपेंद्र ने बताया कि देव संस्कृति का नृत्य देवालों की महिलाएं करती हैं. यह नृत्य होरी नृत्य कहलाता है और बसंत पंचमी का आगाज होने पर कृष्ण लीला का बखान किया जाता है. जिस पर महिलाएं नृत्य करती हैं

चालदा महासू मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब.

पीढ़ियों से चली आ रही होरी नृत्य की परंपराः वहीं, देवाल अनंतराम का कहना है कि जब से कश्मीर से चार भाई महासू का आगमन जौनसार बावर में हुआ. तब से लेकर पीढ़ी दर पीढ़ी देवाल महासू देवता के सेवा में लगे हुए हैं और यह नृत्य बंसत पंचमी पर विशेषतौर पर किया जाता है. महिलाएं नृत्य के साथ सुख समृद्धि की कामना भी करती हैं.

जुबिन नौटियाल और बीजेपी प्रत्याशी रामशरण नौटियाल ने टेका मत्थाः बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने पिता के साथ महासू मंदिर में माथा टेककर सुख समृद्धि की कामना की. साथ ही भंडारे का प्रसाद वितरण किया. इस दौरान जुबिन नौटियाल सभी लोगों से भी मिले. साथ ही दर्शन के बाद जुबिन नौटियाल ने अपने पिता रामशरण नौटियाल ने साथ कई गांवों में जनसंपर्क भी किया.

ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं

जौनसार बावर समेत हिमाचल के ईष्ट देवता हैं महासूः बता दें कि प्रसिद्ध महासू देवता चार भाई हैं. जिनमें बोठा महासू, बाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू हैं. बोठा महासू हनोल मंदिर (Hanol Mahasu Temple) में विराजमान हैं. जबकि, बाशिक महाराज का मंदिर मैंद्रथ में स्थित है. वहीं, पवासी देवता का मंदिर हनोल के कुछ ही दूरी पर ठडियार में है. वहीं, चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर के जनजाति क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं. वहीं, महासू देवता के मंदिर लगभग हर जगहों पर है.

विकासनगरः आज बसंत पंचमी का पर्व है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. जौनसार बावर में बसंत पंचमी के मौके पर ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवता चालदा महासू के दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना. इस मौके पर देवालों की महिलाओं ने होरी गीतों पर नृत्य किया. नृत्य की यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. वहीं, सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने पिता और चकराता विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के साथ मंदिर में मत्था टेका.

जौनसार बावर के इष्ट देवता के रूप में पूजे जाने वाले चालदा महासू इन दिनों समाल्टा के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. बसंत पंचमी के मौके पर मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने समाल्टा पहुंचकर देव दर्शन किए. मंदिर परिसर में हनोल से आए देवता के देवालों (देवता के साथ ढोल आदि वाद्य यंत्रों के साथ रहने वाले लोग) ने बसंत पंचमी के आगाज पर कृष्ण भगवान की गाथा सुनाई. साथ ही महिलाओं ने बसंत ऋतु के होरी गीतों पर नृत्य भी किया.

महासू मंदिर में जुबिन नौटियाल.

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हनोल से आईं देवाल रेखा ने बताया कि जिस तरह कृष्ण के साथ गोपियां नृत्य करती हैं, उसी तरह महासू देवता के मंदिर परिसर में देवता के साथ देवालों की महिलाएं गोपियों की तरह नृत्य करती हैं. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रहा है. वहीं, देवाल भूपेंद्र ने बताया कि देव संस्कृति का नृत्य देवालों की महिलाएं करती हैं. यह नृत्य होरी नृत्य कहलाता है और बसंत पंचमी का आगाज होने पर कृष्ण लीला का बखान किया जाता है. जिस पर महिलाएं नृत्य करती हैं

चालदा महासू मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब.

पीढ़ियों से चली आ रही होरी नृत्य की परंपराः वहीं, देवाल अनंतराम का कहना है कि जब से कश्मीर से चार भाई महासू का आगमन जौनसार बावर में हुआ. तब से लेकर पीढ़ी दर पीढ़ी देवाल महासू देवता के सेवा में लगे हुए हैं और यह नृत्य बंसत पंचमी पर विशेषतौर पर किया जाता है. महिलाएं नृत्य के साथ सुख समृद्धि की कामना भी करती हैं.

जुबिन नौटियाल और बीजेपी प्रत्याशी रामशरण नौटियाल ने टेका मत्थाः बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने पिता के साथ महासू मंदिर में माथा टेककर सुख समृद्धि की कामना की. साथ ही भंडारे का प्रसाद वितरण किया. इस दौरान जुबिन नौटियाल सभी लोगों से भी मिले. साथ ही दर्शन के बाद जुबिन नौटियाल ने अपने पिता रामशरण नौटियाल ने साथ कई गांवों में जनसंपर्क भी किया.

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जौनसार बावर समेत हिमाचल के ईष्ट देवता हैं महासूः बता दें कि प्रसिद्ध महासू देवता चार भाई हैं. जिनमें बोठा महासू, बाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू हैं. बोठा महासू हनोल मंदिर (Hanol Mahasu Temple) में विराजमान हैं. जबकि, बाशिक महाराज का मंदिर मैंद्रथ में स्थित है. वहीं, पवासी देवता का मंदिर हनोल के कुछ ही दूरी पर ठडियार में है. वहीं, चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू जौनसार बावर के जनजाति क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं. वहीं, महासू देवता के मंदिर लगभग हर जगहों पर है.

Last Updated : Feb 5, 2022, 8:39 PM IST
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