देहरादून: नर्सिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं निस्वार्थ समर्पण के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार-2022 दिये गये. हल्द्वानी की रहने वाली उत्तराखंड की बेटी मंजू कैड़ा को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है. उन्हें दिल्ली राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने कुल 30 स्वास्थ्य सहयोगियों को ये प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया. दिल्ली में हुए इस समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे.
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My heartiest congratulations to Mrs. Manju Kaida, 'Uttarakhand's Daughter' who is awarded the "National Florence Nightingale Award-2022" for her excellent and selfless devotion in the field of nursing.
— LT GENERAL GURMIT SINGH (Retd) (@LtGenGurmit) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Nursing is a profession that embodies compassion, expertise, and tireless… pic.twitter.com/2Ve1xCtTba
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Nursing is a profession that embodies compassion, expertise, and tireless… pic.twitter.com/2Ve1xCtTbaMy heartiest congratulations to Mrs. Manju Kaida, 'Uttarakhand's Daughter' who is awarded the "National Florence Nightingale Award-2022" for her excellent and selfless devotion in the field of nursing.
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मंजू कैड़ा को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार-2022 मिलने से प्रदेशभर में खुशी की लहर है. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने ट्वीट कर उत्तराखंड की बेटी मंजू कैड़ा को शुभकामनायें दी हैं. राज्यपाल गुरमीत सिंह ट्वीट कर लिखा 'नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जो जीवन को बेहतर बनाने के लिए करुणा, विशेषज्ञता और अथक समर्पण का प्रतीक है. लोगों की मदद करने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पर बहुत गर्व है. और, मैं उन्हें(मंजू कैड़ा ) भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.
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बता दें उत्तराखंड की बेटी मंजू कैड़ा हल्द्वानी की रहने वाली हैं. मंजू कैड़ा हल्द्वानी के महिला अस्पलात में कार्यरत हैं. नर्सिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं निस्वार्थ समर्पण के लिए मंजू कैड़ा को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार-2022 से नवाजा गया. राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 1973 में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा समाज को प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं के सम्मान के रूप में की गई थी. तब से ये सिलसिला जारी है