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देहरादून: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी गिरफ्तार - Mastermind Vicky

देहरादून पुलिस ने विदेश भेजकर नौकरी लगाने के नाम जालसाजी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है.

Dehradun Crime News
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Published : Mar 3, 2021, 7:01 PM IST

देहरादून: विदेश भेजकर नौकरी लगाने के नाम जालसाजी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अब तक यह गिरोह बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका था. पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्य लक्ष्मी नारायण को फर्जी दस्तावेजों के साथ हरियाणा कैथल से गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का चंडीगढ़ निवासी मास्टरमाइंड विक्की उर्फ लखविंदर नाम सहित तीन लोग फरार चल रहे हैं, जिनकी धरपकड़ जारी है.

हिसार से लेकर देहरादून तक बेरोजगारों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी

पुलिस के मुताबिक, पहले हरियाणा के हिसार और फिर देहरादून में 30 से 40 बेरोजगार युवकों से फर्जीवाड़ा करने वाला कबूतरबाज गिरोह 25 लाख से अधिक की ठगी कर चुका है. इतना ही नहीं धोखेबाजी का शिकार हुए पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र और जाली वीजा भी दिए गए, जिसका पर्दाफाश होने के चलते कंपनी के लोग देहरादून में ऑफिस बंद फरार हो गए.

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश.

फर्जी नाम से बनाई गई कंपनी

सिंगापुर भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह ने दिसंबर साल 2020 को थाना कैंट के बल्लूपुर इलाकें में फर्जी दस्तावेज तैयार कर 'फास्टवे टूर एंड ट्रैवल' नाम से कंपनी खोली. ट्रैवल कंपनी का संचालन करने वाला लक्ष्मी नारायण ने कंपनी का डायरेक्टर बन ट्रैवल एजेंसी की सभी औपचारिकताएं अपना असली नाम छुपाकर निर्मल सिंह नाम पूरी कीं, जबकि पुलिस जांच में निर्मल सिंह नाम का व्यक्ति पीड़ित का निकाला, जिसके द्वारा इसी फर्जी कंपनी में पासपोर्ट जमा करा कर विदेश नौकरी के लिए आवेदन किया था. ऐसे उसी पासपोर्ट वाले नाम का सहारा लेकर फर्जी कंपनी तैयार की गई.

पढ़ें- एसओपी से घबराएं नहीं व्यापारी, सरकार उनके साथ- सीएम त्रिवेंद्र

पुलिस सत्यापन से हुआ कबूतरबाज गिरोह का पर्दाफाश

'फास्टवे टूर एंड ट्रैवल' गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस को तब मदद मिली, जब कंपनी के डायरेक्टर लक्ष्मी नारायण का सत्यापन किया गया. दरअसल, इस कंपनी से धोखेबाजी के शिकार हुए कैंट निवासी एक युवक ने जब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, तो पुलिस ने सबसे पहले ऑफिस लेने वाले व्यक्ति निर्मल सिंह का सत्यापन का कार्य शुरू किया. पुलिस ने निर्मल सिंह नाम का एड्रेस जो पंजाब का था, उसमे जांच कराई तो सत्यापन पता तो सही निकला, लेकिन निर्मल सिंह नाम वाले व्यक्ति का फोन नंबर लोकेशन लगातार हरियाणा के कैथल में मिला. उसी आधार पर जब देहरादून पुलिस हरियाणा के कैथल में फोटो पहचान से छानबीन करने पहुंची, तो पता चला कि फोटो वाला व्यक्ति निर्मल सिंह नहीं बल्कि लक्ष्मी नारायण है, जो मूल रूप से हरियाणा कैथल में ही रहता है. बस इसी लीड के आधार पर पुलिस ने कबूतरबाज फर्जी कंपनी के डायरेक्टर लक्ष्मी नारायण उर्फ विनोद को गिरफ्तार किया.

पढ़ें- एसओपी से घबराएं नहीं व्यापारी, सरकार उनके साथ- सीएम त्रिवेंद्र

वहीं, पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी लक्ष्मी नारायण ने बताया अब तक वह लोग देहरादून में 15 से अधिक बेरोजगारों को सिंगापुर भेजने के नाम पर प्रति व्यक्ति से डेढ़ से दो लाख रुपये हड़प चुका है. हालांकि, इस खेल का पूरा मास्टरमाइंड विक्की और लखविंदर सिंह है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.

कबूतरबाज चौथी फेल, शातिराना दिमाग

देहरादून एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की धरपकड़ जारी है. गिरफ्तार अभियुक्त लक्ष्मी नारायण चौथी फेल है. वह इस काम से पहले हरियाणा में नाई का काम करता था, इसी दौरान उसकी मुलाकात चंडीगढ़ निवासी विक्की उर्फ उर्फ लखविंदर सिंह से हुई. दोनों ने विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने का काम शुरू किया. इतना नहीं हैरानी की बात यह है कि जो भी लोग इनके झांसे में फंसते थे, यह लोग उसी पासपोर्ट वाले नाम का सहारा लेकर अलग-अलग शहरों में जाकर उस नाम से फर्जी कंपनी खोलकर सिंगापुर भेजने के नाम पर ठगी करते थे.

देहरादून: विदेश भेजकर नौकरी लगाने के नाम जालसाजी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अब तक यह गिरोह बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका था. पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्य लक्ष्मी नारायण को फर्जी दस्तावेजों के साथ हरियाणा कैथल से गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का चंडीगढ़ निवासी मास्टरमाइंड विक्की उर्फ लखविंदर नाम सहित तीन लोग फरार चल रहे हैं, जिनकी धरपकड़ जारी है.

हिसार से लेकर देहरादून तक बेरोजगारों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी

पुलिस के मुताबिक, पहले हरियाणा के हिसार और फिर देहरादून में 30 से 40 बेरोजगार युवकों से फर्जीवाड़ा करने वाला कबूतरबाज गिरोह 25 लाख से अधिक की ठगी कर चुका है. इतना ही नहीं धोखेबाजी का शिकार हुए पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र और जाली वीजा भी दिए गए, जिसका पर्दाफाश होने के चलते कंपनी के लोग देहरादून में ऑफिस बंद फरार हो गए.

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश.

फर्जी नाम से बनाई गई कंपनी

सिंगापुर भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह ने दिसंबर साल 2020 को थाना कैंट के बल्लूपुर इलाकें में फर्जी दस्तावेज तैयार कर 'फास्टवे टूर एंड ट्रैवल' नाम से कंपनी खोली. ट्रैवल कंपनी का संचालन करने वाला लक्ष्मी नारायण ने कंपनी का डायरेक्टर बन ट्रैवल एजेंसी की सभी औपचारिकताएं अपना असली नाम छुपाकर निर्मल सिंह नाम पूरी कीं, जबकि पुलिस जांच में निर्मल सिंह नाम का व्यक्ति पीड़ित का निकाला, जिसके द्वारा इसी फर्जी कंपनी में पासपोर्ट जमा करा कर विदेश नौकरी के लिए आवेदन किया था. ऐसे उसी पासपोर्ट वाले नाम का सहारा लेकर फर्जी कंपनी तैयार की गई.

पढ़ें- एसओपी से घबराएं नहीं व्यापारी, सरकार उनके साथ- सीएम त्रिवेंद्र

पुलिस सत्यापन से हुआ कबूतरबाज गिरोह का पर्दाफाश

'फास्टवे टूर एंड ट्रैवल' गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस को तब मदद मिली, जब कंपनी के डायरेक्टर लक्ष्मी नारायण का सत्यापन किया गया. दरअसल, इस कंपनी से धोखेबाजी के शिकार हुए कैंट निवासी एक युवक ने जब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, तो पुलिस ने सबसे पहले ऑफिस लेने वाले व्यक्ति निर्मल सिंह का सत्यापन का कार्य शुरू किया. पुलिस ने निर्मल सिंह नाम का एड्रेस जो पंजाब का था, उसमे जांच कराई तो सत्यापन पता तो सही निकला, लेकिन निर्मल सिंह नाम वाले व्यक्ति का फोन नंबर लोकेशन लगातार हरियाणा के कैथल में मिला. उसी आधार पर जब देहरादून पुलिस हरियाणा के कैथल में फोटो पहचान से छानबीन करने पहुंची, तो पता चला कि फोटो वाला व्यक्ति निर्मल सिंह नहीं बल्कि लक्ष्मी नारायण है, जो मूल रूप से हरियाणा कैथल में ही रहता है. बस इसी लीड के आधार पर पुलिस ने कबूतरबाज फर्जी कंपनी के डायरेक्टर लक्ष्मी नारायण उर्फ विनोद को गिरफ्तार किया.

पढ़ें- एसओपी से घबराएं नहीं व्यापारी, सरकार उनके साथ- सीएम त्रिवेंद्र

वहीं, पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी लक्ष्मी नारायण ने बताया अब तक वह लोग देहरादून में 15 से अधिक बेरोजगारों को सिंगापुर भेजने के नाम पर प्रति व्यक्ति से डेढ़ से दो लाख रुपये हड़प चुका है. हालांकि, इस खेल का पूरा मास्टरमाइंड विक्की और लखविंदर सिंह है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.

कबूतरबाज चौथी फेल, शातिराना दिमाग

देहरादून एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की धरपकड़ जारी है. गिरफ्तार अभियुक्त लक्ष्मी नारायण चौथी फेल है. वह इस काम से पहले हरियाणा में नाई का काम करता था, इसी दौरान उसकी मुलाकात चंडीगढ़ निवासी विक्की उर्फ उर्फ लखविंदर सिंह से हुई. दोनों ने विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने का काम शुरू किया. इतना नहीं हैरानी की बात यह है कि जो भी लोग इनके झांसे में फंसते थे, यह लोग उसी पासपोर्ट वाले नाम का सहारा लेकर अलग-अलग शहरों में जाकर उस नाम से फर्जी कंपनी खोलकर सिंगापुर भेजने के नाम पर ठगी करते थे.

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