देहरादून: उत्तराखंड के खुफिया तंत्र से लेकर पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया, जब महिला कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री आवास तक जा (Mahila Congress protest) पहुंची. हाथों में सरकार के खिलाफ विभिन्न नारों वाली तख्तियां लेकर महिलाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया (protest outside CM residence). महिला कांग्रेस कार्यकर्ता यूकेपीएससी (Uttarakhand Public Service Commission) में आरक्षण पर कोर्ट के फैसले से नाराज थीं और इसके लिए सरकार की कमजोर पैरवी को वजह बता रही थीं.
उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने एक बार फिर महिलाओं के आरक्षण पर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है, महिला कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए सरकार की कमजोर पैरवी के कारण महिलाओं का हक छीने जाने की बात कही है. बता दें कि आज राज्य में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया गया. महिलाएं मुख्यमंत्री आवास (CM Pushkar Singh Dhami) के मुख्य द्वार तक जा पहुंची, लेकिन देहरादून के खुफिया महकमे को इसकी जानकारी तक नहीं थी.
महिलाओं ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य द्वार पर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया (Congress protest in dehradun). सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में पहुंची तीन थानों की पुलिस के भी महिलाओं को हटाने में हाथ-पांव फूल गए. महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के नाम पर सरकार उन्हें गुमराह करने का काम कर रही है, लिहाजा इसके विरोध में महिला कांग्रेस के द्वारा आज मुख्यमंत्री आवास के मुख्य द्वार पर पहुंचकर विरोध दर्ज किया गया है, जिससे सरकार कुंभकरण की नींद से जाग कर महिलाओं के हितों में काम कर सके.
वहीं, उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने जिलाधिकारी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं और महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा. जिलाधिकारी कार्यालय में आमरण-अनशन शुरू करने से पूर्व आंदोलनकारी मोहित डिमरी ने इंद्रमणि बडोनी, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और श्रीदेव सुमन को याद करते हुए पुष्पांजलि दी.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगातार भर्ती घोटाले हो रहे हैं. लेकिन अभी तक घोटालों के असल खिलाड़ी गिरफ्त से बाहर हैं. प्रदेश के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही और नेताओं के रिश्तेदार और चहेतों को नौकरियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए. तभी बड़े मगरमच्छ पकड़ में आएंगे.