देहरादून: उत्तराखंड के मदरसे अब इस्लामी शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहेंगे, यह पहला मौका होगा जब राज्य में मुस्लिम छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के द्वार खोले जा रहे हैं. इसके लिए धार्मिक बाध्यताओं को दूर करते हुए मॉडर्न मदरसे बनाने का काम हो रहा है. खास बात यह है कि इन मदरसों में मुस्लिम छात्र संस्कृत, हिंदी समेत अरेबिक या दूसरी भाषाओं के विषय का भी चयन कर सकेंगे.
उत्तराखंड के चार जिलों में बनने वाले मॉडर्न मदरसे देशभर के लिए एक बड़ा उदाहरण होंगे. अब तक इस्लामिक शिक्षा के लिए ही जाने जाने वाले मदरसे उन नामी निजी स्कूलों का भी मुकाबला करेंगे जो अंग्रेजी शिक्षा के साथ विभिन्न विषयों का ज्ञान देते हैं. इसके लिए वक्फ बोर्ड की तरफ से राज्य में नई पहल की गई है. जिसके तहत प्रदेश के चार जिलों में शुरुआती तौर पर चार मदरसों को मॉर्डन किया जा रहा है. इसके तहत वक्त बोर्ड ने 'एक हाथ में लैपटॉप एक हाथ में कुरान' का नारा देकर मुस्लिम छात्रों की शिक्षा को आधुनिक करने की बात कही है. इन मॉडर्न मदरसों में छात्र इस्लामिक शिक्षा के साथ विभिन्न विषयों का भी ज्ञान लेंगे. यहां NCERT की किताबों को पढ़ाया जाएगा. जिसमें विज्ञान से लेकर गणित विषय तक को जोड़ा जाएगा. खास बात यह है कि मॉर्डन मदरसों में संस्कृत जैसे विषय से भी कोई परहेज नहीं किया जाएगा. इसे पढ़ने वाले छात्र भी इसका चयन कर सकेंगे.
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एक तरफ प्रदेश में मजारों पर हो रही कार्रवाई को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले राजनीतिक बयान राज्य में दिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड की नई पहल नए भारत की तस्वीर को दिखा रहा है. जाहिर है कि युवाओं को आधुनिक शिक्षा देकर मौजूदा प्रतिस्पर्धा में काबिल बनाने की कोशिश वक्फ बोर्ड की तरफ से की जा रही है. जिससे युवाओं को केवल धार्मिक शिक्षा के जरिये कट्टरपंथी विचार धारा ना देकर भविष्य के भारत की किस्मत बनाया जा सके.