ऋषिकेश: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर पहली बार मां शबरी रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 4 दिनों तक होगा. खास बात यह है के इस रामलीला में कलाकार उड़ीसा,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी जनजाति के लोग होंगे. ये जानकारी परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने दी है.
परमार्थ निकेतन घाट पर होगी शबरी रामलीला: परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ऋषिकेश में पहली बार मां शबरी रामलीला का आयोजन होने जा रहा है. यह आयोजन परमार्थ निकेतन घाट पर 20 अक्टूबर से लेकर 24 अक्टूबर तक चलेगा. उन्होंने कहा कि इस रामलीला में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए उड़ीसा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी कलाकार आ रहे हैं.
शबरी और केवट के समर्पण भाव को देखेंगे लोग: शबरी रामलीला के आयोजन का उद्देश्य है कि सभी को शबरी और केवट के समर्पण भाव को लोग समझ सकें. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से यह भी संदेश लोगों में जाएगा कि भारत सभी लोगों को साथ लेकर चलने वाला देश है. यहां पीड़ा से भी प्रेरणा मिलती है.
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परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे सूफी गायक कैलाश खेर: परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे सूफी गायक कैलाश खेर ने कहा कि परमार्थ निकेतन में हमेशा से ही कुछ ना कुछ अलग करते हुए देश को जोड़ने का काम किया जाता है. स्वामी चिदानंद मुनि के द्वारा शबरी रामलीला का आयोजन भले ही इस बार ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर पर हो रहा हो, लेकिन संभवत आगे चलकर विदेशी धरती पर भी इस तरह का आयोजन जरूर होगा.
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