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खास हैं दून घाटी के लव बग्स, मौसम से है इनका कनेक्शन, शोधकर्ताओं से जानें कहानी - वीपी उनियाल

Love Bugs in central Himalayas दून घाटी सहित पूरे उत्तराखंड में सर्दियों का अहसास होने लगा है, लेकिन इस अहसास से पहले कुदरत के एक इशारे को बयां करते हैं मध्य हिमालय क्षेत्र में अपनी मौजूदगी देने वाले लव बग्स. क्या हैं ये लव बग्स जानिए इनकी कहानी शोधकर्ताओं की जुबानी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 29, 2023, 10:59 PM IST

खास हैं दून घाटी के लव बग्स

देहरादून: दून घाटी में इन दिनों जंगलों और खेतों के आसपास लव बग्स खूब उड़ रहे हैं. ये नारंगी मुंडी वाले काले कीड़े होते हैं, लेकिन साइंस की भाषा में यह (Bugs) कीट नहीं, बल्कि फाइल्स यानी मक्खियां हैं. यह मौसम के परिवर्तन का संकेत देते हैं. पिछले सप्ताह से अचानक दून वैली में इन कीड़ों की मौजूदगी अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है, जो कि सीधे-सीधे तेजी से नजदीक आ रही सर्दी का स्पष्ट संकेत है.

Love Bugs in central Himalayas
खास हैं दून घाटी के लव बग्स

लव बग वैज्ञानिक रूपी मक्खी: वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व शोधकर्ता और बायो डायवर्सिटी पर काम करने वाली संस्था अंबर फाउंडेशन के चेयरपर्सन डॉ. वीपी उनियाल ने बताया कि ये वैज्ञानिक रूपी मक्खी है, जिसका वैज्ञानिक नाम (Plecia indica Brunetti, 1911) है, जो कि ऑर्डर डिप्टेरा यानी दो-पंखी मक्खी के परिवार बीबिओनिडे में आती है. इन्हें आम तौर पर लव बग्स या फिर हनीमून फ्लाइज भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये प्रजनन के दौरान भी पीठ से पीठ मिलाकर उड़ते हैं. यहां तक की ये लव बग्स प्रजनन के बाद भी कई दिनों तक इस टैंडम स्थिति में रहते हैं.

Love Bugs in central Himalayas
लव बग्स का मौसम से है कनेक्शन

मादा लव बग आकार में होती है बड़ी: डॉ. वीपी उनियाल ने बताया कि सामान्यत मादा लव बग्स आकार में बड़ी होती है और उनका सिर पतला और लंबा होता है, जबकि नर छोटे होते हैं और उनका सिर गोल होता है. इनका वयस्क शरीर 5 से 12 मिमी तक होता है. अब तक, भारतीय हिमालय से बिबिओनिडी के परिवार के चार जीनस की 29 प्रजातियों की रिपोर्ट की गई हैं (चंद्रा आदि, 2018).

लव बग का जीवन चक्रः लव बग्स का सामान्यतः छह महीने का जीवनकाल होता है, इसलिए इसमें वर्ष में दो पीढ़ियां होती हैं. ये बसंत (अप्रैल-जून) या पतझड़ (अगस्त-अक्टूबर) में अंडे रखते हैं. प्रजनन के बाद, नर लव बग्स मर जाते हैं. प्रति मादा लव बग्स तकरीबन 100-350 अंडे देती है और कीट फूल-पत्ते खाते हैं. वयस्क के रूप में लव बग्स केवल कुछ हफ्तों तक जीते हैं.

ये भी पढ़ें: देश की आठवीं फल मक्खी की खोज, गढ़वाल विवि के वैज्ञानिकों ने ढूंढी नई प्रजाति

घास के मैदानों और पेड़ों के ऊपर दिखाई देते हैं लव बग: ये लव बग्स मुख्यतः घास के मैदानों और पेड़ों के ऊपर घूमते हुए दिखाई देते हैं और वयस्क फूलों के ऊपर मंडराते हुए फूलों का रस पीते रहते हैं. इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है. ये हमेशा समूह में रहते हैं.

ये भी पढ़ें: लक्सर: शुगर मिल के वेस्टेज से मक्खी-मच्छरों का प्रकोप, खटखटाएंगे HC का दरवाजा

खास हैं दून घाटी के लव बग्स

देहरादून: दून घाटी में इन दिनों जंगलों और खेतों के आसपास लव बग्स खूब उड़ रहे हैं. ये नारंगी मुंडी वाले काले कीड़े होते हैं, लेकिन साइंस की भाषा में यह (Bugs) कीट नहीं, बल्कि फाइल्स यानी मक्खियां हैं. यह मौसम के परिवर्तन का संकेत देते हैं. पिछले सप्ताह से अचानक दून वैली में इन कीड़ों की मौजूदगी अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है, जो कि सीधे-सीधे तेजी से नजदीक आ रही सर्दी का स्पष्ट संकेत है.

Love Bugs in central Himalayas
खास हैं दून घाटी के लव बग्स

लव बग वैज्ञानिक रूपी मक्खी: वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व शोधकर्ता और बायो डायवर्सिटी पर काम करने वाली संस्था अंबर फाउंडेशन के चेयरपर्सन डॉ. वीपी उनियाल ने बताया कि ये वैज्ञानिक रूपी मक्खी है, जिसका वैज्ञानिक नाम (Plecia indica Brunetti, 1911) है, जो कि ऑर्डर डिप्टेरा यानी दो-पंखी मक्खी के परिवार बीबिओनिडे में आती है. इन्हें आम तौर पर लव बग्स या फिर हनीमून फ्लाइज भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये प्रजनन के दौरान भी पीठ से पीठ मिलाकर उड़ते हैं. यहां तक की ये लव बग्स प्रजनन के बाद भी कई दिनों तक इस टैंडम स्थिति में रहते हैं.

Love Bugs in central Himalayas
लव बग्स का मौसम से है कनेक्शन

मादा लव बग आकार में होती है बड़ी: डॉ. वीपी उनियाल ने बताया कि सामान्यत मादा लव बग्स आकार में बड़ी होती है और उनका सिर पतला और लंबा होता है, जबकि नर छोटे होते हैं और उनका सिर गोल होता है. इनका वयस्क शरीर 5 से 12 मिमी तक होता है. अब तक, भारतीय हिमालय से बिबिओनिडी के परिवार के चार जीनस की 29 प्रजातियों की रिपोर्ट की गई हैं (चंद्रा आदि, 2018).

लव बग का जीवन चक्रः लव बग्स का सामान्यतः छह महीने का जीवनकाल होता है, इसलिए इसमें वर्ष में दो पीढ़ियां होती हैं. ये बसंत (अप्रैल-जून) या पतझड़ (अगस्त-अक्टूबर) में अंडे रखते हैं. प्रजनन के बाद, नर लव बग्स मर जाते हैं. प्रति मादा लव बग्स तकरीबन 100-350 अंडे देती है और कीट फूल-पत्ते खाते हैं. वयस्क के रूप में लव बग्स केवल कुछ हफ्तों तक जीते हैं.

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घास के मैदानों और पेड़ों के ऊपर दिखाई देते हैं लव बग: ये लव बग्स मुख्यतः घास के मैदानों और पेड़ों के ऊपर घूमते हुए दिखाई देते हैं और वयस्क फूलों के ऊपर मंडराते हुए फूलों का रस पीते रहते हैं. इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है. ये हमेशा समूह में रहते हैं.

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