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उत्तराखंड: लोहारी नागपाला परियोजना पर लटकी तलवार, एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर NTPC ने खींचे हाथ

इस परियोजना पर अब तक करीब 1000 करोड़ खर्च करने के बाद नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के हाथ खड़े कर दिए हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने भी इसे अपने हाथ में लेने से पहले शर्त रख दी.

लोहारी नागपाला परियोजना
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Published : Oct 3, 2019, 5:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पहले से ही गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं पर रोक लगी हुई है. ऐसे में अब लोहारी नागपाला परियोजना पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है. 600 मेगावाट की इस परियोजना में अभी तक एक हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने अब इस परियोजना से हाथ खड़े कर दिए है. वहीं, राज्य सरकार ने भी इस परियोजना को अपने हाथ में लेने और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को एक हज़ार करोड़ रुपये देने से पहले कई शर्तें रख दी है.

उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रम नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को 1000 करोड़ देने पर हामी तो भर दी है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार ने परियोजना में बचे हुए सुरक्षा कार्य को पूरा करने को कहा है. इसके साथ ही इस परियोजना पर आगे कोई रोक न लगे इसके लिए तमाम स्वीकृति देनी होगी. क्योंकि, पर्यावरणीय बंदिशों के चलते उत्तराखंड में निर्माणाधीन कई महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लग चुकी है जिन पर पहले ही काफी पैसा खर्च हो चुका है. ऐसे में अब राज्य सरकार लोहारी नागपाला परियोजना पर व्यर्थ में धन खर्च करना नहीं चाहती है.

पढ़ें- MDDA के नियमों में बदलाव, अब कमर्शियल भवन बनाने के लिए चाहिए पड़ोसियों की सहमति

उत्तराखंड की लोहारी नागपाला परियोजना से कुल 600 मेगावाट बिजली का उत्पाद हो सकती है. इसके लिए 150 मेगावाट की चार यूनिट स्थापित की जानी थी, लेकिन इस परियोजना पर पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के बाद रोक लग गई. जिसके बाद नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने हाथ खड़े कर दिए.

पढ़ें- ऊर्जा विभाग ने शुरू किया ये अभियान, बिजली चोरी करने वाले हो जाएं सावधान!

अब उत्तराखंड जल विद्युत निगम इस परियोजना का निर्माण करेगी, लेकिन तमाम कारणों से बंद पड़ी इस परियोजना में खर्च हुए एक हजार करोड़ का भार राज्य सरकार अभी उठाने की स्थिति में नहीं है. फिलहाल इस मामले पर 10 अक्टूबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली में बैठक बुलाई है, जहां पर इस परियोजना से जुड़ी तमाम स्थितियां स्पष्ट हो पाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड में पहले से ही गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं पर रोक लगी हुई है. ऐसे में अब लोहारी नागपाला परियोजना पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है. 600 मेगावाट की इस परियोजना में अभी तक एक हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने अब इस परियोजना से हाथ खड़े कर दिए है. वहीं, राज्य सरकार ने भी इस परियोजना को अपने हाथ में लेने और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को एक हज़ार करोड़ रुपये देने से पहले कई शर्तें रख दी है.

उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रम नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को 1000 करोड़ देने पर हामी तो भर दी है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार ने परियोजना में बचे हुए सुरक्षा कार्य को पूरा करने को कहा है. इसके साथ ही इस परियोजना पर आगे कोई रोक न लगे इसके लिए तमाम स्वीकृति देनी होगी. क्योंकि, पर्यावरणीय बंदिशों के चलते उत्तराखंड में निर्माणाधीन कई महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लग चुकी है जिन पर पहले ही काफी पैसा खर्च हो चुका है. ऐसे में अब राज्य सरकार लोहारी नागपाला परियोजना पर व्यर्थ में धन खर्च करना नहीं चाहती है.

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उत्तराखंड की लोहारी नागपाला परियोजना से कुल 600 मेगावाट बिजली का उत्पाद हो सकती है. इसके लिए 150 मेगावाट की चार यूनिट स्थापित की जानी थी, लेकिन इस परियोजना पर पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के बाद रोक लग गई. जिसके बाद नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने हाथ खड़े कर दिए.

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अब उत्तराखंड जल विद्युत निगम इस परियोजना का निर्माण करेगी, लेकिन तमाम कारणों से बंद पड़ी इस परियोजना में खर्च हुए एक हजार करोड़ का भार राज्य सरकार अभी उठाने की स्थिति में नहीं है. फिलहाल इस मामले पर 10 अक्टूबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली में बैठक बुलाई है, जहां पर इस परियोजना से जुड़ी तमाम स्थितियां स्पष्ट हो पाएगी.

Intro:नोट - विसुअल्स ftp से भेजी गई है....
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उत्तराखंड राज्य के बड़ी सहायक नदियों पर यूं तो पहले ही जल विद्युत परियोजना पर रोक लग गई थी, तो वहीं अब लोहारी नागपाला परियोजना पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है। 600 मेगावाट इस परियोजना में अभी तक एक हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं बावजूद इसके नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने इस परियोजना को पूरा किए बिना ही हाथ खड़े कर दिए। तो वही राज्य सरकार ने भी इस परियोजना को अपने हाथ में लेने और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को एक हज़ार करोड़ रुपये देने से पहले कई शर्तें रख दी है।


Body:उत्तराखंड राज्य सरकार ने केंद्र सरकार का उपक्रम नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को 1000 करोड़ देने पर हामी तो भर दी है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार ने परियोजना में बचे शेष सुरक्षा कार्य को पूरा करने को कहा है, इसके साथ ही इस परियोजना पर आगे कोई रोक ना लगे इसके लिए तमाम स्वीकृति या देनी होगी। क्योंकि पर्यावरणीय बंदिशों के चलते उत्तराखंड में निर्माणाधीन कई महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लग चुकी हूं यही नहीं कई परियोजनाओं पर बड़ी धनराशि भी खर्च हो चुकी है। ऐसे में अब राज्य सरकार लोहारी नागपाला परियोजना पर व्यर्थ में धन खर्च करना नहीं चाहती है। 





Conclusion:उत्तराखंड की लोहारी नागपाला परियोजना से कुल 600 मेगावाट बिजली का उत्पाद हो सकती है। इसके लिए 150 मेगावाट की चार यूनिट स्थापित की जानी थी। लेकिन इस परियोजना पर पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर रोक लगने के बाद नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने हाथ खड़े कर दिए। जिसके अब उत्तराखंड जल विद्युत निगम इस परियोजना का निर्माण करेगी। लेकिन तमाम कारणों से बंद पड़ी, इस परियोजना में खर्च हुए एक हजार करोड़ का भार राज्य सरकार अभी उठाने की स्थिति में नहीं है। फिलहाल इस मामले पर 10 अक्टूबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली में बैठक बुलाई है, जहां पर इस परियोजना से जुड़ी तमाम स्थितियां स्पष्ट हो पाएगी।
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