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तो इस वजह से देहरादून में नहीं दिखा कॉमर्शियल परिवहन के हड़ताल का असर, जानिए क्या है मामला

देहरादून के सभी व्यसायिक वाहनों द्वारा सुबह से ही संकेतिक हड़ताल करने का एलान किया गया था, लेकिन विक्रमों द्वारा सवारी लिए जाने की वजह से हड़ताल का असर देखने को नहीं मिला. जिसके चलते यूनियन में मतभेद की स्थिती बनी हुई है.

देहरादून में नहीं दिखा कॉमर्शियल परिवहन के हड़ताल का असर.
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Published : Sep 12, 2019, 10:09 AM IST

देहरादून: मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ जहां पूरे प्रदेश में कॉमर्शियल परिवहन संकेतिक हड़ताल पर रहें. वहीं देहरादून में भी सिटी बस, टैक्सी यूनियन, ऑटो यूनियन सहित सभी कॉमर्शियल वाहनो की संकेतिक हड़ताल रही, लेकिन बावजूद इसके शहर की सड़कों पर हड़ताल का असर नहीं दिखने को मिला. हड़ताल के बावजूद विक्रम और ऑटो रिक्शा सड़को पर सवारियां ढ़ोते हुए नजर आए.

पढ़ें- मसूरी-यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, वाहनों की लगी कतारें


दरअसल, देहरादून के सभी व्यसायिक वाहनों द्वारा सुबह से ही संकेतिक हड़ताल करने का एलान किया गया था, लेकिन विक्रमों द्वारा सवारी लिए जाने की वजह से हड़ताल का असर देखने को नहीं मिला. जिसके चलते यूनियन में मतभेद की स्थिती बन गई.

देहरादून में नहीं दिखा कॉमर्शियल परिवहन के हड़ताल का असर.


वहीं, विक्रम यूनियन के अध्यक्ष सुधीर अरोड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि हमने अपनी तरफ से समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि नए एक्ट के तहत जुर्माना देना बड़ा मुश्किल हो गया है और उन्हे अपनी गाड़िया घर पर ही खड़ी करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि यूनियन द्वारा सभी विक्रम चालको को हड़ताल के बारे में समझाया गया था, लेकिन विक्रम चालकों ने हड़ताल को ताक पर रखकर गाड़ियां चलाई.

देहरादून: मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ जहां पूरे प्रदेश में कॉमर्शियल परिवहन संकेतिक हड़ताल पर रहें. वहीं देहरादून में भी सिटी बस, टैक्सी यूनियन, ऑटो यूनियन सहित सभी कॉमर्शियल वाहनो की संकेतिक हड़ताल रही, लेकिन बावजूद इसके शहर की सड़कों पर हड़ताल का असर नहीं दिखने को मिला. हड़ताल के बावजूद विक्रम और ऑटो रिक्शा सड़को पर सवारियां ढ़ोते हुए नजर आए.

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दरअसल, देहरादून के सभी व्यसायिक वाहनों द्वारा सुबह से ही संकेतिक हड़ताल करने का एलान किया गया था, लेकिन विक्रमों द्वारा सवारी लिए जाने की वजह से हड़ताल का असर देखने को नहीं मिला. जिसके चलते यूनियन में मतभेद की स्थिती बन गई.

देहरादून में नहीं दिखा कॉमर्शियल परिवहन के हड़ताल का असर.


वहीं, विक्रम यूनियन के अध्यक्ष सुधीर अरोड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि हमने अपनी तरफ से समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि नए एक्ट के तहत जुर्माना देना बड़ा मुश्किल हो गया है और उन्हे अपनी गाड़िया घर पर ही खड़ी करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि यूनियन द्वारा सभी विक्रम चालको को हड़ताल के बारे में समझाया गया था, लेकिन विक्रम चालकों ने हड़ताल को ताक पर रखकर गाड़ियां चलाई.

Intro:मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ आज जहा पूरे प्रदेश में कॉमर्शियल परिवहन संकेतिक हड़ताल कर रहे है।वही देहरादून में भी सिटी बस,टैक्सी यूनियन,ऑटो यूनियन सहित सभी कॉमर्शियल वाहनो की संकेतिक हड़ताल पर है।लेकिन उस संकेतिक हड़ताल के बावजूद शहर की सड़कों पर हड़ताल का असर नही दिखा।विक्रम ओर ऑटो रिक्शा सड़को पर सवारियां लेते हुए दौड़ते नज़र आये।वही विक्रम यूनियन के अध्यक्ष सफाई दी रहे है कुछ विक्रम चालक नही मानते है।साथ ही अज्ञानी होने के कारण हड़ताल का विरोध कर रहे है।


Body:देहरादून के सभी व्यसायिक वाहन का सुबह से ही संकेतिक हड़ताल करने का एलान कर रखा था,लेकिन सुबह से ही हड़ताल का असर नही दिखा साथ ही सुबह से ही विक्रमो को सवारी लेते हुए दिखाई दे रहे है।वही यह असर देखने के बाद यूनियन में मतभेद देखने को मिला है की विक्रमो चालको ने अपनी मनमानी चला कर विक्रम यूनियन के अध्यक्ष के एलान को ताक पर सुबह से ही सवारियां ढोने का काम कर रही है।


Conclusion:विक्रम यूनियन के अध्यक्ष सुधीर अरोड़ा ने सफाई देते हुए बताया कि हमने अपनी तरफ से समर्थन दिया है।और देहरादून की स्थिति ऐसी है कि जो पहले जुर्माने लागये गए है उन चालानों के तहत हमने जुर्माना देना बड़ा मुश्किल लग रहा है,ओर नए एक्ट के तहत जुर्माने के बाद हम सबको अपनी गाड़िया घर ही खड़ी करनी पड़गी।वही यूनियन द्वारा सभी विक्रम चालको को हड़ताल के बारे में समझाया गया था।लेकिन सभी विक्रम चालक अज्ञानी लोग है और कच्चे लालच में हड़ताल का विरोध करके विक्रम चला रहे है।

बाइट-सुधीर अरोड़ा(अध्यक्ष, विक्रम यूनियन)
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