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जल्द बनेगा भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र, विश्वस्तरीय तकनीक और सुविधाओं से होगा लैस

Uttarakhand Disaster प्रदेश में भूस्खलन से हर साल जान माल का भारी नुकसान होता है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है. केंद्र विश्वस्तरीय तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 6, 2024, 7:03 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील राज्य है और यहां पर भूस्खलन की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती रहती हैं. खासतौर पर मानसून सीजन में इन घटनाओं के कारण राज्य को खासा नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में उत्तराखंड राज्य भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना करने के लिए प्रयासरत है. कोशिश यह है कि इस केंद्र को विश्वस्तरीय तकनीक और सुविधाओं से लैस किया जाए, ताकि राज्य में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके.

प्रदेश में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है. इस दौरान केंद्र को राष्ट्रीय नहीं बल्कि विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास भी हो रहे हैं. इसी को लेकर आज मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की प्रगति समीक्षा की. इस दौरान इससे संबंधित तमाम अधिकारी समीक्षा में मौजूद रहे. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए की राज्य में बनने वाले इस केंद्र को विश्वस्तरीय रूप दिया जाए और न केवल उत्तराखंड और देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह केंद्र भूस्खलन न्यूनीकरण का काम कर सके.राज्य में सभी टाउनशिप की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग तकनीक से मैपिंग करने के भी निर्देश दिए गए. इसमें खास तौर पर उन शहरों को प्राथमिकता दी जाए, जो संवेदनशील हैं.
पढ़ें- मुख्य सचिव बोले- अभी तक 2 लाख करोड़ के MoU साइन, 25 लाख करोड़ की योजनाओं पर जल्द कार्य होगा शुरू

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि केंद्र की स्थापना के लिए कई महत्वपूर्ण और बड़े काम करने होंगे. इसके लिए समय की उपलब्धता कम है. लिहाजा तेजी से इस काम को करते हुए समयबद्ध तरीके से केंद्र को स्थापित किया जाए. इस दौरान विश्वस्तरीय संस्थाओं के साथ आपसी समन्वय करते हुए विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग करने के भी निर्देश दिए गए. भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना के दौरान गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना और दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक को अपनाने के लिए कहा गया. इसके अलावा इस काम को करने के लिए एक विशेष सेल का गठन करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान विश्व की बेहतरीन और लेटेस्ट तकनीक की तलाश की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी जाए. वहीं कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में काम करते हुए पहले तीसरे और पांचवें साल के लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया जाए. इस तरह मुख्य सचिव ने केंद्र में उपयोग होने वाले उपकरण से लेकर दूसरी सुविधाओं को बेहतर रखने के आदेश दिए.

देहरादून: उत्तराखंड आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील राज्य है और यहां पर भूस्खलन की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती रहती हैं. खासतौर पर मानसून सीजन में इन घटनाओं के कारण राज्य को खासा नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में उत्तराखंड राज्य भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना करने के लिए प्रयासरत है. कोशिश यह है कि इस केंद्र को विश्वस्तरीय तकनीक और सुविधाओं से लैस किया जाए, ताकि राज्य में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके.

प्रदेश में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है. इस दौरान केंद्र को राष्ट्रीय नहीं बल्कि विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास भी हो रहे हैं. इसी को लेकर आज मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की प्रगति समीक्षा की. इस दौरान इससे संबंधित तमाम अधिकारी समीक्षा में मौजूद रहे. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए की राज्य में बनने वाले इस केंद्र को विश्वस्तरीय रूप दिया जाए और न केवल उत्तराखंड और देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह केंद्र भूस्खलन न्यूनीकरण का काम कर सके.राज्य में सभी टाउनशिप की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग तकनीक से मैपिंग करने के भी निर्देश दिए गए. इसमें खास तौर पर उन शहरों को प्राथमिकता दी जाए, जो संवेदनशील हैं.
पढ़ें- मुख्य सचिव बोले- अभी तक 2 लाख करोड़ के MoU साइन, 25 लाख करोड़ की योजनाओं पर जल्द कार्य होगा शुरू

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि केंद्र की स्थापना के लिए कई महत्वपूर्ण और बड़े काम करने होंगे. इसके लिए समय की उपलब्धता कम है. लिहाजा तेजी से इस काम को करते हुए समयबद्ध तरीके से केंद्र को स्थापित किया जाए. इस दौरान विश्वस्तरीय संस्थाओं के साथ आपसी समन्वय करते हुए विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग करने के भी निर्देश दिए गए. भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की स्थापना के दौरान गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना और दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक को अपनाने के लिए कहा गया. इसके अलावा इस काम को करने के लिए एक विशेष सेल का गठन करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान विश्व की बेहतरीन और लेटेस्ट तकनीक की तलाश की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी जाए. वहीं कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में काम करते हुए पहले तीसरे और पांचवें साल के लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया जाए. इस तरह मुख्य सचिव ने केंद्र में उपयोग होने वाले उपकरण से लेकर दूसरी सुविधाओं को बेहतर रखने के आदेश दिए.

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