देहरादून: राज्य स्थापना के बाद से ही उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में जमीनों के दाम आसमान छूने लगे. खासतौर पर राजधानी देहरादून की जमीनें तो मुंह मांगे दामों पर बिकने लगीं. ऐसे में भू-माफिया गिरोह भी सक्रिय हो गए, जिनकी निगाहें सरकारी और खाली पड़ी लावारिस जमीनों पर थी. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देहरादून में आज सबसे ज्यादा शिकायतें जमीनों के फर्जीवाड़े से संबंधित आती हैं. एक अनुमान के अनुसार, शुरुआती जांच में ही करीब ₹200 करोड़ से ज्यादा की जमीनों को खुर्द-बुर्द करने की बात सामने आई है. देहरादून में चाय बागान, सीलिंग की जमीनों और निजी भूमि पर इतने बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा होने की खबर से सरकार और ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस ने अपनी जांच में एक नामी वकील कमल विरमानी सहित अबतक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
विकेश नेगी ने उठाया था चाय बागान की जमीन का मामला: देहरादून में सैकड़ों बीघा चाय बागान की जमीन का मामला उठाने वाले विकेश नेगी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के माध्यम से ऐसी कई जमीनों को चिन्हित करवाया है, जो चाय बागान खत्म होने के बाद सरकार में निहित हो जानी चाहिए थी, लेकिन भू-माफियाओं ने ऐसी जमीनों को बेचकर इन्हें खुर्द-बुर्द कर दिया. देहरादून में जमीनों को खुर्द-बुर्द करने वाले इस गिरोह का खुलासा कुछ शिकायतों के आधार पर भी हुआ है. बताया गया कि जिलाधिकारी कार्यालय को जमीनों में कागजी फर्जीवाड़े से जुड़ी कुछ शिकायतें मिली हैं, जिसके बाद इसकी जांच शुरू की गई.
-
फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में दून पुलिस को मिली बडी सफलता 02 शातिर अभियुक्तों को कोतवाली नगर/SOG ने किया गिरफ्तार, रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से अभियुक्तों को किया गिरफ्तार1-अभि0 रोहताश सिंह 2-विकास पाण्डे
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 08 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार pic.twitter.com/NlM7rroQTA
">फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में दून पुलिस को मिली बडी सफलता 02 शातिर अभियुक्तों को कोतवाली नगर/SOG ने किया गिरफ्तार, रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से अभियुक्तों को किया गिरफ्तार1-अभि0 रोहताश सिंह 2-विकास पाण्डे
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 22, 2023
अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 08 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार pic.twitter.com/NlM7rroQTAफर्जी रजिस्ट्री घोटाले में दून पुलिस को मिली बडी सफलता 02 शातिर अभियुक्तों को कोतवाली नगर/SOG ने किया गिरफ्तार, रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से अभियुक्तों को किया गिरफ्तार1-अभि0 रोहताश सिंह 2-विकास पाण्डे
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 22, 2023
अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 08 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार pic.twitter.com/NlM7rroQTA
जांच के दौरान पता चला कि जिन जमीनों पर कुछ लोग सालों से रह रहे थे, उन्हें सरकारी दस्तावेज दिखाकर जमीनें किसी और के नाम होने का दावा किया जा रहा था. ऐसे एक के बाद एक जब कुछ और मामले भी सामने आए, तो देहरादून जिलाधिकारी सोनिका ने अधिकारियों के साथ मिलकर ऐसे मामलों के दस्तावेजों की खुद जांच करनी शुरू कर दी.
इसे भी पढ़ें- देहरादून सब रजिस्ट्रार कार्यालय में भूमि बैनामों में बड़ा घोटाला, अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, जांच के लिए एसआईटी गठित
मुख्यमंत्री धामी और डीएम ने रजिस्ट्री कार्यालय का किया निरीक्षण: जांच के दौरान जिलाधिकारी सोनिका ने दून रजिस्ट्री कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिकायतों के आधार पर रजिस्ट्री कार्यालय में पहुंचकर छापेमारी की और दस्तावेज खंगाले. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने एसआईटी जांच के आदेश दे दिए. फिर ऐसे लोगों की गिरफ्तारियां का सिलसिला शुरू हुआ, जो इस गिरोह के लिए काम कर रहे थे. अब तक कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि अभी कुछ और लोग भी इस मामले में SIT के रडार पर हैं.
इसे भी पढ़ें- देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस के 'गुनहगारों' के गिरोह का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार, सरगना फरार
-
फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में 01 अभियुक्त को #कोतवाली_नगर_पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने देहरादून से किया गिरफ्तार ।
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
रजिस्ट्रार आफिस के अभिलेखों से छेडछाड कर धोखाधडी से करोंडो रू0 की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह के कुल 09 अभियुक्तों को अब तक किया जा चुका है गिरफ्तार। pic.twitter.com/ghM6JSe9Qj
">फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में 01 अभियुक्त को #कोतवाली_नगर_पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने देहरादून से किया गिरफ्तार ।
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 27, 2023
रजिस्ट्रार आफिस के अभिलेखों से छेडछाड कर धोखाधडी से करोंडो रू0 की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह के कुल 09 अभियुक्तों को अब तक किया जा चुका है गिरफ्तार। pic.twitter.com/ghM6JSe9Qjफर्जी रजिस्ट्री घोटाले में 01 अभियुक्त को #कोतवाली_नगर_पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने देहरादून से किया गिरफ्तार ।
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 27, 2023
रजिस्ट्रार आफिस के अभिलेखों से छेडछाड कर धोखाधडी से करोंडो रू0 की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह के कुल 09 अभियुक्तों को अब तक किया जा चुका है गिरफ्तार। pic.twitter.com/ghM6JSe9Qj
जमीनों के घोटाले का ये अभी तक का सबसे बड़ा मामला: इस मामले पर जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि अभी तक एक नामी वकील समेत कई महत्वपूर्ण कड़ियों को जोड़ने वाले लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. देहरादून में जमीनों के घोटाले का ये मामला अबतक का सबसे बड़ा मामला है. इसमें तीन तरह की जमीनों पर फर्जीवाड़ा सामने आया है-
- पहला- चाय बागान की खुर्द-बुर्द की गई जमीनें हैं.
- दूसरा- सीलिंग और सरकारी जमीनें हैं.
- तीसरा- निजी भूमि पर किए गए फर्जीवाड़े हैं.
ये तीन तरह के फर्जीवाड़े शिकायत के आधार पर प्रशासन ने जांच में सामने लाए हैं. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में जमीनों से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेजों को बदल दिया गया है. फर्जी रजिस्ट्री, म्यूटेशन जैसे रिकॉर्ड भी बदल दिए गए हैं. फर्जी कागजों की स्कैनिंग के बाद उन्हें सरकारी फाइलों में लगवाया गया है. इस प्रकरण में सरकारी कार्यालय में तैनात कर्मचारी भी गड़बड़ी को लेकर पकड़ा गया है.
इसे भी पढ़ें- देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ मामला, पुलिस के हत्थे चढ़ा नामी वकील, अब तक 9 आरोपी गिरफ्तार
सीलिंग और खाली पड़ी जमीनों पर रहती थी निगाहें: एक तरफ सीलिंग एक्ट के तहत चाय बागान की जमीनों को 1975 के बाद सरकार में निहित कर दिया गया था, लेकिन भू-माफियाओं ने इन जमीनों को भी मोटी रकम लेकर बेच दिया, जबकि सरकारी जमीनों के साथ खाली पड़ी निजी जमीन और शत्रु संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए कब्जा कर लिया गया. जमीनों को हथियाने वाले इस गिरोह की नजर ऐसी ही जमीनों पर होती थी, जिस पर किसी का ध्यान न हो और ऐसी जमीनें जिसका कोई वारिस ना हो.
-
फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में #दून_पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मीडिया की नजर से#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime #Crime pic.twitter.com/IS0XfX0FVz
">फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में #दून_पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 28, 2023
मीडिया की नजर से#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime #Crime pic.twitter.com/IS0XfX0FVzफर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में #दून_पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 28, 2023
मीडिया की नजर से#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime #Crime pic.twitter.com/IS0XfX0FVz
2008 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने जताया था जमीनों के खुर्द-बुर्द होने का अंदेशा: देहरादून की तत्कालीन जिलाधिकारी मनीषा पंवार ने साल 2008 में अपने कार्यकाल के दौरान चाय बागान की जमीनों को खुर्द-बुर्द किए जाने का अंदेशा जताया था. यही नहीं, उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को भी इन संभावनाओं से अवगत कराया था, लेकिन ना तो किसी सरकार और ना ही शासन की तरफ से इस पर कभी गंभीरता से विचार किया गया. नतीजा यह हुआ कि आज हजारों की संख्या में लोगों ने ऐसी जमीनों को खरीद लिया है और अब उन पर बेघर होने का संकट मंडरा रहा है.
जिलाधिकारी ने सहारनपुर से मंगवाए जमीनों के दस्तावेज: देहरादून के जमीनों से जुड़े करीब डेढ़ सौ साल पुराने सभी दस्तावेज एक साल पहले तक सहारनपुर में ही धूल फांकते रहे. ऐसे में ना तो किसी भी सरकार ने इन दस्तावेजों को देहरादून वापस लाने की कोशिश की और ना ही किसी जिलाधिकारी ने ऐसा करना जरूरी समझा. देहरादून जिलाधिकारी सोनिका के संज्ञान में यह मामला आने के बाद उन्होंने करीब चार ट्रक जमीनों के दस्तावेज वापस मंगवाए और अब इन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है. खास बात यह है कि सहारनपुर में इन दस्तावेजों के होने के दौरान भी इसमें जमकर हेराफेरी की गई. देहरादून से इन दस्तावेजों के दूर होने का फायदा भू-माफियाओं ने उठाया.
ये भी पढ़ें: देवभूमि पहुंचे यूपी में धूल फांकते मसूरी-देहरादून के 150 साल पुराने अभिलेख, भू माफियाओं के फर्जीवाड़े पर लगा ब्रेक