देहरादूनः सूबे में भू-माफियाओं के खिलाफ पुलिस प्रशासन के प्रभावी कार्रवाई के दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं. इसका ताजा मामला सहसपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां हाईवे के पास स्थित कई एकड़ आम के बगीचे में अवैध प्लॉटिंग किया जा रहा है. जहां सैकड़ों हरे भरे पेड़ों पर आरी चलाने का आरोप लगाया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से भू माफिया लगभग 100 बीघा से ज्यादा की भूमि पर दर्जनों पेड़ों को काटकर अवैध प्लाटिंग को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, मामले में स्थानीय लोगों और किसान संगठन की ओर से हल्ला बोल करते ही कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह कोई पहला मामला नहीं हैं.
उनका कहना है कि इससे पहले भी कोविड लॉकडाउन के दौरान भू माफियाओं ने पुलिस के साथ सांठगांठ कर हरे पेड़ काट दिए थे. साथ ही पेड़ों की जड़ों को उखाड़ने और सबूतों को मिटाने के लिए रातों रात जेसीबी मशीन चलाई गई थी.
रातों रात सबूत मिटाने का प्रयास, पुलिस खानापूर्ति में जुटीः भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोगों का आरोप है कि इन दिनों में धड़ल्ले के साथ स्थानीय पुलिस और संबंधित विभाग की मिलीभगत से दर्जनों पेड़ काटकर अवैध प्लाटिंग का प्रयास किया जा रहा है. मौके पर किसी तरह का कोई सबूत न दिखे, इसको लेकर रातों रात आम के कटे पेड़ और उनकी जड़ों स्थानीय पुलिस और बाहरी दबंगों की मदद से जेसीबी मशीनों से हटाया जा रहा है.
किसान संगठन (Bhartiya Kisan Union) के मुताबिक, यह सारा अवैध कारनामा भू माफियाओं को संरक्षण देने के लिए संबंधित विभाग और पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है. पुलिस अधिकारियों को शिकायत पत्र देने के बावजूद मात्र खानापूर्ति की बातें हो रही है.
आरोपित लोगों खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश: भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर से शिकायत कर आरोपी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. जिस पर एसएसपी ने सहसपुर थाना प्रभारी को 2 दिन के भीतर आरोपित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आम के बगीचे को नष्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.