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दून अस्पताल में स्टाफ का टोटा, दर-बदर भटकने को मजबूर मरीज - दून के सरकारी अस्पताल में डेंगू के बढ़े मरीज

देहरादून में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, तो वहीं, दून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्टाफ की कमी बनी हुई है. ऐसे में सीमित स्टाफ से ही काम चलाना पड़ रहा है.

aaदेहरादून के सरकारी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी
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Published : Aug 13, 2019, 5:10 PM IST

देहरादून: नगर में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम ले रहा है. लगातार बढ़ते मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेश पर दून अस्पताल में 16 बेड का एक अलग डेंगू वार्ड भी बनाया गया है, ताकि डेंगू के मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो. जबकि, अभी भी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है.

देहरादून के सरकारी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी.

वहीं, इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि अस्पताल के पास स्टाफ की भारी कमी है. ऐसे में कम स्टाफ के सहयोग से ही अस्पताल में काम चलाया जा रहा है. अस्पताल में वार्डबॉय और लैब टेक्निशियन के अलावा स्टाफ नर्सों का भी अभाव है. ऐसे में एक लैब टेक्निशियन 12 से 16 घंटे काम करते हुए डेंगू की जांच कर रहा है.

गौरतलब है कि जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आतें हैं, वहीं दून मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है. आलम ये है कि एक तरफ डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दून अस्पताल मेडिकल स्टाफ की कमी झेल रहा है. जबकि, स्वास्थ्य महकमे की कमान खुद सीएम के हाथों में है.

देहरादून: नगर में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम ले रहा है. लगातार बढ़ते मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेश पर दून अस्पताल में 16 बेड का एक अलग डेंगू वार्ड भी बनाया गया है, ताकि डेंगू के मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो. जबकि, अभी भी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है.

देहरादून के सरकारी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी.

वहीं, इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि अस्पताल के पास स्टाफ की भारी कमी है. ऐसे में कम स्टाफ के सहयोग से ही अस्पताल में काम चलाया जा रहा है. अस्पताल में वार्डबॉय और लैब टेक्निशियन के अलावा स्टाफ नर्सों का भी अभाव है. ऐसे में एक लैब टेक्निशियन 12 से 16 घंटे काम करते हुए डेंगू की जांच कर रहा है.

गौरतलब है कि जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आतें हैं, वहीं दून मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है. आलम ये है कि एक तरफ डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दून अस्पताल मेडिकल स्टाफ की कमी झेल रहा है. जबकि, स्वास्थ्य महकमे की कमान खुद सीएम के हाथों में है.

Intro:देहरादून में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम ले रहा है, हालांकि डेंगू के लगातार बढ़ते मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश पर 16 बेड का एक और डेंगू वार्ड बनाया गया है ताकि डेंगू से पीड़ित मरीजों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े, वहां भी 14 बेड डेंगू से पीड़ित मरीजों से फुल हो गए हैं , विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका उपचार किया जा रहा है। जबकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा पूर्व में बनाए गए आठ बेडों के डेंगू वार्ड में एलाइजा पॉजिटिव मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। दून अस्पताल में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है, डेंगू से पीड़ित मरीजों के लिए बनाए गए 16 बेड के वार्ड में वार्ड बॉय की कमी बनी हुई है तो वहीं अस्पताल में डेंगू या अन्य जांचों के लिये लैब टेक्नीशियनो का अभाव भी बना हुआ है,जो नाकाफी साबित हो रहा है।

बाईट- डॉ केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक, दून मेडिकल कॉलेज


Body:दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा के मुताबिक अस्पताल के पास स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है सीमित संख्या में मेडिकल स्टाफ के सहयोग से अस्पताल में काम चलाया जा रहा है।दून अस्पताल में वार्डबॉय,लेब टेक्निशियनो,के अलावा स्टाफ नर्सों का अभाव बना हुआ है। एक लेब टेक्निशियन 12 से 16 घंटे निरंतर कार्य करते हुए डेंगू के टेस्टों की जांच करने में लगा हुआ है। अभी नये मेडिकल स्टाफ को लेकर अस्पताल में संशय की स्थिति बनी हुई है, कि यदि यहां मेडिकल स्टाफ नियुक्त किया जाता है तो उसे आउट सोर्स पर रखना है या फिर नियमित नियुक्ति प्रदान करनी है।

बाईट- डॉ केके टम्टा चिकित्सा अधीक्षक, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion: प्रत्येक दिन दो हजार के आसपास की ओपीडी अटेंड करने वाले सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी बनी हुई है। एक तरफ जिले में डेंगू ने पैर पसार रखे हैं, तो दूसरी तरफ दून अस्पताल मेडिकल स्टाफ की कमी झेल रहा है। ऐसे में सीमित संख्या मैं तैनात मेडिकल स्टाफ से काम चलाना पड़ रहा है। गौर है कि सोमवार को 36 और मरीजों में डेंगू बुखार की पुष्टि हुई है इस प्रकार से अब तक डेंगू पीड़ितों की संख्या 338 हो चुकी है। वर्तमान में दून मेडिकल कॉलेज में डेंगू के मरीजों के लिए आठ और 16 बेड के अलग-अलग डेंगू वार्ड बनाए गए हैं, जिसमें 22 बेडों पर डेंगू से पीड़ित मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लेकिन मरीजों के बढ़ते दबाव के बाद यहां स्टाफ की कमी बनी हुई है।
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