देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वन दारोगा भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में जमानत पर रिहा लैब टेक्नीशियन सचिन कुमार दोबारा जेल जाएगा. एसटीएफ की प्रभावी पैरवी से अभियुक्त की निचली कोर्ट से हुई जमानत को जिला एवं सत्र न्यायाधीश देहरादून ने खारिज कर दिया है. लोअर कोर्ट में अभियुक्त और उसके अधिवक्ता द्वारा गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया था.
इसके साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश देहरादून द्वारा अभियुक्त सचिन के अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को आदेश दिया है. बता दें कि वन दारोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली के संबंध में थाना रायपुर में पंजीकृत मुकदमे की विवेचना एसटीएफ द्वारा की जा रही है. जिसमें अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की गई है. जिनमें से एक अभियुक्त सचिन कुमार निवासी शंकरपुरी ब्रह्मपुरी रुड़की भी है, जिसे 29 सितंबर 2822 को वन दारोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल माफियाओं के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को नकल कराई गई थी.
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घटना के समय आरोपी हरिद्वार के एक परीक्षा सेंटर में बतौर लैब टेक्नीशियन के रूप में तैनात था. जिस कारण से सचिन कुमार को गिरफ्तार करके एसटीएफ द्वारा न्यायालय पेश किया गया. अभियुक्त द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में अपने बचाव में गलत तथ्य पेश करके दो दिसंबर 2022 को लोअर कोर्ट से जमानत प्राप्त कर ली गई थी. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया की टीम द्वारा अभियुक्त की जमानत के के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून में अपील की गई और मुकदमे के संबंध में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए गए.
जिसके आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा अभियुक्त के खिलाफ साक्ष्यों को चेक करने के बाद पाया कि अभियुक्त सचिन के संबंध में उसके अधिवक्ता द्वारा लोअर कोर्ट में अभियुक्त की जमानत के लिए गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है. जिस कारण से जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा 10 अप्रैल 2023 को अभियुक्त को दी गई जमानत को खारिज करते हुए बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को आरोपी सचिन के अधिवक्ता के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किए जाने के लिए आदेशित किया गया है.