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रामबाण है कुलथी दाल, अनेक बीमारियों से आपको रखती है दूर - कुलथी दाल के औषधीय गुण

कुलथी दाल में अनेक औषधीय गुण होते हैं. कुलथी दाल मूत्र संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी है. इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है.

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कुलथी दाल
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Published : Dec 13, 2019, 3:20 PM IST

विकासनगर: सर्द मौसम में किसी को सर्दी जुकाम बुखार हो जाने पर पहले लोग घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करते थे, लेकिन वर्तमान में लोग अंग्रेजी दवा खाने की होड़ में लगे हुए. आज आपको ऐसी दाल के बारे में बता रहे हैं जो बीमारियों से दूर रखती है. स्थानीय भाषा में इसे गहत या कुलथी कहते हैं. कुलथी का वैज्ञानिक नाम माइक्रोटिलोमा यूनीफ्लोरम है. कुलथी दाल अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है.

रामबाण है कुलथी दाल

ये दाल गहरे भूरे रंग की होती है, जिसका आकार गोल और चपटा होता है. यह एक प्रकार से लगभग सेम की तरह होता है. औषधि गुणों के कारण इसे पूरे भारत में भोजन अंकुरित अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है.

कुलथी दाल के फायदे के बारे में बता दें कि सदियों से भारतीय आयुर्वेदिक में कुलथी दाल का उपयोग बहुत से रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है. इसके औषधीय गुणों का भारत में लंबा इतिहास है.

अस्थमा पीलिया और मूत्र संबंधी विकारों के इलाज के लिए इस पौधे के विभिन्न हिस्सों का आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा उपयोग किया जाता है. पथरी के लिए रामबाण दवा माना जाता है. पारंपरिक रूप से कुलथी दाल का उपयोग गुर्दे की समस्याओं के उपचार में किया जाता है.

कुलथी दाल मूत्र संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी है. इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है. इसका उपयोग अनियमित और भारी रक्त स्राव के संबंध में किया जाता है.

कुलथी दाल का उपयोग करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है जो कि मोटापे का कारण होता है. इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है जो कोलस्ट्रोल को खत्म करने में मदद करती है. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर कुलथी दाल आपके दिल को भी स्वस्थ बनाने में सहायक होती है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः जमरानी बांध परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिली अंतिम मंजूरी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव बजाज बताते हैं कि कुलथी दाल में अनेक औषधीय गुण हैं जो कई बीमारियों को दूर भगाने में सहायक हैं जैसे सर्दी, जुकाम, पथरी. मोटापा आदि. महिलाओं में अनियमित माहवारी को ठीक करने और डायबिटीज में कुलथी की दाल राहत पहुंचाती है.

इस दाल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है. कुलथी की दाल भिगोकर अंकुरित ले सकते हैं. आटा बनाकर नियमित आहार के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं. दाल में अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं.

विकासनगर: सर्द मौसम में किसी को सर्दी जुकाम बुखार हो जाने पर पहले लोग घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करते थे, लेकिन वर्तमान में लोग अंग्रेजी दवा खाने की होड़ में लगे हुए. आज आपको ऐसी दाल के बारे में बता रहे हैं जो बीमारियों से दूर रखती है. स्थानीय भाषा में इसे गहत या कुलथी कहते हैं. कुलथी का वैज्ञानिक नाम माइक्रोटिलोमा यूनीफ्लोरम है. कुलथी दाल अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है.

रामबाण है कुलथी दाल

ये दाल गहरे भूरे रंग की होती है, जिसका आकार गोल और चपटा होता है. यह एक प्रकार से लगभग सेम की तरह होता है. औषधि गुणों के कारण इसे पूरे भारत में भोजन अंकुरित अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है.

कुलथी दाल के फायदे के बारे में बता दें कि सदियों से भारतीय आयुर्वेदिक में कुलथी दाल का उपयोग बहुत से रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है. इसके औषधीय गुणों का भारत में लंबा इतिहास है.

अस्थमा पीलिया और मूत्र संबंधी विकारों के इलाज के लिए इस पौधे के विभिन्न हिस्सों का आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा उपयोग किया जाता है. पथरी के लिए रामबाण दवा माना जाता है. पारंपरिक रूप से कुलथी दाल का उपयोग गुर्दे की समस्याओं के उपचार में किया जाता है.

कुलथी दाल मूत्र संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी है. इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है. इसका उपयोग अनियमित और भारी रक्त स्राव के संबंध में किया जाता है.

कुलथी दाल का उपयोग करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है जो कि मोटापे का कारण होता है. इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है जो कोलस्ट्रोल को खत्म करने में मदद करती है. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर कुलथी दाल आपके दिल को भी स्वस्थ बनाने में सहायक होती है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः जमरानी बांध परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिली अंतिम मंजूरी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव बजाज बताते हैं कि कुलथी दाल में अनेक औषधीय गुण हैं जो कई बीमारियों को दूर भगाने में सहायक हैं जैसे सर्दी, जुकाम, पथरी. मोटापा आदि. महिलाओं में अनियमित माहवारी को ठीक करने और डायबिटीज में कुलथी की दाल राहत पहुंचाती है.

इस दाल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है. कुलथी की दाल भिगोकर अंकुरित ले सकते हैं. आटा बनाकर नियमित आहार के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं. दाल में अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं.

Intro:विकासनगर कुलथी दाल है औषधीय गुणों से परिपूर्ण आयुर्वेदिक डॉक्टर देते हैं खाने की सलाह कई रोग को करती है ठीक सर्द मौसम में खांसी जुखाम की है रामबाण दवा.


Body:सर्द मौसम में किसी को सर्दी जुकाम बुखार हो जाए तो वह अपने घर पर सबसे पहले घरेलू नुक्सा का इस्तेमाल करता है लेकिन वर्तमान में लोग अंग्रेजी दवा खाने की होड़ में लगे हुए आज हम आपको एक ऐसी दाल के बारे में बता रहे हैं जो कई बीमारियों को दूर भगा देती है जिसे हम अपने रसोई में आराम से बनाकर ले सकते हैं जिसे लोक भाषा में गहत या कुलथी कहते हैं कुलथी का वैज्ञानिक नाम माइक्रोटिलोमा यूनीफ्लोरम से भी जाना जाता है कुलथी दाल हमारे समाज में प्रचलित विशेष औषधीय प्रयोजन के लिए उपयोग की जाने वाली दाल है यह गहरे भूरे मसूर की तरह होता है जिसका आकार गोल और चपटा होता है यह एक प्रकार से लगभग सेम की तरह होता है औषधि गुणों के कारण इसे पूरे भारत में भोजन अंकुरित अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है कुलथी दाल के फायदे के बारे में आपको बता दें की सदियों से भारतीय आयुर्वेदिक वेधों द्वारा कुलथी दाल का उपयोग बहुत से रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है कुर्ती दाल के औषधीय गुणों का भारत में लंबा इतिहास है अस्थमा पीलिया और मूत्र संबंधी विकारों के इलाज के लिए इस पौधे के विभिन्न हिस्सों का आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा उपयोग किया जाता है पथरी के लिए रामबाण दवा माना जाता है पारंपरिक रूप से कुलथी दाल का उपयोग गुर्दे की समस्याओं के उपचार में किया जाता है आयुर्वेद के अनुसार कुलथी दाल गुर्दे के पुत्रों को नष्ट करने में मदद करती है कुलथी दाल में मूत्र वर्धक गुण होते हैं जो कि गुर्दे के पत्रों को तोड़ने और मूत्र के साथ भार निकालने में मदद करते हैं इसके अलावा महिला में लोहे की कमी को पूरा करने के लिए कुलथी दाल का उपयोग किया जाता है क्योंकि कुलथी दाल में लौकी अच्छी मात्रा मौजूद रहती है इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है इसका उपयोग अनियमित और भारी रक्त स्राव के लिए किया जाता है कुलथी दाल का उपयोग करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है जो कि मोटापे का कारण होता है इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है जो आदमी कोलस्ट्रोल को खत्म करने में मदद करते हैं कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर कुलथी दाल आपके दिल को भी स्वस्थ बनाने में सहायक होता है


Conclusion:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव बजाज बताते हैं कि कुलथी दाल में अनेकों औषधीय गुण है जो कई बीमारियों को दूर भगाने में सहायक है जैसे कि सर्दी जुखाम, पथरी के रोगों में मोटापे को कम करने में महिलाओं के अनियमित माहवारी को ठीक करने में और डायबिटीज मैं कई प्रकार से कुलथी की दाल राहत पहुंचाती है इस दाल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है कुलथी की दाल भिगोकर अंकुरित ले सकते हैं आटा बनाकर नियमित आहार के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं दाल में अनेकों पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
बाइट _डॉ राजीव बजाज_ आयुष चिकित्सा अधिकारी_ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया
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