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'2016 में मेरे रहते बची थी कांग्रेस की सरकार, प्रदेश में बने आवास नीति' - Uttarakhand latest news

टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून या फिर भराड़ीसैंण में राजधानी बनती है तो वहां जो व्यवस्था है उसकी बजाय जिला मुख्यालय के विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराए जाएं. किशोर उपाध्याय ने कहा कि आज राज्य गठन को 22 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन प्रदेश मे अभी तक कोई आवास नीति नहीं है.

Uttarakhand latest news
CM धामी को लिखा पत्र
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Published : May 22, 2022, 4:22 PM IST

देहरादून: राज्य को बने 22 साल हो गए हैं और उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों पर अक्सर यह आरोप लगते रहते हैं कि पर्वतीय राज्य होने के बाद भी उनके पर्वतीय क्षेत्रों से कम सरोकार रहते हैं. इसके साथ ही विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहने की वजह देहरादून में निवास करना ज्यादा पसंद करते हैं. वहीं, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने इस परिपाटी से हटकर देहरादून की बजाय अपनी विधानसभा में आवास आवंटन करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही उन्होंने प्रदेश में आवास नीति बनाए जाने की मांग की है.

टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून या फिर भराड़ीसैंण में राजधानी बनती है. वहां जो व्यवस्था है, उसकी बजाय जिला मुख्यालय के विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराए जाएं. किशोर उपाध्याय ने कहा कि आज राज्य गठन को 22 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन प्रदेश मे अभी तक कोई आवास नीति नहीं है. भले ही देहरादून में अधिकारियों, क्लर्कों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए आवासों की व्यवस्था की गई है. किंतु विधायक अब भी हॉस्टल में निवास करने पर विवश हैं, जो चिंता का विषय है.

किशोर उपाध्याय ने उठाई प्रदेश में आवास नीति बनाए जाने की मांग.

पढ़ें- बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही बनीं पियाली बसाक

किशोर उपाध्याय ने निशंक सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब निशंक मुख्यमंत्री थे. उस दौरान उन्होंने इस बात का विरोध किया था, तब मेरा सामान यमुना कॉलोनी के आवास से बाहर फेंकवा दिया गया था, जबकि मैं वहां रहता भी नहीं था. उन्होंने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों व केंद्र सरकार की भांति आवास को लेकर एक नीति बनाए जाने की पैरवी की है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार विधानसभा और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि इन बातों पर चर्चा होनी चाहिए और उसका निराकरण होना चाहिए.

Kishore Upadhyay demanded to make a housing policy in the state
CM धामी को लिखा पत्र.

2016 में मेरे रहते बची थी कांग्रेस की सरकार: किशोर उपाध्याय कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस के भविष्य को लेकर कहा कि इसके बारे में तो कांग्रेस नेता ही बता सकते हैं. लेकिन जब हमारे हाथ में कांग्रेस का भविष्य था तो हमने कांग्रेस को बचाया था. उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं होता तो 2016 में कांग्रेस की सरकार भी नहीं बचती, उसके बावजूद कांग्रेस ने इस बात का मान नहीं रखा, लेकिन कांग्रेस के बारे में यदि मैं कोई टिप्पणी करूं तो यह अच्छी बात नहीं है.

बता दें कि टिहरी विधानसभा से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने विधायक होने के नाते देहरादून में मिलने वाली आवासीय सुविधा को देहरादून की जगह, अपने निर्वाचन क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. उन्होंने राज्य सरकार से जल्द ही प्रदेश में आवासीय नीति बनाए जाने का भी आग्रह किया है.

देहरादून: राज्य को बने 22 साल हो गए हैं और उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों पर अक्सर यह आरोप लगते रहते हैं कि पर्वतीय राज्य होने के बाद भी उनके पर्वतीय क्षेत्रों से कम सरोकार रहते हैं. इसके साथ ही विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहने की वजह देहरादून में निवास करना ज्यादा पसंद करते हैं. वहीं, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने इस परिपाटी से हटकर देहरादून की बजाय अपनी विधानसभा में आवास आवंटन करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही उन्होंने प्रदेश में आवास नीति बनाए जाने की मांग की है.

टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि देहरादून या फिर भराड़ीसैंण में राजधानी बनती है. वहां जो व्यवस्था है, उसकी बजाय जिला मुख्यालय के विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराए जाएं. किशोर उपाध्याय ने कहा कि आज राज्य गठन को 22 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन प्रदेश मे अभी तक कोई आवास नीति नहीं है. भले ही देहरादून में अधिकारियों, क्लर्कों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए आवासों की व्यवस्था की गई है. किंतु विधायक अब भी हॉस्टल में निवास करने पर विवश हैं, जो चिंता का विषय है.

किशोर उपाध्याय ने उठाई प्रदेश में आवास नीति बनाए जाने की मांग.

पढ़ें- बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही बनीं पियाली बसाक

किशोर उपाध्याय ने निशंक सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब निशंक मुख्यमंत्री थे. उस दौरान उन्होंने इस बात का विरोध किया था, तब मेरा सामान यमुना कॉलोनी के आवास से बाहर फेंकवा दिया गया था, जबकि मैं वहां रहता भी नहीं था. उन्होंने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों व केंद्र सरकार की भांति आवास को लेकर एक नीति बनाए जाने की पैरवी की है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार विधानसभा और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि इन बातों पर चर्चा होनी चाहिए और उसका निराकरण होना चाहिए.

Kishore Upadhyay demanded to make a housing policy in the state
CM धामी को लिखा पत्र.

2016 में मेरे रहते बची थी कांग्रेस की सरकार: किशोर उपाध्याय कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस के भविष्य को लेकर कहा कि इसके बारे में तो कांग्रेस नेता ही बता सकते हैं. लेकिन जब हमारे हाथ में कांग्रेस का भविष्य था तो हमने कांग्रेस को बचाया था. उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं होता तो 2016 में कांग्रेस की सरकार भी नहीं बचती, उसके बावजूद कांग्रेस ने इस बात का मान नहीं रखा, लेकिन कांग्रेस के बारे में यदि मैं कोई टिप्पणी करूं तो यह अच्छी बात नहीं है.

बता दें कि टिहरी विधानसभा से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने विधायक होने के नाते देहरादून में मिलने वाली आवासीय सुविधा को देहरादून की जगह, अपने निर्वाचन क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. उन्होंने राज्य सरकार से जल्द ही प्रदेश में आवासीय नीति बनाए जाने का भी आग्रह किया है.

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