देहरादून: सरकार ने चारधाम यात्रा पर दूसरे राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट की शर्त को हटा दिया है. जिसके बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिल गई है. लेकिन कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने केदारनाथ और बदरीनाथ पहुंचने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की मांग की है. मनोज रावत का कहना है कि अगर वहां के पुजारी संक्रमित हो जाते हैं तो ऐसे में सरकार को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा.
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार द्वारा राहत दिए जाने से धामों में श्रद्धालुओं की संख्या नहीं बढ़ने वाली है. बीते दिनों उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि कोरोना मंदिर तक नहीं पहुंचे. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए चेतावनी दी है कि सरकार बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के किसी भी यात्री को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जैसे तीर्थ स्थलों पर जाने की इजाजत न दें.
उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ धामों की परंपरा अपने आप में एक अनूठी है. अगर वो परंपरा एक बार टूट गई तो अनर्थ हो जाएगा. वहां के पुजारी लोग दक्षिण भारत से आते हैं. अगर पुजारी कोरोना संक्रमित हो जाते हैं तो सरकार को इतिहास कभी माफ नहीं करने वाला है.
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बता दें कि, प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट की शर्त समाप्त कर दी है. इसके आधार पर देवस्थानम बोर्ड ने भी चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कोविड-19 बाध्यता समाप्त कर दी है. हालांकि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने बदरीनाथ और केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही से अगर वहां के पुजारी संक्रमित हो जाते हैं तो सरकार को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा.