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Congress MLAs Suspended: करन माहरा ने बताया लोकतंत्र के प्रति अपराध, कहा- शोर को सुनना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन पार्टी विधायकों को निलंबित करने को लोकतंत्र के प्रति अपराध बताया है. माहरा ने कहा कि असहमति के शोर को सुनना और स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है. सदन लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच होता है.

Congress MLAs Suspended
करन माहरा
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Published : Mar 15, 2023, 10:24 AM IST

देहरादून: कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों के निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया है. विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से विधायकों के निलंबन को तत्काल वापस लिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी दल के सभी विधायकों के निलंबन की कार्रवाई की निंदा की है.

विधायकों के निलंबन से कांग्रेस नाराज: करना माहरा ने कहा कि लोकतंत्र के सभी मानकों और मापदंडों पर कुठाराघात करते हुए और अलोकतांत्रिकता का परिचय देते हुए कांग्रेस पार्टी के उन विधायकों को जो प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, उनको विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. यह भाजपा के फासीवादी और तानाशाही चरित्र का प्रमाण है. माहरा ने कहा कि इसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल बर्दाश्त नहीं करेगा.

जनहित से जुड़े मुद्दे सदन में उठाए- माहरा: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी गौतम अडानी मामले में जेपीसी गठित किए जाने, 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था के केंद्र जोशीमठ के पुनरुद्धार और वहां के निवासियों के विस्थापन के लिए राहत पैकेज की घोषणा किए जाने, भर्ती घोटालों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रही है. इसके साथ ही अंकिता हत्याकांड ने तथाकथित बीआईपी का नाम उजागर किए जाने, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच कराने, ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को दुरुस्त किये जाने की मांग को लेकर 13 मार्च को विधानसभा घेराव किया गया. इन्हीं जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने इन सभी मसलों को विधानसभा में उठाया.

विधायकों का निलंबन लोकतंत्र के प्रति अपराध- माहरा: करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया जो लोकतंत्र के प्रति अपराध है. माहरा का कहना है कि असहमति के शोर को सुनना और स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है. सदन लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच होता है. ऐसे में प्रदेश की आम जनता की आवाज उठाने पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई यह कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है. गौरतलब है कि विशेषाधिकार हनन के मामले में विधायकों के से नाराज स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस के 15 विधायकों को सत्र की कार्यवाही में 1 दिन के लिए निलंबित कर दिया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने और अलोकतांत्रिक बताया है.

कांग्रेस पार्टी छावनी परिषद चुनाव में उतारने जा रही है प्रत्याशी: अप्रैल में होने वाले छावनी परिषद के चुनाव में कांग्रेस अपना अधिकृत प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने जा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश प्रभारी और पदाधिकारियों से विचार विमर्श के बाद सभी सीटों पर सिंबल पर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने छावनी परिषद देहरादून कैंट मसूरी और क्लेमनटाउन में चुनाव के लिए प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र पोखरियाल को जिम्मेदारी सौंपी है. इसको लेकर कांग्रेस मुख्यालय में तीनों छावनी परिषद के पार्टी कार्यकर्ताओं और चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के साथ बैठक होगी. उन्होंने तीनों छावनी परिषद के संभावित दावेदारों से बैठक में उपस्थित होने की अपील भी की है.
ये भी पढ़ें: Governor's Speech in Budget Session: विपक्ष का हंगामा, सीएम बोले- कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं

बता दें कि छावनी परिषद चुनावों में कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार की विफलताओं के साथ ही महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार के मुद्दों को भी उठाने जा रही है. कैंट बोर्ड चुनाव के लिए भाजपा ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. चुनाव को लेकर भाजपा ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कैंटों के लिए प्रभारी भी नियुक्त किए हैं, और चुनाव के इच्छुक नेताओं से बायोडाटा के साथ दावेदारी प्रस्तुत करने को भी कहा है. वहीं कैंट चुनाव में कांग्रेस पार्टी भी अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.

देहरादून: कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों के निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया है. विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से विधायकों के निलंबन को तत्काल वापस लिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी दल के सभी विधायकों के निलंबन की कार्रवाई की निंदा की है.

विधायकों के निलंबन से कांग्रेस नाराज: करना माहरा ने कहा कि लोकतंत्र के सभी मानकों और मापदंडों पर कुठाराघात करते हुए और अलोकतांत्रिकता का परिचय देते हुए कांग्रेस पार्टी के उन विधायकों को जो प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, उनको विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. यह भाजपा के फासीवादी और तानाशाही चरित्र का प्रमाण है. माहरा ने कहा कि इसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल बर्दाश्त नहीं करेगा.

जनहित से जुड़े मुद्दे सदन में उठाए- माहरा: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी गौतम अडानी मामले में जेपीसी गठित किए जाने, 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था के केंद्र जोशीमठ के पुनरुद्धार और वहां के निवासियों के विस्थापन के लिए राहत पैकेज की घोषणा किए जाने, भर्ती घोटालों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रही है. इसके साथ ही अंकिता हत्याकांड ने तथाकथित बीआईपी का नाम उजागर किए जाने, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच कराने, ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को दुरुस्त किये जाने की मांग को लेकर 13 मार्च को विधानसभा घेराव किया गया. इन्हीं जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने इन सभी मसलों को विधानसभा में उठाया.

विधायकों का निलंबन लोकतंत्र के प्रति अपराध- माहरा: करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया जो लोकतंत्र के प्रति अपराध है. माहरा का कहना है कि असहमति के शोर को सुनना और स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है. सदन लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच होता है. ऐसे में प्रदेश की आम जनता की आवाज उठाने पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई यह कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है. गौरतलब है कि विशेषाधिकार हनन के मामले में विधायकों के से नाराज स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस के 15 विधायकों को सत्र की कार्यवाही में 1 दिन के लिए निलंबित कर दिया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने और अलोकतांत्रिक बताया है.

कांग्रेस पार्टी छावनी परिषद चुनाव में उतारने जा रही है प्रत्याशी: अप्रैल में होने वाले छावनी परिषद के चुनाव में कांग्रेस अपना अधिकृत प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने जा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश प्रभारी और पदाधिकारियों से विचार विमर्श के बाद सभी सीटों पर सिंबल पर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने छावनी परिषद देहरादून कैंट मसूरी और क्लेमनटाउन में चुनाव के लिए प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र पोखरियाल को जिम्मेदारी सौंपी है. इसको लेकर कांग्रेस मुख्यालय में तीनों छावनी परिषद के पार्टी कार्यकर्ताओं और चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के साथ बैठक होगी. उन्होंने तीनों छावनी परिषद के संभावित दावेदारों से बैठक में उपस्थित होने की अपील भी की है.
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बता दें कि छावनी परिषद चुनावों में कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार की विफलताओं के साथ ही महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार के मुद्दों को भी उठाने जा रही है. कैंट बोर्ड चुनाव के लिए भाजपा ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. चुनाव को लेकर भाजपा ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कैंटों के लिए प्रभारी भी नियुक्त किए हैं, और चुनाव के इच्छुक नेताओं से बायोडाटा के साथ दावेदारी प्रस्तुत करने को भी कहा है. वहीं कैंट चुनाव में कांग्रेस पार्टी भी अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.

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