ETV Bharat / state

किसान अध्यादेश को लेकर हमलावर कांग्रेस, जोत सिंह बिष्ट बोले- किसान विरोधी है सरकार

उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने किसान अध्यादेश को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार जनविरोधी अध्यादेशों को पास करवाकर किसानों के हितों को चोट पहुंचा रही है.

mussoorie news
जोत सिंह बिष्ट
author img

By

Published : Sep 20, 2020, 4:32 PM IST

Updated : Sep 20, 2020, 10:25 PM IST

मसूरीः किसान अध्यादेश के विरोध में विपक्ष लगातार मुखर है. उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए अध्यादेश को किसानों के हितों पर चोट करार दिया है. उन्होंने कहा कि संसद सत्र में सरकार इन जनविरोधी अध्यादेशों को पास करवाकर उन्हें कानून का रूप देने का प्रयास कर रही है. अगर यह अध्यादेश कानून का रूप ले लेते हैं तो देश के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बिहार और केरल में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू न होने के कारण किसानों की दुर्दशा पूरे देश के सामने हैं.

किसान अध्यादेश को लेकर हमलावर कांग्रेस.

मसूरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जोत सिंह बिष्ट जमकर मोदी सरकार पर बरसे. उन्होंने कहा कि किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है. यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त कर दी गई तो देश में किसान अन्नदाता का दर्जा बडे़ अनाज व्यापारियों को मिल जाएगा और किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करवाकर सस्ता राशन वितरण प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र भी कर रही है.

ये भी पढ़ेंः उपेक्षा: कभी 'मिनी यूरोप' कहलाने वाला गांव आज झेल रहा पलायन का दंश

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश को हरित क्रांति की शुरुआत के साथ गरीब को भरपेट भोजन मिल सके, इस मकसद से देश मे सस्ता राशन वितरण प्रणाली को लागू किया था. वर्तमान मोदी सरकार उस प्रणाली को खत्म कर देश के गरीब परिवारों को सस्ते राशन से भी वंचित कर देगी. कांग्रेस पार्टी देश के किसान और गरीब के हित में इन जनविरोधी अध्यादेशों का विरोध करने के साथ सड़कों पर भी संघर्ष करेगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 1 जुलाई 2020 से सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फैसले के बाद सरकार नए पदों पर स्थायी नियुक्ति देने की बजाय 5 साल के लिए संविदा पर तैनाती देगी. इस आदेश के लागू होने के बाद देश का बेरोजगार सदमे में है. इस प्रकार के आदेश से महिलाओं को रोजगार पाने में सबसे जादा दिक्कतों का सामना करना पडे़गा.

ये भी पढ़ेंः मोदी सरकार में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई 2.4 गुना बढ़ोतरी

उत्तराखंड सरकार ने पहले बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों का राज्य की सीमा पर 2 हजार रुपये प्रति व्यक्ति लेकर कोविड टेस्ट कराने के आदेश दिए. बिना टेस्ट के राज्य में प्रवेश पर पाबंदी लगाई. अब मुख्यमंत्री ने एक नया फरमान जारी किया है कि 3 से 4 दिन के लिए आने वालों का कोई टेस्ट नहीं कराया जाएगा. राज्य सरकार को कोविड टेस्ट का पैसा जनता से वसूल करने की बजाय भारत सरकार से पैकेज की मांग करना चाहिए. इसके साथ ही जांच भी सबकी होनी चाहिए.

देश और प्रदेश में कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह से विफल रहने वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकार की इन जन विरोधी नीतियों से साफ हो जाता है कि सरकार गरीब, किसान, बेरोजगार युवाओं की विरोधी है. इस जन विरोधी सरकार को उखाड फेंकने के लिए पूरी कांग्रेस पार्टी देशभर में जन जागरण अभियान चलाएगी.

मसूरीः किसान अध्यादेश के विरोध में विपक्ष लगातार मुखर है. उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए अध्यादेश को किसानों के हितों पर चोट करार दिया है. उन्होंने कहा कि संसद सत्र में सरकार इन जनविरोधी अध्यादेशों को पास करवाकर उन्हें कानून का रूप देने का प्रयास कर रही है. अगर यह अध्यादेश कानून का रूप ले लेते हैं तो देश के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बिहार और केरल में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू न होने के कारण किसानों की दुर्दशा पूरे देश के सामने हैं.

किसान अध्यादेश को लेकर हमलावर कांग्रेस.

मसूरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जोत सिंह बिष्ट जमकर मोदी सरकार पर बरसे. उन्होंने कहा कि किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है. यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त कर दी गई तो देश में किसान अन्नदाता का दर्जा बडे़ अनाज व्यापारियों को मिल जाएगा और किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करवाकर सस्ता राशन वितरण प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र भी कर रही है.

ये भी पढ़ेंः उपेक्षा: कभी 'मिनी यूरोप' कहलाने वाला गांव आज झेल रहा पलायन का दंश

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश को हरित क्रांति की शुरुआत के साथ गरीब को भरपेट भोजन मिल सके, इस मकसद से देश मे सस्ता राशन वितरण प्रणाली को लागू किया था. वर्तमान मोदी सरकार उस प्रणाली को खत्म कर देश के गरीब परिवारों को सस्ते राशन से भी वंचित कर देगी. कांग्रेस पार्टी देश के किसान और गरीब के हित में इन जनविरोधी अध्यादेशों का विरोध करने के साथ सड़कों पर भी संघर्ष करेगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 1 जुलाई 2020 से सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फैसले के बाद सरकार नए पदों पर स्थायी नियुक्ति देने की बजाय 5 साल के लिए संविदा पर तैनाती देगी. इस आदेश के लागू होने के बाद देश का बेरोजगार सदमे में है. इस प्रकार के आदेश से महिलाओं को रोजगार पाने में सबसे जादा दिक्कतों का सामना करना पडे़गा.

ये भी पढ़ेंः मोदी सरकार में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई 2.4 गुना बढ़ोतरी

उत्तराखंड सरकार ने पहले बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों का राज्य की सीमा पर 2 हजार रुपये प्रति व्यक्ति लेकर कोविड टेस्ट कराने के आदेश दिए. बिना टेस्ट के राज्य में प्रवेश पर पाबंदी लगाई. अब मुख्यमंत्री ने एक नया फरमान जारी किया है कि 3 से 4 दिन के लिए आने वालों का कोई टेस्ट नहीं कराया जाएगा. राज्य सरकार को कोविड टेस्ट का पैसा जनता से वसूल करने की बजाय भारत सरकार से पैकेज की मांग करना चाहिए. इसके साथ ही जांच भी सबकी होनी चाहिए.

देश और प्रदेश में कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह से विफल रहने वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकार की इन जन विरोधी नीतियों से साफ हो जाता है कि सरकार गरीब, किसान, बेरोजगार युवाओं की विरोधी है. इस जन विरोधी सरकार को उखाड फेंकने के लिए पूरी कांग्रेस पार्टी देशभर में जन जागरण अभियान चलाएगी.

Last Updated : Sep 20, 2020, 10:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.