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नए CM ने नहीं किया कोई ऐसा कार्य जिससे विकास की उम्मीद जगे: जोत सिंह - सीएम के फैसलों में जोत सिंह बिष्ट बोले

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि एक सप्ताह के सियासी ड्रामे के बाद शपथ लेने के छह दिन बाद भी नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिससे जनता में विकास की उम्मीदें जगती हों. उन्होंने केवल त्रिवेंद्र सरकार के निर्णयों को बदलने का कार्य किया जिससे जनता में निराशा है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट
कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट
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Published : Mar 16, 2021, 2:42 PM IST

मसूरी: कुछ दिन पहले ही तीरथ सिंह रावत राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि एक सप्ताह के सियासी ड्रामे के बाद शपथ लेने के छह दिन बाद भी नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिससे जनता में विकास की उम्मीदें जगती हों. उन्होंने केवल त्रिवेंद्र सरकार के निर्णयों को बदलने का कार्य किया जिससे जनता में निराशा है.

नए सीएम से निराश हैं जोत सिंह बिष्ट

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य का अर्थ तंत्र ध्वस्त हो रखा है. उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री और सरकार ने 20 हजार करोड़ का कर्ज लाद रखा है. उससे निजात कैसे मिलेगी, कर्मचारियों का वेतन कहां से आयेगा, राज्य का आर्थिक प्रबंधन कैसे ठीक होगा. इस पर कुछ नहीं बोले. मुख्यमंत्री ने राज्य की ज्वलंत समस्याओं पर बातचीत करने के बजाय त्रिवेंद्र सरकार के फैसलों को बदलने में ज्यादा रुचि दिखाई है. इससे यह तो प्रमाणित हो गया कि त्रिवेंद्र सरकार के चार साल के कार्यकाल में विकास का पहिया पूरी तरह जाम रहा. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नए मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सरकार के फैसलों को पलटने पर नाराजगी व्यक्त करके एक नए झगड़े का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों में भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा राज्य पर कर्ज को 20 हजार करोड़ बढ़ा दिया है. अनाप-शनाप खर्चा करके खाली किये गए राज्य के खजाने को भरने, राज्य के आर्थिक प्रबंधन को दुरुस्त करने के बारे में नए मुख्यमंत्री की तरफ से कोई पहल नहीं की गई.

राज्य में बेरोजगारी चरम पर है. प्रवासी बेरोजगार रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने, संविदा कर्मियों की सेवाएं जारी रखने और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में जोड़ने में नए मुख्यमंत्री ने अब तक कुछ नहीं बोला है. राज्य में महंगाई की मार से गरीब तबके की कमर टूट गयी है. मंहगाई पर नियंत्रण करने और महंगाई की मार से त्रस्त आमजन को छुटकारा दिलाने के बारे में मुख्यमंत्री द्वारा कोई निर्देश नहीं दिया जाना अचंभित करने वाला है. पेट्रोल के दाम बढ़ाने से जरूरत की चीजें महंगी हो गई हैं. महंगाई की मार से आम जन को छुटकारा मिलेगा या नहीं इस पर भी मुख्यमंत्री मौन हैं. राज्य का किसान सूखे की चपेट में है, गन्ना किसानों को गने का बकाया भुगतान नहीं किया गया. राज्य की कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. मातृशक्ति अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है. कानून व्यवस्था दुरुस्त करने और महिलाओं को उत्पीड़न एवं शारिरिक शोषण से बचाने के बारे में भी मुख्यमंत्री उदासीन हैं. ऐसे ही कुछ और ज्वलन्त मुद्दे जिनका समाधान राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में होना चाहिए था हमारे नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उन पर बात न करके अपने अगले एक साल के कार्यप्रणाली का नमूना पेश कर दिया.

पढ़ें: जेल अधीक्षक के खिलाफ जेल कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, हटाने की मांग

कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के द्वारा राज्य की इन ज्वलन्त समस्याओं के प्रति उदासीनता भविष्य में राज्य के लिए नुकसानदेह साबित होने वाली है. वहीं दो-दो उपचुनाव थोप दिए हैं. करोड़ों रुपये होर्डिंग्स-बैनरों में खर्च कर दिए हैं. जबकि श्रीनगर में हरीश रावत ने कहा कि सरकार आने पर सरकारी नौकरियों में हर साल दस प्रतिशत बढ़ाकर नौकरी देंगे. संविदा पर रोजगार देंगे व बिजली पानी एक निर्धारित सीमा पर निःशुल्क देंगे.

मसूरी: कुछ दिन पहले ही तीरथ सिंह रावत राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि एक सप्ताह के सियासी ड्रामे के बाद शपथ लेने के छह दिन बाद भी नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिससे जनता में विकास की उम्मीदें जगती हों. उन्होंने केवल त्रिवेंद्र सरकार के निर्णयों को बदलने का कार्य किया जिससे जनता में निराशा है.

नए सीएम से निराश हैं जोत सिंह बिष्ट

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य का अर्थ तंत्र ध्वस्त हो रखा है. उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री और सरकार ने 20 हजार करोड़ का कर्ज लाद रखा है. उससे निजात कैसे मिलेगी, कर्मचारियों का वेतन कहां से आयेगा, राज्य का आर्थिक प्रबंधन कैसे ठीक होगा. इस पर कुछ नहीं बोले. मुख्यमंत्री ने राज्य की ज्वलंत समस्याओं पर बातचीत करने के बजाय त्रिवेंद्र सरकार के फैसलों को बदलने में ज्यादा रुचि दिखाई है. इससे यह तो प्रमाणित हो गया कि त्रिवेंद्र सरकार के चार साल के कार्यकाल में विकास का पहिया पूरी तरह जाम रहा. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नए मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सरकार के फैसलों को पलटने पर नाराजगी व्यक्त करके एक नए झगड़े का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों में भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा राज्य पर कर्ज को 20 हजार करोड़ बढ़ा दिया है. अनाप-शनाप खर्चा करके खाली किये गए राज्य के खजाने को भरने, राज्य के आर्थिक प्रबंधन को दुरुस्त करने के बारे में नए मुख्यमंत्री की तरफ से कोई पहल नहीं की गई.

राज्य में बेरोजगारी चरम पर है. प्रवासी बेरोजगार रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने, संविदा कर्मियों की सेवाएं जारी रखने और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में जोड़ने में नए मुख्यमंत्री ने अब तक कुछ नहीं बोला है. राज्य में महंगाई की मार से गरीब तबके की कमर टूट गयी है. मंहगाई पर नियंत्रण करने और महंगाई की मार से त्रस्त आमजन को छुटकारा दिलाने के बारे में मुख्यमंत्री द्वारा कोई निर्देश नहीं दिया जाना अचंभित करने वाला है. पेट्रोल के दाम बढ़ाने से जरूरत की चीजें महंगी हो गई हैं. महंगाई की मार से आम जन को छुटकारा मिलेगा या नहीं इस पर भी मुख्यमंत्री मौन हैं. राज्य का किसान सूखे की चपेट में है, गन्ना किसानों को गने का बकाया भुगतान नहीं किया गया. राज्य की कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. मातृशक्ति अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है. कानून व्यवस्था दुरुस्त करने और महिलाओं को उत्पीड़न एवं शारिरिक शोषण से बचाने के बारे में भी मुख्यमंत्री उदासीन हैं. ऐसे ही कुछ और ज्वलन्त मुद्दे जिनका समाधान राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में होना चाहिए था हमारे नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उन पर बात न करके अपने अगले एक साल के कार्यप्रणाली का नमूना पेश कर दिया.

पढ़ें: जेल अधीक्षक के खिलाफ जेल कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, हटाने की मांग

कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के द्वारा राज्य की इन ज्वलन्त समस्याओं के प्रति उदासीनता भविष्य में राज्य के लिए नुकसानदेह साबित होने वाली है. वहीं दो-दो उपचुनाव थोप दिए हैं. करोड़ों रुपये होर्डिंग्स-बैनरों में खर्च कर दिए हैं. जबकि श्रीनगर में हरीश रावत ने कहा कि सरकार आने पर सरकारी नौकरियों में हर साल दस प्रतिशत बढ़ाकर नौकरी देंगे. संविदा पर रोजगार देंगे व बिजली पानी एक निर्धारित सीमा पर निःशुल्क देंगे.

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