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डबल इंजन सरकार दे सकती है प्रदेश को सौगात, जमरानी और सौंग बांध को लेकर पीएम ऑफिस ने बुलाई बैठक

उत्तराखंड के सौंग और जमरानी बांध को लेकर 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम बैठक बुलाई गई है. इसमें पीएमओ व उत्तराखंड शासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. सौंग बांध व जमरानी बांध दोनों ही राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है.

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Published : Jul 8, 2019, 7:04 AM IST

त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री.

देहरादून: प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध को लेकर केंद्र की तरफ से जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है. सौंग बांध व जमरानी बांध को लेकर 11 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में पीएमओ व उत्तराखंड शासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद बांध को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएगी. देहरादून की सांग परियोजना देहरादून में पेयजल को लेकर काफी महत्वपूर्ण है, जिससे राजधानी में पानी की समस्या को खत्म किया जा सकेगा. सांग बांध के लिए 1100 करोड़ का प्रस्ताव रखा जाएगा.

पढ़ें: नदियों का जलस्तर बढ़ने से राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

वहीं, कुमाऊं में तराई के लिए बेहद महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है. जमरानी बांध 1975 में केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिलने के बाद से ही अधर में लटका हुआ है.

दोनों ही बांधों के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री समेत जल शक्ति मंत्रालय के सामने वह अपनी बात रख चुके हैं. 11 जुलाई को होने वाली बैठक में दोनों बांधों के निर्माण पर अहम फैसला हो सकता है.

देहरादून: प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध को लेकर केंद्र की तरफ से जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है. सौंग बांध व जमरानी बांध को लेकर 11 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में पीएमओ व उत्तराखंड शासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद बांध को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएगी. देहरादून की सांग परियोजना देहरादून में पेयजल को लेकर काफी महत्वपूर्ण है, जिससे राजधानी में पानी की समस्या को खत्म किया जा सकेगा. सांग बांध के लिए 1100 करोड़ का प्रस्ताव रखा जाएगा.

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वहीं, कुमाऊं में तराई के लिए बेहद महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है. जमरानी बांध 1975 में केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिलने के बाद से ही अधर में लटका हुआ है.

दोनों ही बांधों के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री समेत जल शक्ति मंत्रालय के सामने वह अपनी बात रख चुके हैं. 11 जुलाई को होने वाली बैठक में दोनों बांधों के निर्माण पर अहम फैसला हो सकता है.

Intro:summary- उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के बीच जल्द सोंग और जमरानी बांध को लेकर बैठक होने जा रही है.. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद बांध को लेकर लटकी औपचारिकताओं को पूरा किया जा सकेगा...

उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध को लेकर जल्द केंद्र की तरफ से खुशखबरी मिल सकती है दरअसल उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच इन दोनों बांधों को लेकर 11 जुलाई को एक संयुक्त बैठक होने जा रही है।


Body:उत्तराखंड सरकार के अधिकारी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक संयुक्त बैठक करने जा रहे हैं बैठक का एजेंडा जमरानी और सॉंग बांध में लटकी औपचारिकताओं को पूरा करने से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि देहरादून की सॉन्ग परियोजना देहरादून में पेयजल को लेकर काफी महत्वपूर्ण है और इससे देहरादून में पानी की समस्या को खत्म किया जा सकेगा उधर कुमाऊं में तराई के लिए बेहद महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को लेकर भी कोई अहम फैसला हो सकता है। दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लंबे समय से इन दोनों ही बांधों के निर्माण को लेकर प्रयासरत हैं और इसको लेकर वह प्रधानमंत्री समेत जल शक्ति मंत्रालय में भी अपनी बात रख चुके हैं यही नहीं नीति आयोग में भी इसको लेकर चर्चा हो चुकी है ऐसे में अब 11 जुलाई को होने वाली बैठक में दोनों बांधों के निर्माण पर अहम फैसला हो सकता है। देहरादून में सॉन्ग बांध जहां 1100 करोड़ की प्रस्तावित लागत से बनेगा वहीं जमरानी बांध 1975 में केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिलने के बाद से ही लटका हुआ है।


Conclusion:उत्तराखंड के लिहाज से यह दोनों ही बांध काफी महत्वपूर्ण है और यदि आने वाले दिनों में बैठक के बाद तमाम अटकी हुई औपचारिकताओं को पूरा किया जा सकेगा तो यह उत्तराखंड सरकार के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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