मसूरी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 की तैयारियों में सभी पार्टियां जुटी हैं. राजनीतिक पार्टियां नये-नये मुद्दों को लेकर जनता से बातचीत कर रही हैं. इसी कड़ी में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को आगामी विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों से इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने को कहा जाएगा. अगर पार्टी इस मांग को अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं करेंगी तो इसके लिए वह रणनीति तैयार करेंगे.
पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि पूरा जीवन सरकारी सेवा में लगाने के बाद सेवानिवृत्ति होने पर उनको कुछ नहीं मिल पाता है. उन्हें जो पेंशन दी जाती है वह उनके साथ अन्याय है. यह पेंशन शेयर बाजार पर आधारित है. जो मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ है. पिछले दो सालों से आंदोलन को पूरे प्रदेश में गति देने का प्रयास कर रहे हैं. सभी कर्मचारियों को जोड़ रहे हैं. इसके साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों, जिला पंचायत अध्यक्ष, निकाय अध्यक्ष, प्रधान, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि सभी को इस योजना की खामियां बता उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं. लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 2005 के बाद सभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाए. इस संगठन में सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को जोड़ रहे हैं. आगामी सितंबर माह में सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्षों, नेताओं को समझाने का प्रयास करेंगे कि इस मुद्दे को सभी दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें. ताकि यह आगामी विधानसभा चुनाव-2022 का प्रमुख मुद्दा बन सके.
उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दलों को आगाह भी करना चाहते हैं कि हमारे साथ प्रदेश के 80 हजार कर्मचारी हैं. यह उनके परिवार के हित का सवाल है. इस पर वोट बैंक के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं. अगर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो राजनैतिक दलों को इसका खामियाजा भुगतना पडे़गा. उन्होंने उम्मीद जताई है कि राजनैतिक दल इस पर गंभीरता से विचार कर अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगे.
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संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार ने कहा कि देश के जितने भी राजनैतिक दलों के विधायक, सांसद व मंत्री हैं वह मोटी पेंशन ले रहे हैं. जबकि कर्मचारी जो किसी भी विभाग का है उसकी पेंशन मात्र एक हजार पंद्रह सौ कर दी गई है. यह बड़ा घोटाला है. संगठन की मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए. इस मांग को लेकर पूरे प्रदेश के संगठन, राष्ट्रीय अध्यक्ष संघर्षरत हैं.