विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने यूपीसीएल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष उपभोक्ताओं को महंगे दाम पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिसका असर है कि डिस्ट्रीब्यूशन हानि की मार झेल रहे उपभोक्ता अधिकांश क्षेत्रों में 25 से 40 प्रतिशत है.
जन संघर्ष मोर्चा ने यूपीसीएल पर लापरवाही का लगाया आरोप: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यूपीसीएल पर राज भवन, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग और शासन के आदेशों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. विभाग अपनी मनमानी कर रहा है. अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रीब्यूशन हानि 13.96 प्रतिशत और एटीएंडसी हानि 15.25 प्रतिशत रही.
उपभोक्ताओं पर कहर बनकर टूट रही लाइन हानि: इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में 14.15 और 15.75 लाइन हानि रही. साल 2022-23 में 14.41 और 15.49 लाइन हानि रही. बाहर से 1000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की बिजली खरीद और लगभग 1000 करोड़ रुपए मूल्य की लाइन हानि उपभोक्ताओं पर कहर बनकर टूट रही है.
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सस्ती बिजली के लिए कोर्ट जाएगा जन संघर्ष मोर्चा: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि ऊर्जा प्रदेश वाला जुमला उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मोर्चा उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दिलाने के लिए शीघ्र ही न्यायालय से गुहार लगाएगा. बता दें कि इससे पहले भी जन संघर्ष मोर्चा ने इस संबंध में अवगत कराया था. इसके बावजूद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं, इससे पहले जन संघर्ष मोर्चा ने कर्मकार कल्याण बोर्ड में साइकिल घोटाले का मुद्दा उठाया था और सीबीआई जांच की मांग की थी.
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