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कश्मीरी छात्र को हिरासत में लेकर फुर्र हुई J&K पुलिस, 'मित्र पुलिस' को भनक तक नहीं

देहरादून से कश्मीरी छात्र को हिरासत में लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने साथ ले गई है लेकिन पुलिस उत्तराखंड पुलिस को कानोंकान खबर नहीं है. बीते दिनों उत्तराखंड एसटीएफ ने दो कश्मीरी छात्रों को अपने साथ हिरासत में लिया था. ऐसे J&K पुलिस दोनों में से एक को ले गई है.

Uttarakhand Police
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Published : Nov 15, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 7:15 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून के थाना प्रेम नगर इलाके में शिक्षा ग्रहण करने वाले एक कश्मीरी छात्र को जम्मू-कश्मीर पुलिस हिरासत में लेकर फुर्र हो गई, लेकिन उत्तराखंड पुलिस को कानोंकान खबर नहीं. बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के हत्थे चढ़े कश्मीरी छात्र के श्रीनगर (कश्मीर) में हो रहे टारगेट किलिंग से जुड़े कनेक्शन हो सकते हैं.

इसी शक के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रेम नगर क्षेत्र से उसी कश्मीरी छात्र को अपने साथ हिरासत में लेकर कश्मीर पहुंच चुकी है, जिस छात्र को उसके साथी के साथ बीते गुरुवार को उत्तराखंड एसटीएफ ने श्रीनगर कश्मीर में हुए दो हत्याकांड और अन्य संदिग्ध अपराधिक गतिविधियों आरोप में हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हालांकि, 24 घंटे हिरासत में रखने के बावजूद पूछताछ में एसटीएफ को दोनों ही कश्मीरी छात्र से कोई खास जानकारी नहीं मिली, जिसके तहत उन पर किसी तरह का आरोप लगाया जा सके.

उत्तराखंड STF ने हिरासत में लिए दोनों कश्मीरी छात्रों से कश्मीर से लेकर देहरादून तक अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भी सत्यापन जैसे मामले में पड़ताल की, लेकिन प्रारंभिक इंवेस्टिगेशन में एसटीएफ के हाथ पुख्ता सबूत नहीं लगे. हालांकि, एसटीएफ के मुताबिक अभी कश्मीरी छात्रों से जुड़े मामले में आगे भी जांच पड़ताल जारी रहेगी.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि, इस कार्रवाई के बारे में उन्हें कोई खास जानकारी नहीं है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनसे इस विषय में कोई संपर्क नहीं किया. ऐसे में किस वजह से पूछताछ और इंवेस्टिगेशन के लिए कश्मीरी छात्र को ले जाया गया है, इसके बारे में उनके पास पुख्ता जानकारी नहीं है.

पढ़ें- कश्मीरी छात्रों की जांच में STF के हाथ फिलहाल खाली, गुरुवार को लिया था हिरासत में

जानकारी के मुताबिक, देहरादून के थाना प्रेमनगर और सेलाकुई एजुकेशन इलाके में स्थित कई टेक्निकल शिक्षण संस्थानों में लगभग 5 से 6 हजार कश्मीरी छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. पूरे उत्तराखंड की बात करें तो 13 हजार से अधिक कश्मीरी छात्र-छात्राएं प्रदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

देहरादून के प्रेमनगर और सेलाकुई थाना क्षेत्र में बीते वर्षों में कश्मीरी छात्र छात्राओं की गतिविधियां संदिग्ध रही है. इतना ही नहीं, बीते वर्षों में यहां कई छात्रों का कश्मीरी और पाकिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में होने की भी घटनाएं सामने आती रही हैं.

  • उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक 2003-06 के बीच प्रेमनगर से इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल का मामला सामने आया.
  • 2001 में क्लेमेंटाउन क्षेत्र से हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी गिरफ्तार हुआ.
  • मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में दिल्ली एटीएस ने 2007 में सेलाकुई से एक आतंकी की गिरफ्तार किया. इसी दौरान एक अन्य कॉलेज से भी संदिग्ध कश्मीरी की गिरफ्तारी हुई थी.
  • वर्ष 2008 में यूपी एसटीएफ ने ऋषिकेश से हूजी से संपर्क रखने वाले एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था.
  • नाभा जेल पर हमला कर खालिस्तानी आतंकी को छुड़ाने की साजिश भी आतंकियों ने देहरादून में रहकर ही रची थी.
  • 2018 में शोएब अहमद लोन नाम का कश्मीरी छात्र, जो प्रेमनगर स्थित अल्पाइन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट में बीटेक का छात्र था. अपने घर जाने के बाद वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया था.

देहरादून: राजधानी देहरादून के थाना प्रेम नगर इलाके में शिक्षा ग्रहण करने वाले एक कश्मीरी छात्र को जम्मू-कश्मीर पुलिस हिरासत में लेकर फुर्र हो गई, लेकिन उत्तराखंड पुलिस को कानोंकान खबर नहीं. बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के हत्थे चढ़े कश्मीरी छात्र के श्रीनगर (कश्मीर) में हो रहे टारगेट किलिंग से जुड़े कनेक्शन हो सकते हैं.

इसी शक के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रेम नगर क्षेत्र से उसी कश्मीरी छात्र को अपने साथ हिरासत में लेकर कश्मीर पहुंच चुकी है, जिस छात्र को उसके साथी के साथ बीते गुरुवार को उत्तराखंड एसटीएफ ने श्रीनगर कश्मीर में हुए दो हत्याकांड और अन्य संदिग्ध अपराधिक गतिविधियों आरोप में हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हालांकि, 24 घंटे हिरासत में रखने के बावजूद पूछताछ में एसटीएफ को दोनों ही कश्मीरी छात्र से कोई खास जानकारी नहीं मिली, जिसके तहत उन पर किसी तरह का आरोप लगाया जा सके.

उत्तराखंड STF ने हिरासत में लिए दोनों कश्मीरी छात्रों से कश्मीर से लेकर देहरादून तक अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भी सत्यापन जैसे मामले में पड़ताल की, लेकिन प्रारंभिक इंवेस्टिगेशन में एसटीएफ के हाथ पुख्ता सबूत नहीं लगे. हालांकि, एसटीएफ के मुताबिक अभी कश्मीरी छात्रों से जुड़े मामले में आगे भी जांच पड़ताल जारी रहेगी.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि, इस कार्रवाई के बारे में उन्हें कोई खास जानकारी नहीं है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनसे इस विषय में कोई संपर्क नहीं किया. ऐसे में किस वजह से पूछताछ और इंवेस्टिगेशन के लिए कश्मीरी छात्र को ले जाया गया है, इसके बारे में उनके पास पुख्ता जानकारी नहीं है.

पढ़ें- कश्मीरी छात्रों की जांच में STF के हाथ फिलहाल खाली, गुरुवार को लिया था हिरासत में

जानकारी के मुताबिक, देहरादून के थाना प्रेमनगर और सेलाकुई एजुकेशन इलाके में स्थित कई टेक्निकल शिक्षण संस्थानों में लगभग 5 से 6 हजार कश्मीरी छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. पूरे उत्तराखंड की बात करें तो 13 हजार से अधिक कश्मीरी छात्र-छात्राएं प्रदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

देहरादून के प्रेमनगर और सेलाकुई थाना क्षेत्र में बीते वर्षों में कश्मीरी छात्र छात्राओं की गतिविधियां संदिग्ध रही है. इतना ही नहीं, बीते वर्षों में यहां कई छात्रों का कश्मीरी और पाकिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में होने की भी घटनाएं सामने आती रही हैं.

  • उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक 2003-06 के बीच प्रेमनगर से इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल का मामला सामने आया.
  • 2001 में क्लेमेंटाउन क्षेत्र से हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी गिरफ्तार हुआ.
  • मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में दिल्ली एटीएस ने 2007 में सेलाकुई से एक आतंकी की गिरफ्तार किया. इसी दौरान एक अन्य कॉलेज से भी संदिग्ध कश्मीरी की गिरफ्तारी हुई थी.
  • वर्ष 2008 में यूपी एसटीएफ ने ऋषिकेश से हूजी से संपर्क रखने वाले एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था.
  • नाभा जेल पर हमला कर खालिस्तानी आतंकी को छुड़ाने की साजिश भी आतंकियों ने देहरादून में रहकर ही रची थी.
  • 2018 में शोएब अहमद लोन नाम का कश्मीरी छात्र, जो प्रेमनगर स्थित अल्पाइन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट में बीटेक का छात्र था. अपने घर जाने के बाद वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया था.
Last Updated : Nov 15, 2021, 7:15 PM IST
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