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उत्तराखंड की जेलों में बंद हैं क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदी, राज्य के इन 6 जिलों में नहीं है कोई जेल - देहरादून न्यूज

उत्तराखंड की जेलों में दिन प्रतिदिन कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रदेश की कुल 11 जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं. जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना फिलहाल नहीं दिख रही है.

उत्तराखंड की जेल
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Published : Aug 11, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Aug 11, 2019, 9:11 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड की जेलों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. आलम यह है कि प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है. प्रदेश में कुल 11 जेल हैं, जिसमें मात्र 3,420 कैदी रखने की क्षमता है, पर इन 11 जेलों में 5,390 कैदियों से ज्यादा बंदी रखे गए हैं. इसके साथ ही दिन प्रतिदिन दिन इन जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना बनती हुई नजर नहीं आ रही है.

उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी.

वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में कुल 11 जेल हैं. क्षेत्र के आधार पर बात की जाए तो प्रदेश के 13 जिलों में से मात्र 7 जिलों में ही जेल बनी है, बाकी के 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में कोई जेल नहीं हैं तो वहीं उधमसिंह नगर जिले में दो जेल है. केंद्रीय जेल सितारगंज और संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल. इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल जिले में जिला कारागार के साथ एक-एक उप कारागार भी मौजूद है.

प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े

  • जिला जेल देहरादून की क्षमता 5,80 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन यहां 1,254 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन यहां 189 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन हैं.
  • हरिद्वार जिले की उप कारागार रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की हैं. लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन हैं.
  • नैनीताल जिले की उप कारागार हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की हैं. इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं. जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.

नोट - जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े 20 अप्रैल 2019 तक के हैं.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर से उत्तराखंड का गहरा नाता, हिमालयन राज्यों में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: महाराज

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात को माना कि प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे गए हैं. साथ ही बताया कि जेल में कैदियों के लिए व्यवस्थाएं बनाते हैं, ताकि कैदियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. साथ ही बताया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो जेलों की संख्या बढ़ायी जाएगी.

देहरादूनः उत्तराखंड की जेलों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. आलम यह है कि प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है. प्रदेश में कुल 11 जेल हैं, जिसमें मात्र 3,420 कैदी रखने की क्षमता है, पर इन 11 जेलों में 5,390 कैदियों से ज्यादा बंदी रखे गए हैं. इसके साथ ही दिन प्रतिदिन दिन इन जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना बनती हुई नजर नहीं आ रही है.

उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी.

वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में कुल 11 जेल हैं. क्षेत्र के आधार पर बात की जाए तो प्रदेश के 13 जिलों में से मात्र 7 जिलों में ही जेल बनी है, बाकी के 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में कोई जेल नहीं हैं तो वहीं उधमसिंह नगर जिले में दो जेल है. केंद्रीय जेल सितारगंज और संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल. इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल जिले में जिला कारागार के साथ एक-एक उप कारागार भी मौजूद है.

प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े

  • जिला जेल देहरादून की क्षमता 5,80 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन यहां 1,254 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन यहां 189 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन हैं.
  • जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की हैं और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन हैं.
  • हरिद्वार जिले की उप कारागार रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की हैं. लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन हैं.
  • नैनीताल जिले की उप कारागार हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की हैं, लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की हैं. इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं. जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.

नोट - जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े 20 अप्रैल 2019 तक के हैं.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर से उत्तराखंड का गहरा नाता, हिमालयन राज्यों में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: महाराज

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात को माना कि प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे गए हैं. साथ ही बताया कि जेल में कैदियों के लिए व्यवस्थाएं बनाते हैं, ताकि कैदियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. साथ ही बताया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो जेलों की संख्या बढ़ायी जाएगी.

Intro:नोट - फीड ftp पर है...uk_deh_03_prisoner_capacity_vis_7205803


उत्तराखंड के जेलों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। आलम यह है कि प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है. प्रदेश में कुल 11 जेल है जिसमे मात्र 3420 कैदी रखने की क्षमता है. बावजूद इसके इन 11 जेलों में 5390 कैदियों से ज्यादा कैदी रखे गए हैं. इसके साथ ही दिन पे दिन इन जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार की तरफ से अभीतक जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना बनती हुई नजर नहीं आ रही है. 


Body:वर्तमान समय मे उत्तराखंड राज्य में कुल 11 जेल हैं. क्षेत्र के आधार पर बात की जाए तो प्रदेश के 13 जिलों में से मात्र 7 जिलों में ही जेल बने हैं, बाकी के 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में कोई जेल नहीं है। तो वहीं, उधमसिंह नगर जिले में दो जेल है, केंद्रीय जेल सितारगंज और संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल। इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल जिले में जिला कारागार के साथ एक-एक उप कारागार भी मौजूद है।


...........प्रदेश में जेलों में बंद कैदियों के आकड़े...........

- जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों को रखने की है, लेकिन यहां 1254 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की है, लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की है. लेकिन यहां 189 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन है.

- जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं. जिसमें  16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन है.

- हरिद्वार जिले की उप कारागार रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन है.

- नैनीताल जिले की उप कारागार हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन है.

- उधमसिंह नगर जिले में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की है. इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन है.

- उधमसिंह नगर जिले में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं. जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.

नोट - जेलों में बंद कैदियों के आकड़े, 20 अप्रैल 2019 तक के है।


वही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात को माना की प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे गए है। साथ ही बताया कि जेल में कैदियों के लिए व्यवस्थाएं बनाते है ताकि कैदियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। और वह की व्यवस्थाएं उनके अनुमन्य हो ये कोशिश रहती है। साथ ही बताया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो जेलों की संख्या बढ़ायी जाएगी।

बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, सीएम






Conclusion:
Last Updated : Aug 11, 2019, 9:11 PM IST
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