ETV Bharat / state

माउंट बलबला पर पहुंचे ITBP के पर्वतारोही, पहाड़ फतह करने वाले बने पहले भारतीय

ITBP के पर्वतारोहियों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. ITBP के एक दल ने उत्तराखंड में माउंट बलबला को फतह कर लिया है. ऐसा करने वाला ये पहला भारतीय दल बन गया है. इन पर्वतारोहियों ने माउंट बलबला पर ही आजादी का अमृत महोत्सव मनाया.

माउंट बलबाला को फतह करने वाले पहले भारतीय बने
माउंट बलबाला को फतह करने वाले पहले भारतीय बने
author img

By

Published : Sep 6, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 9:59 PM IST

देहरादून: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के पर्वतारोहियों का एक दल उत्तराखंड में माउंट बलबला को फतह करने वाला पहला भारतीय दल बन गया है. ITBP पर्वतारोहियों ने 4 सितंबर को उत्तराखंड में माउंट बलबला (21,050 फीट) पर चढ़ाई की. आईटीबीपी के मुताबिक इससे पहले 21,050 फीट ऊंची चोटी को आखिरी बार 1947 में स्विस पर्वतारोहियों ने फतह किया था.

कोडनेम पराक्रम के तहत सेक्टर मुख्यालय देहरादून से आईटीबीपी के पर्वतारोही दल ने अपने अभियान की शुरुआत की थी. सात अगस्त को जोशीमठ स्थित पहली बटालियन से अभियान लॉन्च हुआ. इस टीम में सहायक कमांडेंट भीम सिंह, उप निरीक्षक प्रवीण, उप निरीक्षक आशीष रंजन, उप निरीक्षक निखिल, कॉन्स्टेबल सुनील कुमार और कॉन्स्टेबल प्रदीप पंवार ने अपने गाइड राजू मार्तोलिया के साथ 4 सितंबर को माउंट बलबला की चोटी पर चढ़ाई की. प्रशिक्षित बल ITBP 1962 से 220 से अधिक चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुका है, जो इस पर्वतारोही बल के अनूठे और अद्वितीय रिकॉर्ड को दर्शाता है.

दल के कमांडर भीम सिंह ने बताया कि माउंट बलबला पीक हिमालय की 6416 मीटर ऊंची चोटी है. तकनीकी रूप से खतरनाक चोटी पर 25 अगस्त 1947 को स्विट्जरलैंड के पर्वतारोही दल के फतह करने के बाद कोई भी दल चोटी को फतह नहीं कर सका था. ऐसे में आईटीबीपी का 46 सदस्यीय दल चोटी को फतह करने वाला दूसरा दल बन गया है.

बताया कि दल ने 4 सितंबर को जब पीक को फतह करने के लिये सुबह चढाई शुरू की तो जोरदार बर्फबारी और तेज हवाएं चलने लगीं. जिसके चलते दल ने दोपहर 2 बजे चढाई कर चोटी को फतह किया. माउंट बलबला की चोटी पर दल ने तिरंगा झंडा लहराने के बाद राष्ट्रगान गाकर, भारत माता और आईटीबीपी के जयकारे लगाए.

ये भी पढ़ें: पूर्व CM त्रिवेंद्र ने योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात, चुनावों को लेकर चर्चा

कहां हैं माउंट बलबाला: बलबला शिखर उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं में एक है. यह चोटी भारत और चीन की सीमा पर जांस्कर रेंज में स्थित है. बलबला की ऊंचाई 6,416 मीटर (21,050 फीट) है. यह उत्तराखंड में 100वीं सबसे ऊंची चोटी है. नंदा देवी इस श्रेणी का सबसे ऊंचा पर्वत है, जो बलबला से 6,282 मीटर (20,610 फीट) की दूरी पर पश्चिम में स्थित है.

सबसे पहले स्विस टीम ने किया था फतह: पहली बार 1947 में गढ़वाल अभियान के तहत स्विस के पर्वतारोहियों ने इसकी चोटी पर चढ़ाई की थी. जिसमें उन्होंने गंगोत्री रेंज से अपने ट्रैकिंग की शुरुआत की थी. इस टीम में एममे लोहनेर, आंद्रे रोच, अल्फ्रेड सटर, एलेक्जेंडर ग्रेवेन, रेने डिटर्ट और चार शेरपा शामिल थे. 25 अगस्त 1947 को सुबह 10.30 बजे वे बलबला के शिखर पर पहुंचे थे. पर्वतारोही जवान अपनी इस सफलता पर इतने खुश थे कि उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव माउंट बलबला की चोटी पर ही मनाया.

देहरादून: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के पर्वतारोहियों का एक दल उत्तराखंड में माउंट बलबला को फतह करने वाला पहला भारतीय दल बन गया है. ITBP पर्वतारोहियों ने 4 सितंबर को उत्तराखंड में माउंट बलबला (21,050 फीट) पर चढ़ाई की. आईटीबीपी के मुताबिक इससे पहले 21,050 फीट ऊंची चोटी को आखिरी बार 1947 में स्विस पर्वतारोहियों ने फतह किया था.

कोडनेम पराक्रम के तहत सेक्टर मुख्यालय देहरादून से आईटीबीपी के पर्वतारोही दल ने अपने अभियान की शुरुआत की थी. सात अगस्त को जोशीमठ स्थित पहली बटालियन से अभियान लॉन्च हुआ. इस टीम में सहायक कमांडेंट भीम सिंह, उप निरीक्षक प्रवीण, उप निरीक्षक आशीष रंजन, उप निरीक्षक निखिल, कॉन्स्टेबल सुनील कुमार और कॉन्स्टेबल प्रदीप पंवार ने अपने गाइड राजू मार्तोलिया के साथ 4 सितंबर को माउंट बलबला की चोटी पर चढ़ाई की. प्रशिक्षित बल ITBP 1962 से 220 से अधिक चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुका है, जो इस पर्वतारोही बल के अनूठे और अद्वितीय रिकॉर्ड को दर्शाता है.

दल के कमांडर भीम सिंह ने बताया कि माउंट बलबला पीक हिमालय की 6416 मीटर ऊंची चोटी है. तकनीकी रूप से खतरनाक चोटी पर 25 अगस्त 1947 को स्विट्जरलैंड के पर्वतारोही दल के फतह करने के बाद कोई भी दल चोटी को फतह नहीं कर सका था. ऐसे में आईटीबीपी का 46 सदस्यीय दल चोटी को फतह करने वाला दूसरा दल बन गया है.

बताया कि दल ने 4 सितंबर को जब पीक को फतह करने के लिये सुबह चढाई शुरू की तो जोरदार बर्फबारी और तेज हवाएं चलने लगीं. जिसके चलते दल ने दोपहर 2 बजे चढाई कर चोटी को फतह किया. माउंट बलबला की चोटी पर दल ने तिरंगा झंडा लहराने के बाद राष्ट्रगान गाकर, भारत माता और आईटीबीपी के जयकारे लगाए.

ये भी पढ़ें: पूर्व CM त्रिवेंद्र ने योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात, चुनावों को लेकर चर्चा

कहां हैं माउंट बलबाला: बलबला शिखर उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं में एक है. यह चोटी भारत और चीन की सीमा पर जांस्कर रेंज में स्थित है. बलबला की ऊंचाई 6,416 मीटर (21,050 फीट) है. यह उत्तराखंड में 100वीं सबसे ऊंची चोटी है. नंदा देवी इस श्रेणी का सबसे ऊंचा पर्वत है, जो बलबला से 6,282 मीटर (20,610 फीट) की दूरी पर पश्चिम में स्थित है.

सबसे पहले स्विस टीम ने किया था फतह: पहली बार 1947 में गढ़वाल अभियान के तहत स्विस के पर्वतारोहियों ने इसकी चोटी पर चढ़ाई की थी. जिसमें उन्होंने गंगोत्री रेंज से अपने ट्रैकिंग की शुरुआत की थी. इस टीम में एममे लोहनेर, आंद्रे रोच, अल्फ्रेड सटर, एलेक्जेंडर ग्रेवेन, रेने डिटर्ट और चार शेरपा शामिल थे. 25 अगस्त 1947 को सुबह 10.30 बजे वे बलबला के शिखर पर पहुंचे थे. पर्वतारोही जवान अपनी इस सफलता पर इतने खुश थे कि उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव माउंट बलबला की चोटी पर ही मनाया.

Last Updated : Sep 6, 2021, 9:59 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.