देहरादून: उत्तराखंड की मेजबानी में 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप 2022 का देहरादून की पुलिस लाइन में समापन हो गया. पहली बार मेजबानी कर रही उत्तराखंड पुलिस के इस आयोजन में तीरंदाजी की विभिन्न स्पर्धाओं के विजेता खिलाड़ियों को ट्रॉफी प्रदान कर राज्य के गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने पुरस्कृत किया. 14 दिसंबर से 18 दिसंबर 2022 तक चली इस राष्ट्रीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता में 26 राज्यों व केंद्र शासित पुलिस खिलाड़ियों ने भाग लिया. इनमें 316 पुरुष और महिला खिलाड़ी शामिल रहे. तीरंदाजी प्रतियोगिता में ITBP पहले नंबर पर और राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा.
आईटीबीपी ने हासिल किया पहला स्थान: 5 दिनों तक चली अखिल भारतीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान आईटीबीपी का रहा. द्वितीय स्थान राजस्थान पुलिस की टीम को प्राप्त हुआ. वहीं तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में महिला वर्ग में प्रथम स्थान बीएसएफ को मिला. दूसरे स्थान पर आसाम राइफल की टीम रही. तृतीय स्थान सीआरपीएफ की टीम को प्राप्त हुआ.
राजस्थान पुलिस के रजत चौहान सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज: अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप 2022 के पुरुष वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार विजेता राजस्थान पुलिस के रजत चौहान को मिला. आईटीबीपी के तुषार सिल्के को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज का सम्मान प्राप्त हुआ. दूसरी ओर महिला वर्ग में बीएसएफ की टूटू मोनी बोरो ने प्रथम स्थान पाकर सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज का पुरस्कार प्राप्त किया.
उत्तराखंड टीम की तीरंदाजी रैंकिंग 12 से छठे स्थान पर पहुंची: उत्तराखंड की टीम की रैंकिंग भी पिछली चैंपियनशिप के मुकाबले बेहतर हुई. उत्तराखंड पुलिस की तीरंदाजी टीम पिछले वर्ष के 12वें स्थान के मुकाबले वर्तमान तीरंदाजी प्रतियोगिता में छठे स्थान पर रही. 11वीं ऑल इंडिया पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान इस बार उत्तराखंड पुलिस के खिलाड़ियों ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उत्तराखंड पुलिस की तीरंदाजी टीम ने कुल 5 पदक अपने नाम किए गए. इनमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे.
द्रोणाचार्य के धाम को तीरंदाजी में आगे बढ़ाया जाएगा- राज्यपाल: 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप 2022 के आयोजन को लेकर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि तीरंदाजी एक महत्वपूर्ण खेल है, जिसका सेना एवं पुलिस में विशेष स्थान है. उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभाग कर रहे खिलाड़ियों द्वारा प्रदर्शित दृढ़ इच्छा शक्ति और एकाग्रता की सराहना की. उन्होंने कहा कि तीरंदाजी का खेल अपने आप में एक बौद्धिक कौशल एवं एकाग्रता का प्रतीक है. ऐसे में द्रोणाचार्य के इस धाम आने वाले दिनों में अन्य खेलों की तरह तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए भी संसाधनों और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाएगा.
पहली बार तीरंदाजी प्रतियोगिता कराना हमारे लिए बड़ी चुनौती रही-DGP: वहीं राष्ट्रीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप प्रतियोगिता संपन्न होने के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पहली बार इस आयोजन की मेजबानी करना बड़ी चुनौती का विषय रहा. पुलिस लाइन मैदान को ही कम समय में तीरंदाजी स्थल बनाया गया. आने वाले समय में और भव्य तरीके से इस प्रतियोगिता के लिए व्यवस्थाएं स्थापित की जाएंगी.
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26 प्रदेशों के 316 खिलाड़ियों ने लिया भाग: बता दें कि अखिल भारतीय स्तर पर 10 वर्ष पूर्व शुरू हुई तीरंदाजी की प्रतियोगिता का प्रथम बार सफल और भव्य तरीके से उत्तराखंड पुलिस द्वारा मेजबानी की गई. 14 दिसंबर 2022 से शुरू हुई 5 दिवसीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में 26 प्रदेशों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं पैरामिलिट्री की टीमों के 316 खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया. 5 दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान समस्त राज्यों की पुलिस टीमों के खिलाड़ियों और अन्य सपोर्ट स्टाफ को उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराकर राज्य की संस्कृति से भी रूबरू कराया गया.