ऋषिकेशः तीर्थनगरी ऋषिकेश की चंद्रभागा नदी के किनारे फेंसिंग जाली का निर्माण (rishikesh chandrabhaga river) कर दिया गया है. जबकि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी है. अचानक हरकत में आए सिंचाई विभाग ने अब जिला कार्यालय के माध्यम से निर्माण हटाने को लेकर कार्रवाई शुरू की है. इसमें श्री भरत मंदिर ट्रस्ट को नोटिस (Notice to Shri Bharat Mandir Trust) जारी कर 10 दिन के भीतर नदी क्षेत्र से निर्माण हटाने का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
सिंचाई विभाग की देहरादून डिवीजन में तैनात सहायक अभियंता दीपक गुरनानी के मुताबिक, चंद्रभागा नदी क्षेत्र में श्री भरत मंदिर ट्रस्ट की ओर से निर्माण किए जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद विभागीय जिलेदार कार्यालय के माध्यम से ट्रस्ट के ऋषिकेश कार्यालय को इस बाबत नोटिस जारी किया. इसमें 10 दिन का समय निर्माण हटाने के लिए दिया गया है. नोटिस का अनुपालन नहीं करने की सूरत में विभाग ने विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी ट्रस्ट प्रबंधन को दी है.
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सहायक अभियंता ने बताया कि इस मामले में सिर्फ सिंचाई विभाग ही नहीं, बल्कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और नगर निगम प्रशासन की ओर से भी कार्रवाई की जानी है. वहीं, हैरात की बात यह है कि नदी क्षेत्र में खुलेआम तटबंध का निर्माण कर पहले लोहे के फेंसिंग से की गई और इसके बाद उसमें लोहे के एंगल जोड़े गए हैं. बावजूद, निर्माण के दौरान विभाग ने इसे रोकने की जहमत नहीं उठाई.