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IAS अधिकारी यौन उत्पीड़न मामला:  बैकफुट पर पुलिस महकमा, जांच अधिकारी बदलने की तैयारी

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Published : Dec 20, 2019, 9:16 PM IST

यूपी के बिजनौर की रहने वाली एक शिक्षिका ने राष्ट्रीय महिला आयोग में उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.

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IAS अधिकारी यौन उत्पीड़न मामला

देहरादून: राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच तो शुरू कर दी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे है. क्योंकि अब इस मामले की एसपी सिटी श्वेता चौबे के अलावा किसी को देने की तैयारी की जा रही है.

IAS अधिकारी यौन उत्पीड़न मामला

इस बारे में जब देहरादून एसएसपी अरूण मोहन जोशी के बात कि गई तो वे सवालों से बचते हुए नजर आए है. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि ये मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर दर्ज किया गया है. इसलिए इसकी जांच समय से पूरी करनी होती है, लेकिन एसपी सिटी श्वेता चौबे इस समय में कानून-व्यवस्था के कारण काफी व्यस्त चल रही है. ऐसे में अगर इस मामले की जांच किसी और अधिकारी को देने की जरुरत महसूस होगी तो उस पर विचार किया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड: यौन शोषण के मामले में फंसे IAS अधिकारी की बढ़ सकती है मुश्किलें

ये है मामला
दरअसल, यूपी के बिजनौर की रहने वाली एक शिक्षिका ने राष्ट्रीय महिला आयोग में उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला ने आयोग को बताया था कि 2012 में उसकी पहचान उत्तराखंड कैडर के एक आईएएस अधिकारी हुई थी. कुछ समय 19 अगस्त 2012 को दोनों ने शादी कर ली थी. पीड़िता का कहना है कि शादी के काफी समय बाद उन्हें आरोपी के शादी शुदा होने का पता चला. इसी बीच महिला को एक बेटा भी हो चुका था.

पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने कभी भी उसको पत्नी का दर्जा नहीं दिया. इसकी शिकायत उसने कई बार पुलिस और शासन के बड़े अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने भी एक नहीं सुनीं. थक-हारकर कर पीड़िता इंसाफ के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की शरण में गई. जिसके बाद आयोग ने मामले की संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस को निर्देश दिए. आयोग के निर्देश पर दो पहले ही इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी सिटी श्वेता चौबे को दिया गया था, लेकिन हाई प्रोफाइल केस के चलते इस मामले के एसपी सिटी श्वेता चौबे से हटाकर किसी और को देने की तैयारी की जा रही है.

देहरादून: राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच तो शुरू कर दी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे है. क्योंकि अब इस मामले की एसपी सिटी श्वेता चौबे के अलावा किसी को देने की तैयारी की जा रही है.

IAS अधिकारी यौन उत्पीड़न मामला

इस बारे में जब देहरादून एसएसपी अरूण मोहन जोशी के बात कि गई तो वे सवालों से बचते हुए नजर आए है. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि ये मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर दर्ज किया गया है. इसलिए इसकी जांच समय से पूरी करनी होती है, लेकिन एसपी सिटी श्वेता चौबे इस समय में कानून-व्यवस्था के कारण काफी व्यस्त चल रही है. ऐसे में अगर इस मामले की जांच किसी और अधिकारी को देने की जरुरत महसूस होगी तो उस पर विचार किया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड: यौन शोषण के मामले में फंसे IAS अधिकारी की बढ़ सकती है मुश्किलें

ये है मामला
दरअसल, यूपी के बिजनौर की रहने वाली एक शिक्षिका ने राष्ट्रीय महिला आयोग में उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला ने आयोग को बताया था कि 2012 में उसकी पहचान उत्तराखंड कैडर के एक आईएएस अधिकारी हुई थी. कुछ समय 19 अगस्त 2012 को दोनों ने शादी कर ली थी. पीड़िता का कहना है कि शादी के काफी समय बाद उन्हें आरोपी के शादी शुदा होने का पता चला. इसी बीच महिला को एक बेटा भी हो चुका था.

पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने कभी भी उसको पत्नी का दर्जा नहीं दिया. इसकी शिकायत उसने कई बार पुलिस और शासन के बड़े अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने भी एक नहीं सुनीं. थक-हारकर कर पीड़िता इंसाफ के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की शरण में गई. जिसके बाद आयोग ने मामले की संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस को निर्देश दिए. आयोग के निर्देश पर दो पहले ही इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी सिटी श्वेता चौबे को दिया गया था, लेकिन हाई प्रोफाइल केस के चलते इस मामले के एसपी सिटी श्वेता चौबे से हटाकर किसी और को देने की तैयारी की जा रही है.

Intro:summary-योन उत्पीड़ित मामलें के आरोपित उत्तराखंड आईएएस अधिकारी के खिलाफ पुलिस जांच अफ़सर बदलने की बात।


यौन उत्पीड़न मामले में फसे उत्तराखंड शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग के आदेशनुसार चल रही प्रारंभिक जांच पड़ताल में ही पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे हैं।उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली स्कूल अध्यापिका द्वारा लगाए गए आईएएस अधिकारी पर यौन शोषण मामले में 2 दिन पहले ही देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी द्वारा एसपी सिटी श्वेता चौबे को इस मामलें की जांच सौंपी गई थी, लेकिन मामला हाईप्रोफाइल शासन के बड़े अधिकारी से जुड़े होने के चलते तेज़ तर्रार एसपी सिटी श्वेता चौबे से यह जांच हटाकर किसी अन्य पुलिस अधिकारी को देने की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि यह जांच अब किस पुलिस अफसर को सौंपी जाएगी इस बारे में देहरादून एसएसपी ने कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं।


Body:आईएएस के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में निष्पक्ष जांच करना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण

उत्तराखंड शासन के अहम विभागों की जिम्मेदारी निभा रहे आरोपित आईएएस अधिकारी पर लगे यौन उत्पीडन मामलें की निष्पक्ष जांच करना किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे से हटाने के बाद यह जांच किस अफसर द्वारा मुकम्मल की जाती है. हालांकि इस मामले में देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी सफ़ाई देते हुए कहा कि शहर में अन्य तरह की कानून व्यवस्था बनाने में एसपी सिटी श्वेता चौबे की व्यस्तता ज्यादा है जिसके चलते उनसे यह जांच हटाकर अन्य अधिकारी को देने पर कार्य चल रहा है।


Conclusion:यौन उत्पीड़न मामलें दोनों पक्षों के जांच सहयोग के सवाल पर, एसएसपी ने साधी चुप्पी

यूपी के बिजनौर रहने वाली स्कूल अध्यापिका द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप करने के बाद बमुश्किल पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की थी लेकिन एकाएक इस मामले की जांच तेजतर्रार देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे हटाने के बाद ...इस जांच को तय समय से पूरा करना भी पुलिस के लिए अलग से एक चुनौती भी है। इस बात से देहरादून एसएसपी अरे मोहन जोशी अभी इत्तेफाक रखते हैं, उनका कहना है कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा दी गई किसी भी जांच को तय समय ऐसे ही पूरा करना होता है, ऐसे में उनकी ओर से प्रयास रहेगा कि जांच समय से पूरी हो। हालांकि देहरादून एसएसपी ने दोनों पक्षों के जांच में सहयोग करने वाले सवाल को टाल दिया।

बाइट- अरुण मोहन जोशी, एसएसपी देहरादून

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