देहरादून: राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच तो शुरू कर दी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे है. क्योंकि अब इस मामले की एसपी सिटी श्वेता चौबे के अलावा किसी को देने की तैयारी की जा रही है.
इस बारे में जब देहरादून एसएसपी अरूण मोहन जोशी के बात कि गई तो वे सवालों से बचते हुए नजर आए है. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि ये मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर दर्ज किया गया है. इसलिए इसकी जांच समय से पूरी करनी होती है, लेकिन एसपी सिटी श्वेता चौबे इस समय में कानून-व्यवस्था के कारण काफी व्यस्त चल रही है. ऐसे में अगर इस मामले की जांच किसी और अधिकारी को देने की जरुरत महसूस होगी तो उस पर विचार किया जाएगा.
पढ़ें- उत्तराखंड: यौन शोषण के मामले में फंसे IAS अधिकारी की बढ़ सकती है मुश्किलें
ये है मामला
दरअसल, यूपी के बिजनौर की रहने वाली एक शिक्षिका ने राष्ट्रीय महिला आयोग में उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला ने आयोग को बताया था कि 2012 में उसकी पहचान उत्तराखंड कैडर के एक आईएएस अधिकारी हुई थी. कुछ समय 19 अगस्त 2012 को दोनों ने शादी कर ली थी. पीड़िता का कहना है कि शादी के काफी समय बाद उन्हें आरोपी के शादी शुदा होने का पता चला. इसी बीच महिला को एक बेटा भी हो चुका था.
पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने कभी भी उसको पत्नी का दर्जा नहीं दिया. इसकी शिकायत उसने कई बार पुलिस और शासन के बड़े अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने भी एक नहीं सुनीं. थक-हारकर कर पीड़िता इंसाफ के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की शरण में गई. जिसके बाद आयोग ने मामले की संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस को निर्देश दिए. आयोग के निर्देश पर दो पहले ही इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी सिटी श्वेता चौबे को दिया गया था, लेकिन हाई प्रोफाइल केस के चलते इस मामले के एसपी सिटी श्वेता चौबे से हटाकर किसी और को देने की तैयारी की जा रही है.